कांग्रेस का दिन ही खराब है। सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा का मामला अभी ठंडा नहीं पडा है कि पार्टी के रसूखदार नेता कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की चोरी पकड़ी गई। अब तक जितने भी तथ्य सामने आए हैं, उसे देखते हुए सलमान को उनकी पत्नी सहित जेल में होना चाहिए। लेकिन मुश्किल ये है कि देश में अपराधियों को सजा कहां मिल पाती है, फिर अपराधी अगर नेता है तब तो सजा बहुत मुश्किल है, वो नेता अगर मंत्री है तब तो सजा का सवाल ही नहीं उठता। वैसे सच ये भी है कि नेता अक्सर खुद को समाजसेवी बताते हैं और कहीं वें सांसद या विधायक चुन लिए गए फिर तो उनके समाजसेवा का कद और बढ़ जाता है, किसी वजह से उन्हें मंत्री का ओहदा मिल गया तब तो वो खुदा बन जाते हैं। जनहित के नाम पर नंगा नाच करने वाले ऐसे ही दंपत्ति सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी लुइश खुर्शीद को बेनकाब किया आज तक ने अपने खास कार्यक्रम आपरेशन दृटराष्ट में।
आइये आपको बताते हैं इस मंत्री की कारस्तानी। पहले तो मंत्री जी ने अपने नाना यानि देश के राष्ट्रपति रहे जाकिर हुसैन के नाम से एक एनजीओ का गठन किया। इस एनजीओ का नाम है जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट। इसका पता मंत्री जी का निवास यानि 4, गुलमोहर एवेन्यू, जामियानगर, नई दिल्ली दर्ज है। ये पता देश के कानून मंत्री सलमान खुर्शीद का है। खुर्शीद ने अपने नाना की याद में ये ट्रस्ट बनाया। अब इस ट्रस्ट पर आरोप है कि विकलांग कल्याण के नाम पर सरकारी ग्रांट हड़पने के लिए तमाम जालसाजी की गई है। आपको हैरानी होगी कि गोरखधंधे में लिप्त जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष खुद सलमान खुर्शीद हैं और इसकी प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में उनकी पत्नी लुइस खुर्शीद है।
दरअसल इस मामले का खुलासा हुआ उत्तर प्रदेश सरकार के एक गोपनीय पत्र के जरिए। ये पत्र यूपी सरकार ने भारत सरकार के सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय को लिखा था। इस पत्र से ही जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के गोरखधंधे का खुलासा हो गया। अच्छा इसमें दो चार हजार रुपये नहीं पूरे 71 लाख रूपये डकार गए ये नेता। आपको पता ही है कि सलमान खुर्शीद केंद्र में कद्दावर नेता हैं। इसीलिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने खुर्शीद के ट्रस्ट को 71 लाख 50 हजार रुपये का भुगतान किया। इस पैसे से चलने फिरने में असमर्थ विकलांगों को व्हील चेयर दी जानी थी। इसके अलावा कम सुनने वालों को हियरिंग एड दिया जाना था। इन सामानों के वितरण का तरीका तो ये था कि पहले वहां के डीएम को बताया जाता, जिले के कल्याण अधिकारी अपनी सूची भेजते, शिविर लगाया जाता, चीफ मेडिकल ऑफिसर शिविर में मौजूद होते और जिसे वो कहते उसे जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट तिपहिया या हियरिंग एड देता।
वैसे ये कार्रवाई तो तब की जाती जब इन नेताओं का मन साफ होता। इनका मकसद तो विकलांग कल्याण के नाम पर मिले पैसों को हड़पना था, लिहाजा किसी को कोई जानकारी नहीं दी गई। फर्रुखाबाद जहां सलमान खुर्शीद का कार्यक्षेत्र है, वहां के जिला कल्याण अधिकारी ने दावा किया कि उन्हें जाकिर हुसैन ट्रस्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। लेकिन सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद का दावा है कि फर्ऱूखाबाद में शिविर भी लगा, वहां विकलांगों को उपकरण भी बंटा, अफसरों को इसकी जानकारी भी दी गई। लेकिन यहां के सभी अफसरों ने ऐसी किसी जानकारी से इनकार कर दिया। इसी तरह मैनपुरी के अलावा कुछ और जिलों में भी इस ट्रस्ट के नाम पर गोरखधंधा किया गया।
