Tuesday 19 June 2012

योग भूल गए बाबा रामदेव !


 पहले तो आज का सबसे बड़ा सवाल ये कि रामदेव हैं क्या ? सन्यासी हैं, योगगुरु हैं, आयुर्वेदाचार्य हैं, व्यापारी हैं, उद्यमी हैं आखिर क्या हैं रामदेव ? वैसे आमतौर पर लोग इस सवाल का एक ही जवाब देंगे कि वो योगगुरु हैं। पर आजकल रामदेव का काम और उनका आचरण देख कर कहीं से नहीं लगता है कि वो योग गुर हैं या कभी योगगुरु रहे होंगे। उनकी बातचीत और हरकतों से तो यही लगता है कि वो योग की एबीसी भी शायद नहीं जानते। साध्वी चिदर्पिता की मानें तो योग का अर्थ होता है जोड़ना। जब योग को आध्यात्मिक घटना के तौर पर देखा जाता है तो योग का अर्थ है आत्मा का परमात्मा से मिलन। सरल शब्दों में कहा जाये तो, मनुष्य का ईश्वर से मेल। मानव मन को ईश्वर से जुडने के लिए मानसिक, आत्मिक और शारीरिक रूप से निरोगी होना जरूरी है। विकार युक्त मन से यह संभावना खत्म हो जाएगी। ध्यान से पहले के सभी आसन और प्राणायाम आदि उसी विकार मुक्त मन को पाने की कोशिश भर होते हैं। ये सही है कि रामदेव ने योग का बहुत प्रसार किया। इसे मुनियों की कुटी से निकाल कर घर-घर पहुंचा दिया। परंतु रामदेव का योग पेट कम करने, वज़न कम करने, जोड़ो के दर्द से छुटकारा पाने का व्यायाम बनकर ही रह गया। अब या तो रामदेव योग को इतना ही जानते हैं या फिर वो लोगों की रुचि और सुविधा के अनुसार इसे सीमित कर रहे हैं। योग के मामले में महर्षि पतंजलि के जो मूलमंत्र हैं, रामदेव का उससे भी कोई लेना देना नहीं है।
 अब फैसला आप ही करें कि रामदेव योग की कितनी सेवा कर रहे हैं। हां वो आयुर्वेद में भी हाथ आजमा रहे हैं। आपको पता होगा कि आयुर्वेद भारत की सनातन चिकित्सा पद्धति है, जो कि पूरी तरह वैज्ञानिक है। ऋषि-मुनि वन में जीवन बिताते हुए जड़ी-बूटियों, वनस्पतियों के लाभ और उपयोगों की खोज किया करते थे। यह अनुसंधान से कहीं ज्यादा तपस्या और समर्पण पर निर्भर था। वैसे आज के समय में  उसकी जगह बीएएमएस डाक्टर ने ले ली है। सही मायने में इस डिग्री को हासिल करने के बाद ही कोई आयुर्वेदिक चिकित्सक के तौर पर प्रैक्टिस कर सकता है। अब रामदेव तो योगगुरु है, फिर उनके उत्पाद रामदेव के ही नाम पर बेचे जा रहे हैं। रामदेव की इस ईमानदारी का फैसला मैं आप पर छोड़ देता हूं। हालाकि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को मैं जानता हूं,वो कुछ भी अनाप शनाप बोलते रहते हैं। लेकिन जब रामदेव को वो ठग बताते हैं, तो मुझे लगता है कि उनकी बात में कुछ तो दम है। बालकृष्ण रामदेव के दोस्त हैं, शिष्य हैं, सहयोगी हैं या बिजिनेस पार्टनर ये तो वही बता सकते हैं। लेकिन सीबीआई को अभी तक वो आयुर्वेद की कोई मान्य डिग्री नहीं दिखा पाए हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा की जो कुछ डिग्री पेश की है, जांच पड़ताल में वो फर्जी पाई गई हैं। वैसे डिग्री या उनके अन्य कागजात सही हैं या गलत इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन वारंट जारी होने पर उनके भाग जाने से साफ है कि दाल में कुछ काला जरूर है।
 आइये एक नजर डालते हैं कि रामदेव बनाते क्या क्या हैं। साध्वी चिदर्पिता ने इस पर काफी अध्ययन किया है। उनका मानना है कि रामदेव फार्मेसी के नाम पर हर वह उत्पाद बना रहे हैं जो बाज़ार में पहले से मौजूद है। ऐसे में सवाल ये है कि रामदेव किस सामाजिक उद्देश्य से मोइश्चराइज़र, फेस क्रीम, साबुन और एंटि रिंकल क्रीम बना रहे हैं? यदि उन्हें योग पर भरोसा है तो मुंह पर तरह-तरह की क्रीमें क्यों मलवाते हैं ? आयुर्वेद के नाम पर बने ये कास्मेटिक उत्पाद बिना लाइसेन्स के हैं जो गैरकानूनी है। आपने वीको टर्मरिक का विज्ञापन देखा है? विज्ञापन में विको टर्मरिक, नहीं कोस्मेटिक ऐसा क्यों कहते हैं, कभी सोचा? उसी लाइसेन्स की बाध्यता के कारण जिसके बिना रामदेव करोड़ों का कारोबार धड़ल्ले से चला रहे हैं। पतंजलि उत्पादों पर एमआरपी के जरिए भी चोरी की जा रही है। भारत के टैक्स के नियम साफ कहते हैं कि एमआरपी का मायने ऐसा मूल्य है जिसमें सभी तरह के टैक्स का भुगतान किया जा चुका हैं। अब रामदेव धड़ल्ले से अपने उत्पादों पर एमआरपी लिख रहे हैं और कोई टैक्स नहीं भर रहे। देश में घूम घूम कर ईमानदारी पर लंबी चौड़ी बातें भी कर रहे हैं।  
आइये रामदेव को भी जानने की कोशिश कर ली जाए। हिन्दू धर्म में संत की पहचान उसके संप्रदाय से होती है। यह व्यवस्था कुछ वैसी ही है जैसे समाज में जातियाँ। यहां बहुमान्य संप्रदाय सरस्वती संप्रदाय है जो आदि गुरु शंकरचार्य से प्रारम्भ है। यहां दीक्षित संत सन्यासी कहलाते हैं। यह संप्रदाय सनातन हिन्दू धर्म को मानने वाला है। जानकारी के अभाव में अधिकांश भगवाधारियों को समाज में सन्यासी ही मान लिया जाता है। अब रामदेव की बात की जाए तो ये आर्यसमाजी हैं। यह सनातन धर्म से बिल्कुल अलग धारा है। आर्यसमाज वेद को अपना आधार मानता है और सनातनी पद्धति का विरोध करता है। आर्य समाज की मान्यताओं के अनुसार फलित ज्योतिष, जादू-टोना, जन्मपत्री, श्राद्ध, तर्पण, व्रत, भूत-प्रेत, देवी जागरण, मूर्ति पूजा और तीर्थ यात्रा मनगढ़ंत हैं, वेद विरुद्ध हैं। आर्यसमाज को समझने के बाद मैं जानना चाहता हूं कि रामदेव ने आर्यसमाज के लिए क्या कार्य किया? वैसे तो पूरे पतंजलि योगपीठ में एक भी मूर्ति नहीं है, फिर भी अधिकांश लोग उन्हें सनातनी ही मानते हैं। किसी सन्यासी को आर्यसमाजी समझा जाए तो वह इसका मुखर होकर विरोध करता है, पर आर्यसमाजी संत रामदेव को लोग सनातनी संत मान रहे हैं और वे खामोश हैं।
इसी से जुड़ा एक सवाल करते हैं रामदेव से। आर्यसमाज तीर्थ यात्रा का विरोध करता है। रामदेव को बताना चाहिए कि हरिद्वार का उनके लिए क्या महत्व है? हरिद्वार, गंगा के कारण विश्व भर में हिन्दू तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है। पतंजलि योगपीठ को हरिद्वार जैसे तीर्थस्थल पर बनाना इसके महत्व को भुनाना ही था। जब आपके पंथ में तीर्थ का कोई महत्व ही नहीं है तो उसके नाम को भुनाना कैसी ईमानदारी है?

227 comments:

  1. सही कहा महेन्द्र जी राम देव जैसे मौकाप्रस्त लोगों को जानना उन्हें समझ पाना बहुत मुश्किल है.....ऐसे साधु महात्मा से भगवान बचाए.....सटीक आलेख...

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    1. आपका बहुत बहुत शुक्रिया

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    2. श्री महेंद्र श्रीवास्तव जी आप एक जातिवादी कीड़े हो जो की एक संत को कभी समझ नहीं सकता आप को पहले इसके लिए स्वामी रामदेव जी के एक शिविर अटेंड करना पड़ा उसके अलावा पतंजलि योगपीठ,दिव्या फार्मेसी, दिव्या गौशाला , बाल्मीकि धर्मशाला , संत रविदास लंगर इन सब में जाओ और हो सके तो स्वामी रामदेव जी का खुद एक स्टिंग ओपरेशन कर तुम जैसे मूर्ख सुनी सुने बातों को लिख देते हैं पहले अपने अन्दर झाँकों की मैंने अभी तक इस देश के लिए क्या किया है ? अभी सोशल मीडिया का शिविर चल रहा था हम भी वहाँ गए थे एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं था जो इन सवालों को पूछे या सोचे भी रही बात मूर्ती पूजा और सनातन धर्म की तो आप एक जातिवादी कीड़े मात्र हो स्वामी रामदेव जी ने दिव्या योग मंदिर बनाया है और पतंजलि सुश्रुत धन्वन्तरी जैसे महान लोगों की मूर्तियाँ लगा रखी है अपनी आँखों पे से कांग्रेसी चश्मा हटाकर देखों वन्दे मातरम्

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    3. चूतिये अगर ताकत हे तो तुम्हारी आम्मा के बारे में लिख न नहेरु गाँधी खंडन के वंशज के सामने तो कुत्ता बन जाता हे और आया हे सच सामने लेन के लिए पहेले अपने गिरेबान में जनख कर देख के तुने अब तक देश के लिए क्या किया हे बाद में अध सच और अध जुट सब को बताना

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    4. श्रीवास्तव यानि हरी जन विचार तो इसे हे ही तेरे अब आचार भी इसे करले ताकि सब को अपनी असली जाट का पता चले ..हरिजन सदा इसे ही रहेगे

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    5. आप सब जानते हैं कि मै चाहूं तो गाली गलौच की भाषा वाले कमेंट हटा भी सकता हूं। लेकिन मुझे खुशी होती है ऐसे कमेंट से। क्योंकि ये साफ हो जाता है कि निशाना सही लगा है। अब अगर आप किसी की सच्चाई खोलेंगे तो उसे चीखने का हक तो देना ही होगा।
      वैसे इसमें हैरानी की कोई बात नहीं आजकल रामदेव भी कुछ ऐसी ही भाषा बोल रहे हैं तो फिर उनके चेले ...
      मुझे तो इससे भी भददी भाषा की उम्मीद थी, फिर भी इस भाई ने बहुत संयम बरता है।

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    6. maheshwari ji ne theek kaha swamiji ek mahatma he hai. bhagwan ne aise yogi sanyasi ko dharti par utara hai jo rakshso ka naash kar sake. poore vishv mein jo adharm hai uske jagah dharm ke sthapna kar sake.
      यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
      अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥७॥
      परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
      धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥८॥
      inka arth batana ke zaroorat to nahi hoge mahendraji. lakhak hone ke nate aur usse pehle bhartiya hone ke nate aap ye jante he honge.

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    7. Now a days Relationships is becoming meaningless, cars are keyless !, phone wireless !,cooking fireless !,Leaders Shameless !,Feelings Heartless !,Education Valuless !,Children Mannerless !,Wives Fearless !,Dress Sleeveless !,Youth Jobless !,Media Brainless. Every Thing is becoming Less but Still my hope from RAMDEV BABA is endless.

      Aur Jo Bhi Baba Ramdev ka virodh kar rahe hain unko mera yahi kehna hai ki " Latrine bhi nahi karenge aur Rasta bhi nahi Chodenge bas , Lota lekar Raste me pant khol kar Baithenge taki raste ka adchan ban sake"

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    8. These are our Educated People....ek banda accha kaam karne uthata hai to uski maa behn kar do..... jitna time itna kuch sochne main lagaya utna time kuch kar hi lete apne dehs ke liye...apna pet palne,ghar bharne ke liye to itni mehnat kar dali...mujhe lagta hai ke aap jaise log jo is type ki baatain likhte hain shayad ye sochte hain ke bhagwan ne sabse fast dimaag aap logo ko hi diya hai...kuch power hai aap logo ke paas jo apko sab bata deti hai ke kaun accha hai kaun bura...mujhe ye nai samajh aata ke poore desh main nanga naach ho ra hai par aap logo ko sirf ek baba ramdv dikhta hai jiska koi ghar baar nai hai...mujhe ye lagta hai महेन्द्र श्रीवास्तव ji aapko apne kaam se jyaada apne naam ki chinta hai....taareef sunna chahte hain aap apni...log bole ke bahut badiya blog hai...महेन्द्र श्रीवास्तव ji bade imaandaar aur deshbhakt hain tabhi to itni mehnat kar re hain....par jinke pass dimaag hai un logo ko bhi pata hai kaun kaun behti ganga main haath dhona chahta hai...aur aap bhi wahi kar re hain...agar aap kuch karna hi chahte to un logo ke bare main likhte jo is desh ko barbaad kar re hain...par nai aisa nai karenge aap...kyouki unke baare main to sabhi ko pata hai fir apki kaun sunega bhala...waise sabhi ko itna to pata hi hai ke is desh main sabse ghatiya mediya hai jo kabhi sach to kuch bhi nai likhti par jhooth ko sach banane main vishwas rakhti hai...aap bhi to mediya wale hi hain na....aap itna accha likhte hain agar apne kisi creative kaam main apni is kala ka use kiya hota to to apko apne aap par fakra hota ...khair fakra to apko abhi bhi hai apne aap par...jo itne vishwash ke sath kisi deshbhakt ko nanga kar re hain...aur vivek dekho un logo ka jo apse agree hain...buddhe ho gaye hain ye log par vivek nai hai inke pass...ye hi log apne apko hi-class samajhte hain...agree to aise kar re hain jaise ke supreme court ke judge ho....महेन्द्र श्रीवास्तव ji aap sirf un logo ko aabhar vyakt kar re hain jo apke favour main bol re hain . un logo ke bhi qst. ka answer do na jo apse sehmat nai hain...khair bolna to bahut kuch chahta hu par aap jaise budhi jeevi logo ke samne koun kya bol sakta hai ...majaak to hamara hi banana hai aap logo ne...par ek baat ka dhyaan rahe ke ek cheej hai jise sab pata hai kaun kaisa hai ..wo kisi se kuch nai bolta....wo sab kuch dekh ra hai...wo aap ko bhi dekh ra hai wo ramdev ko bhi dekh ra hai,jab wo kuch nai bolta to aap kaun hote hain apni raay dene wale....itna dhayaan us bhagwan ka karte to shyad apki life aur bhi acche tareeke se chalti....khair man main to bahut kuch bol re honge aap mere liye...aur bahut badiya sa reply bhi redy karenge aur kuch apke jaise bhudhijeevi samajke log agree bhi karenge...par i dont give a shit about it....aise words ke liye maafi chahunga main par mujhe likhna pada...par koi fayda nai hai ....par ek baat yaad rakhna ek change hone waala hai is desh main aur aap use rokna chah re hain sirf aur sirf apne fayde ke liye...

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  2. सटीक जानकारी देता और सार्थक प्रश्न उठाता बढ़िया लेख

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    1. संगीता जी, उपरोक्त लेख में एक भी सबूत नही हैं, बस मनगढ़ंत बातें लिखी गई हैं। कृपया इन लोगों की बातों में न आएं।
      और महेन्द्र जी, यदि आपमें जरा भी बुद्धि, विवेक बचा हो तो राष्ट्रहित में कृपया आपने दिमाग का कूड़ा करकट यहां वहां न फैलाएं।

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    2. संगीता दीदी
      आप इनकी बात को ही स्वीकार कर लीजिएगा, और यहां अब जवाब नहीं दीजिएगा, वरना ये लोग आप के साथ भी गाली गलौच कर सकते है। वैसे भी जो चेहरा छिपा कर बात करे, उसके बारे में आसानी से समझा जा सकता है।

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    3. मैं अगर आपसे पुछूं कि आप कौन हैं, आदमी हैं, इंसान हैं, मनुष्य हैं, पिता हैं, पुत्र हैं, भाई हैं या एक देशद्रोही हैं. जिस प्रकार से आपकी बातों को सटीक बताया गया है जबकि उसका कोई "Reference" तो हैं नहीं. ठीक उसी प्रकार से बाबा रामदेव जी भी योगगुरु है, राष्ट-नेता है, एक उद्यमी तो हैं ही साथ में युग-पुरुष भी हैं. ये सत्य है कि उन्होंने शुरुआत योग सिखाने से की, क्योंकि जिस प्रकार से आप मुलभुत पत्रकार हैं पर आपने पढ़ाई "कानून" की है. जब आपको लगा की कानून-कचहरी से आपको बीस रुपये का भी फायदा नहीं हो रहा तो पत्रकारिता (जिसमे बहुधा Black-mailers हैं आजकल) चालू की. जब "प्रिंट मीडिया" से लाभ ना हुआ तो, "टी.वी" की ओर मुखातिब हुए. ठीक उसी प्रकार से बाबा रामदेव ने योग सिखाना शुरू किया, परन्तु यह देखकर की योग करवा के क्या फायदा यहाँ तो हिंदुस्तान में लोग अपने आचार-और-विचार से भी पंगु हैं, देशप्रेम नाम की कोई चीज़ नहीं है, स्वदेशी को लोग भूलते जा रहें हैं विदेशी वस्तुओं का उपयोग कर रहे हैं (आपने चूँकि कानून पढ़ा है और पत्रकार भी हैं तो ये सब बातें जानते ही होंगे) क्योंकि ९० प्रतिशत कम्पनियाँ भारत में फ्रॉड तरीके से चल रही हैं. गुणवत्ता नियामक (Quality Assurance and Insurance null है) भारत में कितना कड़ा है, किसी से छुपा नहीं है. ये सब चीज़ें देखकर किसी के मन कुछ करने की चाह जगाती है तो आप उसपे प्रश्न खड़े करने लगते हैं, भले आप घर पे निठ्ठल्ले बैठ के भजन गएँ पर देश के लिए कुछ ना करें. आज देश के बारे में बात करने वालों के ऊपर कोई इलज़ाम लगाने से बाज नहीं आता, और जो इसको लूट रहें हैं उनके महिमामंडन का चलन हो गया है. क्या गलत है अगर कोई जनता को चीज़ें शुद्ध एवं ऑर्गनिक दे रहा है. क्या सनातन एवं आर्य-समाजियों को अठारहवी शताब्दी के जैसा लड़ना देखना चाहते हैं, मुझे तो पता भी नहीं की मैं आर्य-समाजी हूँ की सनातनी, अरे आदमी बना रहूँ ये क्या कम है. क्या ये सब आपको ढकोसला नहीं लगता. "अष्टादश पुराणएशु व्यासस्य वचनं द्वयं, परोपकारः पुण्याः, पापाय परपीडनम्" ...जो बन पड़ता है उसे लोगों के भले में लगाओ, किसी को दुःख ना पहुंचाओ, मातृभूमि को स्वर्ग से भी ऊँचा स्थान दो...ये सब आजकल के पत्रकार क्यों भूलते जा रहें हैं. आज देश को बेच कर खा जाओगे तो कल तुम्हारे बच्चे सोमालिया में भीख मांगेगें. (Sigh).