हैरानी की बात तो ये है कि केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को पिछले साल मई में ही इस बात की जानकारी मिल गई थी कि सलमान खुर्शीद की अगुवाई वाला ट्रस्ट ईमानदारी से काम नहीं कर रहा है। यहां से जो पैसे दिए जाते हैं उसकी बंदरबांट हो रही है, लेकिन जब मंत्री रसूखदार हों तो भला छोटे मोटे अफसर और कर्मचारी इनके खिलाफ कार्रवाई की हिम्मत कैसे जुटा सकते थे। लिहाजा सब कुछ जानते हुए भी पैसों का भुगतान होता रहा। इस मामले की जानकारी के बाद आज तक ने अपनी टीम का जाल बिछाया और स्टिंग आपरेशन की योजना बनाई। इस आपरेशन में अफसरों की बेबसी खुफिया कैमरे पर दर्ज हुई। पता चला कि ट्रस्ट ने बड़े-बड़े अफसरों के फर्जी दस्तखत और मुहर लगाकर कागजों में कैंप लगाए, बेनामी लाभार्थियों की लिस्ट बनाई गई, पूरा पैसा हजम कर लिया गया।
जांच पड़ताल शुरू हुई तो पता चला कि सलमान खुर्शीद की अध्यक्षता वाले ट्रस्ट ने ना सिर्फ पैसा हड़पा, बल्कि इन्होंने अफसरों के फर्जी हस्ताक्षर, मुहर और पदनाम तक बना डाले। कुछ अफसरों ने भी कैमरे पर कहा कि उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। बताते हैं कि शिकायत मिलने सरकार ने भी 17 जिलों के जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की। जब जिलों से जांच की रिपोर्ट आने लगी को सलमान खुर्शीद के ट्रस्ट की कलई खुल गई। पता चला कि लाभार्थियों को मदद मिली या नहीं इसकी तस्दीक करने वाली सरकारी टेस्ट रिपोर्ट में भी जमकर कलाकारी की गई। इटावा से आई रिपोर्ट में सीएमओ के दस्तखत जाली थे, बुलंदशहर से रिपोर्ट आई कि विकलांग कल्याण अधिकारी का दस्तखत भी फर्जी है और मुहर भी। और तो और बुलंदशहर में जिस चिकित्सा अधीक्षक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का ज़िक्र है वो तो वजूद में ही नहीं है। सलमान खुर्शीद के ट्रस्ट ने शाहजहांपुर में फर्जी ब्लॉक भी बना डाला।
बहरहाल ये बात तो साफ हो चुकी है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी इस मामले में पूरी तरह जिम्मेदार है। नैतिकता का तकाजा यही है कि सलमान खुद अब सरकार से हट जाएं, लेकिन मनमोहन सिंह की अगुवाई वाले में मंत्रिमंडल तो चोरों की फौज है, इसलिए भला अकेले सलमान ही क्यों इस्तीफा दें। हां सलमान ने विकलांगों यानि अपाहिज लोगों को पैसा हड़पा है, इसकी सजा कानून की अदालत में तो उन्हें मिल नहीं सकती है, क्योंकि वो खुद कानून मंत्री हैं। चलिए हम सब इंतजार करेंगे कि उन्हें भगवान की अदालत से सजा मिले।
एक जरूरी सूचना :-
मित्रों आपको पता है कि मैं इलेक्ट्रानिक मीडिया से जुडा हूं। दिल्ली में रहने के दौरान सियासी गलियारे में जो कुछ होता है, वो तो मैं सबके सामने बेबाकी से रखता ही रहता हूं और उस पर आपका स्नेह भी मुझे मिलता है। अब लगता है कि आप में से बहुत सारे लोग टीवी न्यूज तो देखते हैं, लेकिन इसकी बारीकियां नहीं समझ पाते होगें। मैने तय किया है कि अब आपको मैं टीवी फ्रैंडली बनाऊं। मसलन टीवी के बारे में आपकी जानकारी दुरुस्त करुं, गुण दोष के आधार पर बताऊं कि क्या हो रहा है, जबकि होना क्या चाहिए। इसमें मैं आपको इंटरटेंनमेंट चैनल को लेकर भी उठने वाले सवालों पर बेबाकी से अपनी राय रखूंगा। मेरी नजर प्रिंट मीडिया पर भी बनी रहेगी। इसके लिए मैने एक नया ब्लाग बनाया है, जिसका नाम है TV स्टेशन ...। इसका URL है। http://tvstationlive.blogspot.in । मुझे उम्मीद है कि मुझे इस नए ब्लाग पर भी आपका स्नेह यूं ही मिता रहेगा।