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    4. मनीष भाई, आपने बिल्कुल सही फरमाया।

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    5. Bahut badiya inse accha to apne likha manish bhai..aap bhi patrakaar ban sakte the

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    6. Dear Mr.Mahendra Srivastav Uncle ji .If I could rearrange the alphabets, I would put you between F and CK.

      You know, you're very easy on writing against Ramdevji ...and very hard to fight against coruption ... Uncle ji apne easy wala rasta chuna...Kyun ki hard wala rasta Uncle ko shobha nahi deta.

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  3. क्या यह सब सच है?

    राम... राम....

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    1. जी मै तो सच ही लिखता हूं
      लोग उसका अलग अलग अर्थ निकालते रहते हैं

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    2. श्री महेंद्र श्रीवास्तव जी आप एक जातिवादी कीड़े हो जो की एक संत को कभी समझ नहीं सकता आप को पहले इसके लिए स्वामी रामदेव जी के एक शिविर अटेंड करना पड़ा उसके अलावा पतंजलि योगपीठ,दिव्या फार्मेसी, दिव्या गौशाला , बाल्मीकि धर्मशाला , संत रविदास लंगर इन सब में जाओ और हो सके तो स्वामी रामदेव जी का खुद एक स्टिंग ओपरेशन कर तुम जैसे मूर्ख सुनी सुने बातों को लिख देते हैं पहले अपने अन्दर झाँकों की मैंने अभी तक इस देश के लिए क्या किया है ? अभी सोशल मीडिया का शिविर चल रहा था हम भी वहाँ गए थे एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं था जो इन सवालों को पूछे या सोचे भी रही बात मूर्ती पूजा और सनातन धर्म की तो आप एक जातिवादी कीड़े मात्र हो स्वामी रामदेव जी ने दिव्या योग मंदिर बनाया है और पतंजलि सुश्रुत धन्वन्तरी जैसे महान लोगों की मूर्तियाँ लगा रखी है अपनी आँखों पे से कांग्रेसी चश्मा हटाकर देखों वन्दे मातरम्

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    3. रचना जी, इस महेन्द्र श्रीवास्तव की बातों में न आएं। यह झूठ फैला रहा है।

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    4. प्लीज रचना जी इनकी बातों का यहां जवाब मत दीजिएगा, वरना ये गाली गलौज आपके साथ भी कर सकते हैं।

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    5. aap kabhi bharastachariyon ke baare mein likhten hain . aap neta logo ko nanga kijiye. baba ramdev apne product cosmetics vagairah isliye utar rahe hain taki videshi kampaniyon ko desh se ukhad fekein. pepsi- cola aur baaki soft drinks mein to khula jeher bikta hai sarkar ya aap patrakar log us par rok lagane ki baat to nahi karte. yeh videshi kampaniyan kon sa bharat ko technology de rahi hain. yeh bhi to sabun, tooth paste hi bana rahi hain. bharat mein shayad hi koi aisi .grahini hogi jo achar banana nahi janti fir yeh videshi kyun ghuste ja rahein hain in utpadon mein. aur sarkar bhi inko badhava de rahi hai.

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    6. क्योंकि देश के लोकतन्त्र में संविधान ने कालाधन को वापस दिलाने के लिए कानूनी प्रावधान करने का तथा भ्रष्टाचार मिटाने हेतु मजबूत लोकपाल बिल बनाने का एकमात्र अधिकार केन्द्र सरकार को दिया हुआ है। जैसे किसी भी अपराधी को गिरफ्तार करने का अधिकार पुलिस को ही है चाहे आम आदमी हो या प्रधानमंत्री। इसी तरह रजिस्ट्री कराने का अधिकार रजिस्ट्रार को ही है। इसी तरह कानून संशोधन करके कालाधन वापस लाने का एकमात्र अधिकार केन्द्र सरकार को ही है। और लोकतंत्र में सरकार के ऊपर जनता होती है। अतः जो जनता चाहती है, वह सरकार को करना ही पड़ेगा। जनता चाहती है कालाधन आना चाहिए व भ्रष्टाचार मिटना चाहिए।

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    7. Now a days Relationships is becoming meaningless, cars are keyless !, phone wireless !,cooking fireless !,Leaders Shameless !,Feelings Heartless !,Education Valuless !,Children Mannerless !,Wives Fearless !,Dress Sleeveless !,Youth Jobless !,Media Brainless. Every Thing is becoming Less but Still my hope from RAMDEV BABA is endless.

      Aur Jo Bhi Baba Ramdev ka virodh kar rahe hain unko mera yahi kehna hai ki " Latrine bhi nahi karenge aur Rasta bhi nahi Chodenge bas , Lota lekar Raste me pant khol kar Baithenge taki raste ka adchan ban sake"

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    8. is aadmi ko kitni chinta hai har reply ka reply kar ra hai...please bol bol ke mana ra hai....ye hai india meri jaan

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    9. mahendra bhai ....
      aapki batao mai koi tathe nahi hai...
      mai inhe sire ke khariz karta hu...

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  4. आजकल बाबा रामदेव विदेश में जमा कालाधन को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे है,कि हो रही जाँच में शायद कोई ढील मिल जाय,बाबा रामदेव अब योगी कम एक बेईमान व्यापारी ज्यादा है,,,,

    RECENT POST ,,,,,पर याद छोड़ जायेगें,,,,,

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    1. 4 जून २०११ से पेहले ‍‍‍‌स्वामिजि भगवान थे, लेकिन कुछ लोगों के लिये अब वो शेतान बन गये है
      हमरी सरकार ४ जून के बाद स्वामिजि की सनस्था को १०० नोटिस भेज चुकि है लेकिन एक रुपेए का काला धन नहीं मिला और इसलिये अब उनको बदनाम करने के शडयन्त्र किये जा रहे है
      हमारे राष्ट्रपिता गान्धीजी जब स्वदेशी की बात करते हैं तो वो राष्ट्रपिता केहलाते है और कोई योगी अगर राष्ट्रहित के लिए काम करता है तो उनहें व्यपारी करार दिया जाता है ये कहाँ का न्याय है

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    2. क्योंकि देश के लोकतन्त्र में संविधान ने कालाधन को वापस दिलाने के लिए कानूनी प्रावधान करने का तथा भ्रष्टाचार मिटाने हेतु मजबूत लोकपाल बिल बनाने का एकमात्र अधिकार केन्द्र सरकार को दिया हुआ है। जैसे किसी भी अपराधी को गिरफ्तार करने का अधिकार पुलिस को ही है चाहे आम आदमी हो या प्रधानमंत्री। इसी तरह रजिस्ट्री कराने का अधिकार रजिस्ट्रार को ही है। इसी तरह कानून संशोधन करके कालाधन वापस लाने का एकमात्र अधिकार केन्द्र सरकार को ही है। और लोकतंत्र में सरकार के ऊपर जनता होती है। अतः जो जनता चाहती है, वह सरकार को करना ही पड़ेगा। जनता चाहती है कालाधन आना चाहिए व भ्रष्टाचार मिटना चाहिए।

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    3. Dear Mr.Mahendra Srivastav Uncle ji .If I could rearrange the alphabets, I would put you between F and CK.

      You know, you're very easy on writing against Ramdevji ...and very hard to fight against coruption ... Uncle ji apne easy wala rasta chuna...Kyun ki hard wala rasta Uncle ko shobha nahi deta.

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  5. हर तरफ अब तो जालसाज़ी का ही आलम हैं जी ......बहुत उम्दा रिपोर्टिंग

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    1. लोग सस्ती पब्लिसिटी पाने केलिए अक्सर दूसरो पर कीचड़ उछाल ते हे एसा ही एक प्रयास यहाँ पर किया गया हे
      बाबा रामदेव के खिलाफ लिख के लेखक अपने को उनसे बड़ा साबित करना चाहता हे एक कहावत याद आगई "हठी चले बाजार कुत्ते भोंके हज़ार "

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    2. क्योंकि देश के लोकतन्त्र में संविधान ने कालाधन को वापस दिलाने के लिए कानूनी प्रावधान करने का तथा भ्रष्टाचार मिटाने हेतु मजबूत लोकपाल बिल बनाने का एकमात्र अधिकार केन्द्र सरकार को दिया हुआ है। जैसे किसी भी अपराधी को गिरफ्तार करने का अधिकार पुलिस को ही है चाहे आम आदमी हो या प्रधानमंत्री। इसी तरह रजिस्ट्री कराने का अधिकार रजिस्ट्रार को ही है। इसी तरह कानून संशोधन करके कालाधन वापस लाने का एकमात्र अधिकार केन्द्र सरकार को ही है। और लोकतंत्र में सरकार के ऊपर जनता होती है। अतः जो जनता चाहती है, वह सरकार को करना ही पड़ेगा। जनता चाहती है कालाधन आना चाहिए व भ्रष्टाचार मिटना चाहिए।

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    3. I believe that Mr.Mahendra Srivastav is a helping hand to Anti-Social elements . Now a days Relationships is becoming meaningless, cars are keyless !, phone wireless !,cooking fireless !,Leaders Shameless !,Feelings Heartless !,Education Valuless !,Children Mannerless !,Wives Fearless !,Dress Sleeveless !,Youth Jobless !,Media Brainless. Every Thing is becoming Less but Still my hope from RAMDEV BABA is endless.

      Aur Jo Bhi Baba Ramdev ka virodh kar rahe hain unko mera yahi kehna hai ki " Latrine bhi nahi karenge aur Rasta bhi nahi Chodenge bas , Lota lekar Raste me pant khol kar Baithenge taki raste ka adchan ban sake"

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    4. Hahahhaha....very nice ...carry on....

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  6. aaj ke samy me sanyasiyon se bade soudagar koi nahi hai jo logo ki bhavnao ko bhuna kar dhan kama rahe hai...sateek post..

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    1. कविताजी वो धन राष्ट्रहित के लिए उपयोग किया जा रहा है. ऐसे चरित्र को बनाने के लिए किया जा रहा है जो इस देश की सेवा कर सकें. ऐसे लोग जो स्वाभिमानी हों और देश के लिए जिए. और उनकी संस्थान के पास जो भी संपत्ति है वो देश के गरीब लोगों ने अपनी इछा शक्ति से दिया है
      इसमें कुछ लोगों के पेट में दर्द क्यूँ हो रहा है

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    2. Gagan ji koi fayda nai hai ise logo ko samjhane ka...ye wo log hain jo tv ke aage baith ke logo ko gali dena jaante hain....aur kuch nai aata inko....

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  7. sahi kaha aapne mahendra jee ak yogguru ke roop me thik the par
    ....aapki sari baton se sahmat......

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    1. कालाधन कितना है ?

      इस देश में वास्तविक रूप से लगभग 1 लाख टन सोना है, जिसकी कीमत लगभग 300 लाख करोड़ रुपये है, इसमें लगभग 80% कालाधन ही है, क्योंकि लगभग 20 हजार टन सोना ही वैध रूप से देश में है।

      माइनिंग, रीयल स्टेट, नशा उद्योग, कालाबाजारी, राजनीति, शिक्षा, चिकित्सा व कानून आदि के क्षेत्र में भी कम से कम बराबर का या दोगुना कालाधन है। कुल मिलाकर देश की अर्थव्यवस्था का वास्तविक आकार लगभग 500 लाख करोड़ रूपये है, जबकि जी.डी.पी. के रूप में लगभग 80 से 100 लाख करोड़ से भी अधिक कालाधन 1% से 5% कुछ बड़े, बुरे व बेईमान लोगों के पास जमा है।

      इसी कालेधन को 95% से 99% आम लोगों तक पहुँचाना है। इसमें कुछ ब्लैकमनी है, कुछ ग्रे-मनी है, कुछ लूट, चोरी व रिश्वतखोरी व घोटालों आदि का पैसा है, इसमें से प्रतिवर्ष कुछ पैसा देश के भीतर जमा होता रहता है या घूमता रहता है तथा कुछ देश के बाहर विदेशों में चला जाता है। पूरी दुनियाँ की अर्थव्यवस्था वैध रूप में लगभग 3 हजार लाख करोड़ रुपये की है तथा इतना ही अर्थात 3 हजार लाख करोड़ अवैध या कालाधन है। अमेरिका व इंग्लैण्ड आदि इस कालेधन का इस्तेमाल कर रहे हैं।

      9 अगस्त , चलो दिल्ली , काला धन वापस लायेंगें देश बचएँगें , अभी नहीं तो कभी नहीं , लड़ाई आर पार की करो या मरो , या तो अब हम रहेंगें या ये भ्रष्ट व्यवस्था

      हमारी लड़ाई कालाधन,भ्रष्टाचार व अन्यायपूर्ण भ्रष्ट व्यवस्था के विरुद्ध है, व्यवस्था परिवर्तन के इस आन्दोलन को अपना समर्थन दें ...www.bharatswabhimantrust.org

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    2. बहुत अच्छा ब़िजेश भाई

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    3. I believe Mr.Srivastav is a helping hand to Anti-Social Elements. Now a days Relationships is becoming meaningless, cars are keyless !, phone wireless !,cooking fireless !,Leaders Shameless !,Feelings Heartless !,Education Valuless !,Children Mannerless !,Wives Fearless !,Dress Sleeveless !,Youth Jobless !,Media Brainless. Every Thing is becoming Less but Still my hope from RAMDEV BABA is endless.

      Aur Jo Bhi Baba Ramdev ka virodh kar rahe hain unko mera yahi kehna hai ki " Latrine bhi nahi karenge aur Rasta bhi nahi Chodenge bas , Lota lekar Raste me pant khol kar Baithenge taki raste ka adchan ban sake"

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    4. Dr, Nisha , whoo gave u Doctors Degree?? what a fantastic thinking...

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  8. योग चिकित्सा शास्त्र नहीं है योग साधना है अनुशासन है !
    यह एक भ्रम है कि, रोगियों के लिये योग है ऐसा बिलकुल भी नहीं है !
    बढ़िया आलेख सार्थक प्रश्न उठाये है ....

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    1. जी, मैं आपकी बातों से पूरी तरह सहमत हूं.
      लोगों को गलत जानकारी दे रहे हैं रामदेव

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    2. aapne kitne pase liye hai is lekh ko likhne ke liye mahinder ji ye sach sab ko jarur bata do
      or kis congresi sankar bij se liye hai

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    3. कालाधन कितना है ?

      इस देश में वास्तविक रूप से लगभग 1 लाख टन सोना है, जिसकी कीमत लगभग 300 लाख करोड़ रुपये है, इसमें लगभग 80% कालाधन ही है, क्योंकि लगभग 20 हजार टन सोना ही वैध रूप से देश में है।

      माइनिंग, रीयल स्टेट, नशा उद्योग, कालाबाजारी, राजनीति, शिक्षा, चिकित्सा व कानून आदि के क्षेत्र में भी कम से कम बराबर का या दोगुना कालाधन है। कुल मिलाकर देश की अर्थव्यवस्था का वास्तविक आकार लगभग 500 लाख करोड़ रूपये है, जबकि जी.डी.पी. के रूप में लगभग 80 से 100 लाख करोड़ से भी अधिक कालाधन 1% से 5% कुछ बड़े, बुरे व बेईमान लोगों के पास जमा है।

      इसी कालेधन को 95% से 99% आम लोगों तक पहुँचाना है। इसमें कुछ ब्लैकमनी है, कुछ ग्रे-मनी है, कुछ लूट, चोरी व रिश्वतखोरी व घोटालों आदि का पैसा है, इसमें से प्रतिवर्ष कुछ पैसा देश के भीतर जमा होता रहता है या घूमता रहता है तथा कुछ देश के बाहर विदेशों में चला जाता है। पूरी दुनियाँ की अर्थव्यवस्था वैध रूप में लगभग 3 हजार लाख करोड़ रुपये की है तथा इतना ही अर्थात 3 हजार लाख करोड़ अवैध या कालाधन है। अमेरिका व इंग्लैण्ड आदि इस कालेधन का इस्तेमाल कर रहे हैं।

      9 अगस्त , चलो दिल्ली , काला धन वापस लायेंगें देश बचएँगें , अभी नहीं तो कभी नहीं , लड़ाई आर पार की करो या मरो , या तो अब हम रहेंगें या ये भ्रष्ट व्यवस्था

      हमारी लड़ाई कालाधन,भ्रष्टाचार व अन्यायपूर्ण भ्रष्ट व्यवस्था के विरुद्ध है, व्यवस्था परिवर्तन के इस आन्दोलन को अपना समर्थन दें ...www.bharatswabhimantrust.org

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    4. Shame on u oldies......keede padenge tum logo ko ...