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दरअसल इस मामले का खुलासा हुआ उत्तर प्रदेश सरकार के एक गोपनीय पत्र के जरिए। ये पत्र यूपी सरकार ने भारत सरकार के सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय को लिखा था। इस पत्र से ही जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के गोरखधंधे का खुलासा हो गया। अच्छा इसमें दो चार हजार रुपये नहीं पूरे 71 लाख रूपये डकार गए ये नेता। आपको पता ही है कि सलमान खुर्शीद केंद्र में कद्दावर नेता हैं। इसीलिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने खुर्शीद के ट्रस्ट को 71 लाख 50 हजार रुपये का भुगतान किया। इस पैसे से चलने फिरने में असमर्थ विकलांगों को व्हील चेयर दी जानी थी। इसके अलावा कम सुनने वालों को हियरिंग एड दिया जाना था। इन सामानों के वितरण का तरीका तो ये था कि पहले वहां के डीएम को बताया जाता, जिले के कल्याण अधिकारी अपनी सूची भेजते, शिविर लगाया जाता, चीफ मेडिकल ऑफिसर शिविर में मौजूद होते और जिसे वो कहते उसे जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट तिपहिया या हियरिंग एड देता।
वैसे ये कार्रवाई तो तब की जाती जब इन नेताओं का मन साफ होता। इनका मकसद तो विकलांग कल्याण के नाम पर मिले पैसों को हड़पना था, लिहाजा किसी को कोई जानकारी नहीं दी गई। फर्रुखाबाद जहां सलमान खुर्शीद का कार्यक्षेत्र है, वहां के जिला कल्याण अधिकारी ने दावा किया कि उन्हें जाकिर हुसैन ट्रस्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। लेकिन सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद का दावा है कि फर्ऱूखाबाद में शिविर भी लगा, वहां विकलांगों को उपकरण भी बंटा, अफसरों को इसकी जानकारी भी दी गई। लेकिन यहां के सभी अफसरों ने ऐसी किसी जानकारी से इनकार कर दिया। इसी तरह मैनपुरी के अलावा कुछ और जिलों में भी इस ट्रस्ट के नाम पर गोरखधंधा किया गया।
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बहरहाल ये बात तो साफ हो चुकी है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी इस मामले में पूरी तरह जिम्मेदार है। नैतिकता का तकाजा यही है कि सलमान खुद अब सरकार से हट जाएं, लेकिन मनमोहन सिंह की अगुवाई वाले में मंत्रिमंडल तो चोरों की फौज है, इसलिए भला अकेले सलमान ही क्यों इस्तीफा दें। हां सलमान ने विकलांगों यानि अपाहिज लोगों को पैसा हड़पा है, इसकी सजा कानून की अदालत में तो उन्हें मिल नहीं सकती है, क्योंकि वो खुद कानून मंत्री हैं। चलिए हम सब इंतजार करेंगे कि उन्हें भगवान की अदालत से सजा मिले।
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ऐसे कानून मंत्री है तो कानून तो अंधा ही होगा न....अंधे और गूगे के हाथ में है देश..
ReplyDeleteबिल्कुल सहमत हूं
Deleteसलमान मियाँ अब जान दिया, जब लाख करोड़ मिला विकलांगी ।
ReplyDeleteअब जाकिर सा शुभ नाम बिका, खुरशीद दगा दबता सरवांगी ।
वडरा कचरा कल झेल गया, अखरा अपना लफड़ा एकांगी ।
असहाय शरीर रहा अकुलाय चुरा सब खाय गया हतभागी ।।
क्या बात
Deleteबिल्कुल सही
chaliye ji ab ye bhi kali soochi me shamil ho gaye..sach hai kajal ki kothari me rahte ujala daman rakhna mushkil hai...
ReplyDeletetathyon ko ujagar karta achchha aalekh..
शुक्रिया,
Deleteवैसे सलमान पर पहले भी आरोप लग चुके हैं
नया घोटाला...आलेख के जरिए सच उजागर हुआ|
ReplyDeleteआभार
Deleteचिराग तले अंधेरा ...
ReplyDeleteविश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर देश के नेताओं के लिए दुआ कीजिये - ब्लॉग बुलेटिन आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम और पूरे ब्लॉग जगत की ओर से हम देश के नेताओं के लिए दुआ करते है ... आपकी यह पोस्ट भी इस प्रयास मे हमारा साथ दे रही है ... आपको सादर आभार !
शुक्रिया
Deleteसुंदर प्रस्तुति ,,, हमलोगों को टी वी फ्रीन्द्ली बनाए .. मेरे भी ब्लॉग पर आते रहे .. स्नेह देते रहे
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteबिल्कुल, क्यों नहीं
हर और स्वार्थपरकता हावी है.....