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  9. हाहाहा ... ये तो होना ही था

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  10. आदरणीय महेंद्र जी
    बाबा रामदेव और उनके मंतव्यों को आपने सही परिप्रेक्ष्य में उजागर किया है ..दरअसल बाबा रामदेव ने "योग" को "रोग" से जोड़ दिया ....जो उसकी महता को कम कर गया ....सही मायने में योग को वह प्रकट ही नहीं कर पाए और ना ही कर सकते हैं ..योग को उन्होंने रोग के माध्यम से परिभाषित किया और अब तरह - तरह के उत्पादों का प्रचार करके "आयुर्वेद" को भोग से जोड़ रहे हैं ....इस पर अभी मैं कुछ और प्रकाश डालूँगा लेकिन अभी थोडा सा इन्तजार करना होगा आपको ....फिलहाल यह लिंक देने की गुस्ताखी कर रहा हूँ ...आप यहाँ जान सकते हैं क्या हैयोग और साधना.....आपका आभार ....!

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    1. जी, मुझे आपके लेख का इंतजार रहेगा। सच ये है कि मेरा ध्यान और योग विषय नहीं है, बस जो कुछ पढा है, उसी के आधार पर एक सामान्य ज्ञान है मेरा। जी आपने जो लिंक दिया है, उसे मैने पढा है।

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    2. कालाधन कितना है ?

      इस देश में वास्तविक रूप से लगभग 1 लाख टन सोना है, जिसकी कीमत लगभग 300 लाख करोड़ रुपये है, इसमें लगभग 80% कालाधन ही है, क्योंकि लगभग 20 हजार टन सोना ही वैध रूप से देश में है।

      माइनिंग, रीयल स्टेट, नशा उद्योग, कालाबाजारी, राजनीति, शिक्षा, चिकित्सा व कानून आदि के क्षेत्र में भी कम से कम बराबर का या दोगुना कालाधन है। कुल मिलाकर देश की अर्थव्यवस्था का वास्तविक आकार लगभग 500 लाख करोड़ रूपये है, जबकि जी.डी.पी. के रूप में लगभग 80 से 100 लाख करोड़ से भी अधिक कालाधन 1% से 5% कुछ बड़े, बुरे व बेईमान लोगों के पास जमा है।

      इसी कालेधन को 95% से 99% आम लोगों तक पहुँचाना है। इसमें कुछ ब्लैकमनी है, कुछ ग्रे-मनी है, कुछ लूट, चोरी व रिश्वतखोरी व घोटालों आदि का पैसा है, इसमें से प्रतिवर्ष कुछ पैसा देश के भीतर जमा होता रहता है या घूमता रहता है तथा कुछ देश के बाहर विदेशों में चला जाता है। पूरी दुनियाँ की अर्थव्यवस्था वैध रूप में लगभग 3 हजार लाख करोड़ रुपये की है तथा इतना ही अर्थात 3 हजार लाख करोड़ अवैध या कालाधन है। अमेरिका व इंग्लैण्ड आदि इस कालेधन का इस्तेमाल कर रहे हैं।

      9 अगस्त , चलो दिल्ली , काला धन वापस लायेंगें देश बचएँगें , अभी नहीं तो कभी नहीं , लड़ाई आर पार की करो या मरो , या तो अब हम रहेंगें या ये भ्रष्ट व्यवस्था

      हमारी लड़ाई कालाधन,भ्रष्टाचार व अन्यायपूर्ण भ्रष्ट व्यवस्था के विरुद्ध है, व्यवस्था परिवर्तन के इस आन्दोलन को अपना समर्थन दें ...www.bharatswabhimantrust.org

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  11. बिल्‍कुल सही कहा है आपने ... बेहतरीन प्रस्‍तुति ..आभार

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    1. अरे इनके ब्लाफ़ का नाम ही आधा सच है। अत: इनकी बातों पर विश्वास नही किया जा सकता है।

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    2. Dear Mr.Mahendra Srivastav.
      Jangal me Jab aag lagti hai toh Janwar kis taraf bhagte hain . Aag se dur bhagte hain ki nahi... Ji bilkul thik usi tarah jab aapne Dekha ki Baba Ramdevji me AAG hai junun hai toh aap dusri taraf bhag rahe hain.

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  12. बहुत सुन्दर!
    इस आलेख को साझा करने के लिए आभार!

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    1. jis din ramdev ji apne mission main safal ho gaye tum log desh chod dena ya sharm se doob marna ...agar sharm aaye to..agar ramdev ji bhi aur baba ki tarah kameena nikla to hum doob marenge sharm se...bolo manjoor hai...khair tum logo ki to umar poori ho chuki haiis desh ka khoon chuste chuste.....sharam to kaha se ayegi...apne baccho ko bhi yahi sikhana ke sadhu sanyasi chor hote hain,,,humare maa baap bhi chor the....

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  13. महेन्द्रजी, आपने बाबा रामदेव पर कुछ प्रश्न उठाये हैं. मैं आपका सम्मान करते हुए बस ये कहना चाहती हूँ कि हम आम भारतवासी कभी भी योग इतनी गंभीरता से नहीं लेते थे. जानते भी हों तो हममे से कितने लोग योग, प्राणायाम करते थे. लेकिन रामदेवजी ने योग को सरल और रोचक तरीके से सब तक पहुंचा दिया. इसके लिए उनको श्रेय जाता है. रही बात व्यापारी होने की, तो हमारी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में हमारा कितनी सारी चीज़ों से वास्ता पड़ता है जो विभिन्न मुनाफाखोरों द्वारा हम तक पहुँच पाती हैं.

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  14. योग को गलत रुप में लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। योग कभी भी बीमारी का इलाज करने वाला नहीं रहा है। योग की प्राथमिक बातों की भी बाबा लोगों तक नहीं पहुंचा सके। प्लीज आप गलत योग को सरल का संज्ञा ना दें।
    रही बात मुनाफाखोरी की, तो आप ये जान लें कि बाबा भी पांच रुपये का चूरन 50 रुपये में दे रहे हैं। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम सामान किससे खरीद रहे हैं, हमें सिर्फ इस बात से वास्ता है कि जो सामान हम खरीद रहे हैं उसकी गुणवत्ता और कीमत ठीक है या नहीं। एक आम उपभोक्ता के तौर पर हम सिर्फ यही देखते हैं।

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    1. योग से बीमारी ठीक होती है। हजारों लाखों लोगों की हुई है। बाबा को आपके सर्टीफिकेट की जरूरत नही है। फिजूल की बातें न करें।
      आम जनता से अपील करता हूं कि वह आचार्य बालकृष्ण द्वारा लिखित "विज्ञान की कसौटी पर योग" नामक पुस्तक खरीदकर पढ़े। इस महेन्द्र श्रीवास्तव जैसे लोगों की बातों में न आए। ये केकड़े टाइप के लोग हैं। कोई आगे बढ़ता है तो पीछे से टांग पकड़कर खींचते हैं।

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    2. हाहाहहाहाहहा
      आचार्य हाहाहहााह। कहां से आचार्य की डिग्री हासिल की, अभी तो यही तय नहीं है। जांच चल रही है, जेल भी जा सकते हैं आपके आचार्च

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    3. लगता है भाई जी आप सच जानना ही नहीं चाहते और सच से दूर ही रहना चाहते है , क्या आपने विज्ञानं की कसौटी पर योग पढ़ी है , लगता है नहीं पढ़ी है , अब जिनका रोग दूर हो रहा है वो आपसे तो इस बात का प्रमाण लेने आयेंगे नहीं की योग से दूर होता या नहीं , होता है जभी उन्होंने बताया है और उसके सारे प्रमाण इस पुस्तक में है | कितने संसथान और कितने गुरुकुल भारत सरकार ने प्रमाणिकता से खोले है लोगो के लिए , डिग्री ली है गुरुकुल से और बाबाजी द्वारा किये गए कार्य उसका प्रमाण है |

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    4. are tum log kyu is bande se bahas kar re ho ..ye to iska kaam hai...isi se iska gujara chalta hai...ye nai karega to ye bhookha mar jayega....aur kuch log hain jo iski jaisi soch rakhte hain..pehle mujhe laga ke ye bas apni soch bata ra hai... par ye aadmi ai baat ko sach sabit karne pe laga hua hai....karne do ise ..dekhte hain kitna sukoon milta hai ise is kaam main...
      abhi maine gaali dena nai start kiya hai..par lagta hai iske comments pad ke to gaali bhi deni padegi....par kya karu muh to mera hi ganda hona hai na gaali dekar..ye to hasi main uda dega upar se ise support karne wale iske jaise kuch log jo apni buddhi kho chuke hain ekta kapoor ka serial dekh kar....

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    5. Dear Mr.Mahendra Srivastav I think u are not aware that the advocate has alleged that the forceful eviction of Ramdev and the use of force against his followers was against the fundamental rights guaranteed under Article 14,19 and 21 of the Constitution.

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  15. बहुत बहुत शुक्रिया दिलबाग जी

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  16. उद्यम से गहरा योग के लिए योग जरुरी था ..अब सीढ़ी की क्या जरुरत ..

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  17. aapka likha pdh kar sada hi sochne pr majbur ho jati hoon .yahan itna kuchh hota hai ki bas samajh nhai aata ek hi manushya jeevan me vyakti kya kya karna chahta hai .
    aapka bahut bahut dhnyavad
    rachana

    ReplyDelete
    Replies
    1. "मेरा साहित्य जी", मनुष्य का जीवन ही कर्म करने के लिए बना होता है। इस महेद्र श्रीवास्तव की बातों में न आएं।

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    2. प्लीज रचना मेम, इनकी बातों का यहां जवाब मत दीजिएगा, ये लोग गाली गलौच आपके साथ भी कर सकते हैं।

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    3. abe gaali tere jaise logo ke liye bani hai...innocent logo ke liye nai...jo tum jaise pade likhe anpad logo ki baaton main aa jaate hain...aisa hi chalta ra to ek deina tere hi bacche tujhe gali karenge...itni umra ho gai teri fir bhi tu bande ko nai pehchan sakta hai...doob mar ja...un ke baare main kyu nai likhta jo rape karke murder karke desh chala re hain...sale ramdev agar profit bhi kama ra hai kisi se chori to nai kar ra hai na...product hi to bana ke bech ra hai...muh to tune mera khula hi diya hai to sun ....agar ek baap ki aulaad hai to kisi bhi comment ko delete nai karega

      agar tera baap free main koi cheej bechta to uski value hoti....agar tera baap tere ko market se kharedta to teri itni care karta....to itna dimaag kyu nai lagata
      jo product ramdev bechta hai wo kya free main banti hai?
      tere baap uniliver wale wahi duplicate cheej bana ke 50 ka bechte hain ramdev wahi cheej original bechta hai 70 main to tere baap ka kya jaata hai..tujhe lena hai to le nai lena hai to un logo ko kyu bhadka ra hai jinko us cheej ka fayda ho ra hai...kitne logo ka ilaaj kiya hai ramdev ne...tune kabhi is baare main socha
      bol de ke kya proof hai???yahi tu bol sakta hai....tu har ek bande ko pakad pakad ke samjha ke tune jo likha hai theek likha hai aur jo hum likh re hai ye gaali hai...ja bol dekhte hain kitne pade likhe anpad log tere saath hain...

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    4. ye jo Uncles aur auntys hain jinhone is Blog par Mahendar srivastav ka samarthan kiya hai ,inki mentality aur youth ki mentality me kitna difference hai.
      Its generation gap.
      Unki menatlity aur hum Yuvaon ki mentality kabhi match hi nahi kar sakti.
      Aur waise bhi ye aged ho chuke hain toh inka Dimag bhi sahi tarike se kaam nahi karta , Aged hone ke wajah se inki Smriti khatm ho gayi hai isliye kya sahi hai aur kya galat ye bhi inko nahi malum.
      This is Generation Gap Problem

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  18. अति विचारणीय...सब धंधा है इनका.

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    1. उड़न तश्तरी जी, इस महेन्द्र श्रीवास्तव की बातों में न आएं। ये पक्का कांग्रेसी एजेंट लग रहा है।

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    2. हाहाहाहाहहाहा
      कांग्रेसी बहुत बढिया
      मेरे ब्लाग पर कांग्रेस के बारे में भी बहुत कुछ है। हाहाहाहाह
      यही दिक्कत है लोग पढते नहीं है।

      वैसे मेरा निशाना सही जगह लगा, चीख निकल गई

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    3. abe tune apne hi ched main nishana laga diya bhai...teri cheekh bahut door tak sunai de ri hai...aur tu apni cheekh khud sunega jab tu bhagwaan ke paas jayega aur apne karmo ka hisaab dega...paapi aadmi...ab bol de paap punya kuch nai hota hai...

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  19. महेंद्र श्रीवास्तव जी
    आपका आलेख पढ़ा..बहुत निराशा हुई...
    वैसे आपकी लेखनी प्रभावित करती है परन्तु अफ़सोस है की आपने अपनी लेखनी की ताक़त का उपयोग सही जगह पर नहीं किया है..आपकी भाषा में और भ्रस्ट कांग्रेस की भाषा में कोई फर्क नज़र आ रहा है..आपकी भाषा भी उन्ही पेड कांग्रेस एजेंट्स की तरह ही है जो बाबा के विरोध में दिन रत भोकते रहते हैं..
    मैं आपसे कुछ सवाल पूछना चाहूँगा..आशा है की आप सही उत्तर देंगे l यधपि मैं बाबा का कोई भक्त नहीं हूँ परन्तु फिर भी मैं मानता हूँ की जो कार्य बाबा और उनके पतंजलि योग पीठ ने पिछले १० - १५ वर्षो में योग और आयुर्वेद के लिए किया है, वैसा या उसका आधा भी हमारी सरकारे पिछले ६० वर्षो में नहीं कर पाई हैं..तो क्या ये गलत है ?
    यदि योग को स्वास्थ्य से जोड़ कर आम जनता को समझया जाये जो की उन्ही आसानी से समझ में आ जाता है तो क्या ये गलत है?
    यदि बाबा ने योग को ऋषि मुनियों और साधू सन्यासियों के एकाधिकार से मुक्त करवा कर आम जन तक पहुचाया तो क्या उन्होंने गलत किया?
    और अंत में मेरा आपसे एक और सवाल की क्या आप कभी पतंजलि योग पीठ (हरिद्वार) गए हैं?(मैं जानता हु की आप नहीं गए हैं)
    ड्राइंगरूम मैं बैठ कर किसी की आलोचना करना बहुत आसन है..परन्तु यदि आप सचाई जानना चाहे तो पहले पतंजलि योग पीठ देख कर आये..बाबा रामदेव द्वारा किये गए कार्यो को देखे..मुझे विश्वास हैं की आपके विचार बदल जायेंगे..

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    Replies
    1. पहले तो मुझे खेद है कि आपको मेरा लेख पढ़कर निराश होना पड़ा, मतलब साफ है कि आपका वक्त जाया हुआ। उसके बाद आपने इतना बड़ा कमेंट करके और वक्त बर्बाद किया।
      मुझे ये भी पता है कि आपकी बातों का जवाब देना निरर्थक है, क्योंकि आप एक खास विचारधारा से बंधे नहीं बल्कि उसकी कैद में हैं।
      रही बात मेरे भोंकने की तो मैं तो भोंकता रहूंगा, क्योंकि अब रामदेव में योग नहीं रहा, उनसे देश को सतर्क करने की जरूरत है।
      मेरे ब्लाग पर रामदेव से ज्यादा कांग्रेसी करतूतों की चर्चा है, चूंकि ना आप ब्लाग पढ़ते हैं और ना किसी को जानते हैं, लिहाजा जो मन में आया वही बोल देते हैं।
      हां आपने कहा मै पतंजलि नहीं गया , मित्र मैं पतंजलि क्या नदी के पार बन रहे योगग्राम भी हो आया हूं। पतंजलि और योगग्राम में जिन किसानों की जमीन पर कब्जा है, उनसे भी मिल चुका हूं।
      बेईमानी की बुनियाद पर ईमानदारी की ईमारत ज्यादा दिन नहीं टिकी रह सकती।

      1. चलिए एक सवाल छोड़ जाता हूं, पता कीजिए आदरणीय कमला माता जी क्यों आश्रम छोड़ गईं ?
      2. रामदेव जी के गुरु की तलाश तो अब बेईमानी सी लगती है..

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  20. अब 9 अगस्त को चलने वाले आन्दोलन में कालाधन व मजबूत लोकपाल लेकर के ही उठेंगे। या फिर अपने जीवन की आहुति इस राष्ट्र यज्ञ में अर्पित कर देंगे। --Baba Ramdev

    या तो सरकार प्रमाणिकता के साथ कालाधन देश को दिलायेगी, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए मजबूत लोकपाल बनायेगी व व्यवस्था परिवर्तन हेतु ठोस कदम उठायेगी, नहीं तो मैं आन्दोलन व सत्याग्रह करता हुआ अपने जीवन की आहुति दे दूँगा, मेरे जीने या जाने से यदि इस देश की भलाई हो सबके जीवन में खुशहाली आए तो में अपने इस संकल्प को पूरा करने के लिए जियूँगा या अपना जीवन इस राष्ट्र अराधना में आहूत कर दूँगा यदि मेरे जीते जी सरकार ने हमारी माँगें मान ली तो बहुत बढ़िया और यदि मुझे अपने प्राण इस भगवत कार्य के लिए आहूत करने पड़ें तो भी बहुत बढ़िया है।

    मैं भगत सिंह की तरह सोचता हूँ कि इससे श्रेष्ठ अवसर अब और कुछ भी नहीं हो सकता।

    वे लाखों करोड़ों भाई-बहनों जिनकी मैंने पिछले दो दशकों से सेवा की है ऐसे देश व दुनियाँ के करोड़ों भाई-बहनों पिता तुल्य बुजुर्गों व श्रध्दामयी माताओं व हम उम्र मित्रों को मेरा ये दृढ़ निश्चय थोड़ा विचलित करे, लेकिन इसके सिवाय अब “नान्य: पन्था विधतेSयनाय” कोई इसका विकल्प नहीं है।