ReplyDeleteबिल्कुल सही
Delete*ओर
ReplyDeleteदेश के कानून मंत्री द्वारा विकलांगों का पैसा हडपना बेहद-बेहद शर्मनाक वाकया है .
ReplyDeleteजनता का पैसा लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं ये मंत्री !
फिर भी कुर्सी पर बने रहेंगे..
Deleteबहुत गड़बड़ है ।
ReplyDeleteसहमत हूं
Deleteइन लोगों के लिए पैसा ही सब कुछ है रिश्ते नातों की समझ नहीं इन घूसखोरों को
ReplyDeleteसही बात है
Deleteआपके आलेखों से नए नए घोटालों का पर्दाफाश होता है कभी टीवी नहीं देख पाए या अखबार नहीं पढ़ पाए ऐसे में आपका ब्लॉग खोलती हूँ तो वो नया घोटाला पाती हूँ हार्दिक आभार इन आलेखों के लिए ---यहाँ ये कहावत चरितार्थ होती है अँधेरी नगरी चौपट राजा सभी के पत्ते धीरे धीरे खुल रहे हैं इन्तजार अगली खबर का
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
Deleteइन दिनों जहाँ भी नजर पड रही है बस घोटाला ही घोटाला है
ReplyDeleteमहेंद्र भाई, अभी और एक बड़ा घोटाला कुलबुलाने लगा है 'थोरियम घोटाला "
इसकी चर्चा भी हो रही है माना जा रहा है अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है ये, 400 लाख करोड़ का !
क्या इसका पता है आपको आप पत्रकार है इसलिए चाहती हूँ इसपर लिखे कृपया आप !
जी कुछ दिन रुक जाइये ये घोटाला भी जल्दी ही सार्वजनिक होने वाला है.
Deleteवाकई इतनी भ्रष्ट सरकार आज तक देश में नहीं रही।
जी जल्दी ही इस पर भी आपको लेख दूंगा
आपका आभार
उफ्फ़... एक के बाद एक खबर और वो भी भ्रष्टाचार की जिस मुद्दे को लेकर रोज कोई न कोई दलील पेश की जा रही हैं कितनो का तो खुलासा हो चूका और कितनो का होने वाला है पर इन सब राजनेताओं को फर्क क्या पड़ता है ये राजनीति के सारे दावपेच जानते हैं पता है थोड़े दिन चर्चा रहेगी फिर सब हवा हो जायेगी अब तो जनता भी धीरे २ इसकी आदी हो रही है वो भी रोज अखबार खोलती है पढ़ती है दो चार फिकरे कसती है और अपने आप में मगन हो जाती है तो बस हम तो इतना ही कहेंगें ......ये राजनीति है दोस्त सोचता है क्या .....आगे - आगे देखिये होता है क्या :) आपकी पोस्ट से बहुत सी जानकारियां मिलती है अच्छा लगता है |
ReplyDeleteआये दिन नए - नए घोटाले और रकम है की आसमान चीरके उसके भी ऊपर पहुँच गई है, लगता है, अब नई संख्या का अविष्कार होगा "घोटाला स्पेशल नंबर"
ReplyDeleteजी बिल्कुल सही बात है
Deleteचिंताजनक है
ReplyDeleteजनहित के नाम पर नंगा नाच करने वाले ऐसे ही दंपत्ति सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी लुइश खुर्शीद को बेनकाब किया आज तक ने अपने खास कार्यक्रम आपरेशन दृटराष्ट में। .......धृतराष्ट्र .......
धृतराष्ट्र
आपको हैरानी होगी कि गोरखधंधे में लिप्त जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष खुद सलमान खुर्शीद हैं और इसकी प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में उनकी पत्नी लुइस खुर्शीद है। ....हैं .....
देश से भ्रष्टाचार हटाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं ........मनमोहन सिंह .एक एक करके सब अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन यूं ही करते रहेंगे जैसे सलमान जी खुर्शीद जी कर रहें हैं .बढ़िया रिपोर्ट महेंद्र जी .
Deleteशुक्रिया ..
बहुत बहुत शुक्रिया
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आप को मेरे लेख पसंद आते है, अच्छी बात है।
Deleteपर आप पहचान अपनी छिपा रहे हैं ये मेरी समझ में नहीं आता।
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nana nani enke liye kya hai,ye desh ko mauka milte bech de,
ReplyDeleteबात तो सही है
Deletekanun ki aankhon pr patti uf isme bhi chori ..........akhir kyu?
ReplyDeleterachana
जी ठीक बात है...
Deleteआभार