    जो भाई-बहन मेरे इस संकल्प के साथ एकाकार होकर इस राष्ट्र यज्ञ में अपने जीवन की आहुति देना चाहते हैं मैं उनसे भी विनम्र आह्वान करूँगा कि वे भी 9 अगस्त के इस राष्ट्र आराधना के पुण्य अनुष्ठान में मेरे साथ सम्मिलित होने के लिए किसी भी परिस्थितियों में दिल्ली अवश्य पहुँचे।



    बचपन से लेकर अभी तक जो भी अन्त: प्रेरणा मेरे हृदय में उठी उस पुकार, आवाज या ईश्वरीय संदेश के अनुसार ही मैंने जीवन में निर्णय लिए हैं।

    इस समय 24 घण्टे यही ईश्वरीय प्रेरणा मेरी आत्मा में बनी हुई है। आपको क्या करना है पूर्ण शान्त होकर आप भी अपने भीतर की आवाज को सुनिए और आपके हृदय या आत्मा में भी यही पुकार है तो मेरे साथ 9 अगस्त को अवश्य सम्मिलित होना।

    शुभ क्या है इसको किसी और से पूछने की आवश्यकता नहीं है। अपने आत्मा में बैठे परमात्मा से पूछो और वही करो इसमें हमारा इस राष्ट्र व मानवता का कल्याण है।-बाबा रामदेव

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    1. रामदेव बात तो सुभाष चंद्र बोस की करते हैं, पर विपरीत हालात में महिलाओं के कपड़े पहन कर अपने श्रद्धालुओं को छोड़कर भाग जाते हैं।

      ये कौन सा योग है, मुझे नहीं पता...

      रामदेव जब तक पांच रूपये के चूरन का 50 रुपये वसूलते रहेगे, स्वदेशी का सपना पूरा होने वाला नहीं है। हां उनकी दुकान जरूर अच्छी चल रही है।

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    2. जो कहते है कि रामदेव बाबा मैदान छोड़कर भागे थे उनको ये जबाब दें

      कि भाई .. जब भगाओगे तो… भागना तो पड़ेगा ही ?

      मर कर लड़ाई नहीं जीती जाती ..

      ये गंधासुर की जो कहानियां हैं न, इसने पूरी पीढ़ी का सत्यानाश मार दिया….

      अहिंसा…. अनशन…

      भगत सिंह ने भी किया था सत्याग्रह .. लट्ठ खा कर सिद्धा हो गया था … फिर बन्दूक ही उठाई l

      अब आता हूँ मुद्दे पर….

      1. भगवान् श्री कृष्ण भागे थे…. मथुरा से… द्वारिका गए..

      नाम पडा रणछोड़…

      परन्तु नाम की चिंता नहीं की उन्होंने…

      क्योंकि वो जानते थे की वो किस कार्य के लिए धरती पर आये हैं… और जरासंध के साथ होने वाले युद्धों में समय नष्ट होगा और जान माल की हानि अलग….

      2. … चन्द्रगुप्त मौर्य …

      जाने कितनी बार धननंद के राज्य में बीचों बीच घुस कर आक्रमण करता था….

      फिर हार कर वापिस भाग कर आता था…

      क्यों…. क्योंकि अगली बार फिर कोशिश करूँगा….

      आर्य चाणक्य ने समझाया की बेटा अंदर से नहीं बाहर से जीत .. उसकी समझ में नहीं आया…

      फिर दोनों चावल खाने बैठे…

      चन्द्रगुप्त ने चावलों में बीचो बीच हाथ डाला…

      चावल गर्म थे… हाथ जल गया .. तो हाथ पीछे खींच…

      फिर आर्य चाणक्य ने कहा…

      तेरे से चावल खाए नहीं जा रहे.. तू धननंद को कैसे जीतेगा ?

      फिर समझाया .. बेटा… कोने कोने से खाओ…

      ठंडे करके खाओ…

      3. पृथ्वी राज चौहान भी लेके ही भागा था .. संयोगिता को …

      नहीं भागता .. तो जयचंद उसे वहीं खत्म कर देता…

      4. शिवाजी .. फलों के टोकरे में छुप कर भागे थे…

      5. दशम गुरु गोबिंद जी को भी कई मोकों पर भागना ही पडा था .. नांदेड भी गए… हजूर साहिब

      6. महाराणा प्रताप की आयु तो भागते भागते.. छिपते छिपते .. जंगलों में ही गुजरी …

      7. बुन्देलखण्ड का महान शूरवीर छत्रसाल…. वो भाग भाग कर ही विजयी हुआ…

      8. तांत्या टोपे… नाना साहब …. ये भी भागते ही थे न…

      9. … और सनातन संस्कृति की सबसे शूरवीर नारियों में अपना नाम रखने वाली .. ब्राह्मणी रानी लक्ष्मी बाई …

      उसको भी अंत समय में भागना ही पडा….

      अपने पुत्र को पीठ पर बाँध कर भागी थी वो …

      10. भगत सिंह…. भागे थे सांडर्स को मार कर…

      केश कटवा लिए थे….

      11. चन्द्रशेखर सीताराम तिवारी आज़ाद….

      भगवा वस्त्र पहन कर ही भागे थे….

      12. सुखदेव .. राजगुरु जी … सब भागे ही थे…

      * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *

      भाग जाना….. कायरता नहीं होती…

      भाग जाना…. एक दूसरा मोका ढूँढने का अवसर भी देता है ..

      इसलिए आवश्यक है .. की वर्तमान पीढ़ी की मानसिकता बदली जाए….

      और…. हम सब स्वयम अपनी मानसिक्त अभी बदलें ..

      वेद और पुराणों जैसी पुस्तकों की शिक्षाओं को पढ़ कर अपनी सनातन संस्कृति के गौरवशाली इतिहास को जानिये…

      गीता में कहा गया है " जो समय, स्थान और स्थिति को देखकर कार्य करता है वाही महान है !

      हारा हुआ उसे नहीं कहते जो गिर जाए ....हारा हुआ उसे कहते जो गिर कर उठता नहीं है

      … इस बात पर विचार करना आवश्यक है l


      जय हिंद ! जय भारत

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    3. mahendra ji aisa lagta hai ki aap baba ko badnam kar rahe hain shayad aap ko bharastachariyon ke baare mein likhne ke liye patrakar nahi banaya gaya khali burai karne ke liye banaya gaya hai. upa sarkar ne kiska bhala kara hai . mahngai hi badhai hai.

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    4. Jo kehte hain ki Raam dev ji apne Pehle andolan me bhag gaye to unko main yahi kahunga ki ...Bhagna/running away Gives you second chance to fight.
      Aur Srikrishn bhi toh Bhage the Kalyavan se tab unka naam pada Ranchod. Baad me unhone hi Kalyavan ko mara .

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    5. dont argue with this guy...its very clear he is an agent...agent vinod...wtf....kutte bhokte rehte hain hathi chalte rehte hain....Digvijay (Dick vijay)sing ka bhai hai ye..usi ki bhasha bol ra hai...in logo ke bolne se thodi na kuch ho jaata hai...change is the rule of the world...change hota hai aur hoga...ye sach hai ke 2012 main vinaash hai par poora nai..kuch log bachenge jinke karm sanshkaar acche hain...iske jaise banawati writer nai...ise bolne do ..iska kaam hai ye...

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  21. श्री महेंद्र श्रीवास्तव जी आप एक जातिवादी कीड़े हो जो की एक संत को कभी समझ नहीं सकता आप को पहले इसके लिए स्वामी रामदेव जी के एक शिविर अटेंड करना पड़ा उसके अलावा पतंजलि योगपीठ,दिव्या फार्मेसी, दिव्या गौशाला , बाल्मीकि धर्मशाला , संत रविदास लंगर इन सब में जाओ और हो सके तो स्वामी रामदेव जी का खुद एक स्टिंग ओपरेशन कर तुम जैसे मूर्ख सुनी सुने बातों को लिख देते हैं पहले अपने अन्दर झाँकों की मैंने अभी तक इस देश के लिए क्या किया है ? अभी सोशल मीडिया का शिविर चल रहा था हम भी वहाँ गए थे एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं था जो इन सवालों को पूछे या सोचे भी रही बात मूर्ती पूजा और सनातन धर्म की तो आप एक जातिवादी कीड़े मात्र हो स्वामी रामदेव जी ने दिव्या योग मंदिर बनाया है और पतंजलि सुश्रुत धन्वन्तरी जैसे महान लोगों की मूर्तियाँ लगा रखी है अपनी आँखों पे से कांग्रेसी चश्मा हटाकर देखों वन्दे मातरम्

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  22. स्वामी रामदेव जी ने भारतीय संस्कृति सभ्यता के लिए जो किया है वो शायद ये भ्रष्ट कांग्रेसी और उनके पालतू ,भोंकने वाले ढोंगी सरकारी बाबा कभी नहीं कर सकते ?

    स्वामी रामदेव जी व आचार्य बालकृष्ण जी ने अभी तक लाखों भारतीय नागरिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया है ,और मकर संक्रांति (2012)वाले दिन प्रेस वार्ता में स्वामी रामदेव जी ने घोषणा की थी की हम स्वदेशी ,योग,आयुर्वेद के क्षेत्र में जल्द ही लगभग एक करोड़ से रोज़गार उपलब्ध कर्वायेंगें ...

    स्वामी रामदेव जी ने लोगों को रोज़ सुबह जल्दी उठकर योग करना सिखाया है और उसके अलावा योग प्राणायाम से हो रहे लाभों के बारे में भी बाताया है अधिक जानकारी के लिए आप विज्ञानं की कसौटी पर योग जो की आचार्य बालकृष्ण जी ने लिखी है पढ़ सकते हैं

    स्वामी रामदेव जी महाराज ने विश्व पटल पर योग , आयुर्वेद के क्षेत्र में भारत माता का गौरव बढ़ाया है विश्व के 200 देशों में आज स्वामी रामदेव जी ने योग, आयुर्वेद को इस तरह प्रतिष्ठापित किया है जिसे को नकार नहीं सकता

    स्वामी रामदेव जी ने भारत और विदेशों तक करोड़ों लोगों को स्वस्थ दिनचर्या के साथ साथ उन्हें शारीरिक मानसिक लाभ पहुँचाया है

    स्वामी रामदेव जी व आचार्य बालकृष्ण जी व पतंजलि योगपीठ परिवार ,विश्वविद्यालय के माध्यम से योग,आयुर्वेद भारतीय संस्कृति का गौरव संवर्धन करते हुए वसुधैव कुटुम्बकम एवं सर्वेभवन्तु सुखिन: की ऋषि संस्कृति, परम्परा के अनुरूप एक स्वास्थ्य व सुखी संसार का निर्माण लक्ष्य जिसे पूरा करने में दिन रात कार्यरत हैं

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    1. जब बाबा के चेले भोकने वाले शब्द इस्तेमाल करते हैं, मेरी तवियत खुश हो जाती है। मुझे शुकून मिलता है कि निशाना सही जगह लगा है, तभी ये दर्द निकल रहा है। खैर बाबा के चेलों से और क्या उम्मीद की जा सकती है, जब आजकल बाबा ही ( मैं नहीं कहूंगा कि वो भौंक रहे हैं) अनाप शनाप कुछ भी बोल रहे हैं।

      बाबा ने क्या किया ये तो बाबा और भगवान जाने अभी भी उनका क्या क्या गोरखधंधा चल रहा है, ये सब उन्हें पता होगा।

      मैं इस बात से पूरी तरह कन्वींस हूं कि बाबा ने योग की ऐसी तैसी जरूर कर दी। महर्षि पतंजलि की योग सूत्रों को ही बाबा नहीं मानते, वरना इतना संग्रह नहीं करते।

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    2. क्यों महेन्द्र साहब बाबा से इतनी चिड़ क्यों है आपको? आपने अपने मन में ही सोच लिया कि योग से रोग दूर नही होता? आपने मन में ही सोच लिया कि बाबा पतंजलि के योग सूत्रों को नही मानते? कांग्रेस ने कितने पैसे दिए हैं आपको? या फिर क्या मीर जाफर की औलाद हो आप? आपमें थोड़ी भी अक्ल हो तो यही कहूंगा कि देशहित में अपने दिमाग के कूड़े करकट को यहां वहां मत फैलाओ।

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    3. ये भाषा तो वाकई रामदेव की लगती है,

      अगर रामदेव नहीं है दूसरे लोग उनके लिए बात कर रहे हैं तो उन्हें पहले महर्षि पतंजलि को पढना होगा।। क्या बात करुं, जो चेहरा छिपाकर बात कर रहे हैं।

      वैसे मुझे ठीक लग रहा है, क्योंकि सही बात आसानी पचती कहां हैं

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    4. dusron par ungli uthane se pehle khud ko dekho. yeh patrakar sirf ek paksh ko lekar chalte hain . baba ji ka jo interview hua tha to aapne upa leaders ko bhi bulana tha . phir inki pol patti khulti

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    5. abe tu yaha pe kyu kuch bura likhega tu to bahut ijjatdaar aadmi hai na..tu to sirf apne ghar main chup ke gaali deta hai logo ko... abhi to tu ijjatdaar aadmi hai yaha pe...teri ijjat kam ho jayegi nai to....kuch logo ke beech main teri bhi to ijjat hai na...par ek baat yaad rakh jinke ghar khud sheeshe ke bane hote hain wo dusro ke ghar main patthar nai maara karte...bahut jald ya to tujhe ek aabaad hindostan dikhega jaha pe tujmain keede pade honge ya to ek barbaad hindostaan dikhega jahan pe tere jaise log raaj kar re honge...

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    6. Actually me ye jo Uncles aur Auntys hain jinhone is Blog par Mahendar srivastav Uncle ka samarthan kiya hai ,inki mentality aur youth ki mentality me kitna difference hai.
      Its generation gap.
      Unki menatlity aur hum Yuvaon ki mentality kabhi match hi nahi kar sakti.
      Aur waise bhi ye log aged ho chuke hain toh inka Dimag bhi sahi tarike se kaam nahi karta , Aged hone ke wajah se inki Ismriti Shakti khatm ho gayi hai Diabetes aur BP ke wajah se.Isliye kya sahi hai aur kya galat ye bhi inko nahi malum.
      This is Generation Gap Problem

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  23. स्वामी रामदेव जी ने कालेधन भ्रष्टाचार व भ्रष्ट व्यवस्था के विरुद्ध 4 जून 2011 भ्रष्टाचार मिटाओ सत्याग्रह आन्दोलन शुरू करने से पहले विदेशों में जमा कालेधन को राष्ट्रिय सम्पत्ति घोषित करने के लिए सबसे पहले माननीय राष्ट्रपति महोदया प्रतिभा दैवी सिंह पाटिल जी को भारत के 10 करोड़ देशभक्त नागरिकों के हस्ताक्षर कराकर सौंपे थे उन हस्ताक्षरों में लाखों लोगों ने कालेधन को देश में वापस लाने के लिए स्वामी रामदेव जी को अपने खून से हस्ताक्षर करके दिए , मित्रों 4 जून की काली रात सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस द्वारा सत्याग्रही ,अनशनकारी रामलीला मैदान में उपस्तिथ देशभक्त भारतीय नागरिकों ने सुबह से कुछ नहीं खाया था उन निर्दोष साधू-सन्तों, बच्चों महिलाओं बहन बेटियों पर आँसूं गैस के गोले लाठी डंडें बरसायें गए ! ऐसा अत्याचार तो अंग्रेजों ने जलियावाला बाग़ काण्ड में किया था , वैसे ये भी विश्व का एक इतिहास है की विश्व भर में किसी भी आन्दोलन को आज तक रात को नहीं रौंदा गया पर भारत में ऐसा हुआ ??

    फिर भी स्वामी रामदेव जी ने अपमान का घूँट पीते हुए भारतवासियों की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझते हुए फिर से भारत स्वाभिमान जन जागरण यात्रा शुरू की और कालाधन, भ्रष्टाचार व भ्रष्ट व्यवस्था के मुद्दों को जन जन तक पहुँचाने का कार्य निरन्तर जारी रखा मित्रों आप को जान कर हैरानी होगी कि भारत स्वाभिमान आन्दोलन को जन जन तक पहुँचाने के लिए परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने अभी तक 11 लाख किलोमीटर की यात्रा की है और प्रत्यक्ष रूप से लगभग 11 करोड़ लोगों को प्रभावित किया है आस्था, संस्कार टी वी से तो करोड़ लोग रोज़ प्रभावित हो ही रहे हैं , उसके अलावा विश्व इतिहास में भारत स्वाभिमान एक ऐसा संगठन है जिसने विश्व की सबसे ज्यादा 11 हज़ार से ज्यादा सफल सभायें की है वो कार्य आज भी जारी है !

    मित्रों अगर सरकार और कुछ भ्रमित लोगों के लिए बात करें तो एक अरब पति योगी सन्यासी को ये सब करने की क्या आवश्यकता ? वैसे स्वामी रामदेव जी का कोई भी बैंक अकाउंट नहीं है और न ही उनके नाम कोई सम्पत्ति वस्त्र भी वो दौ (2) ही पहनते हैं जो की उन्हें कोई गुरुपूर्णिमा पर गुरु के मान के तौर पर दे दे , हमेशा दौ वस्त्रों और खड़ाऊ पहन कर रहते हैं 24 घंटों में से 16 से 18 राष्ट्र उन्नति के लिए कार्य करते हैं पिछले 20 सालों से अन्न ग्रहण नहीं किया दूध, फल और उबला हुआ खाना आदि खाते पीते हैं भारत के अंतिम व्यक्ति को जीते हैं प्रतिपल सर्वे भवन्तु सुखिन: और राष्ट्रहित सर्वोपति की भावना से जीते हैं और क्या चाहिये एक सन्यासी से इस देश को और सरकार को ?
    स्वामी रामदेव जी ने भारतीय संस्कृति योग,आयुर्वेद व स्वदेशी दर्शन के साथ साथ भारत को लूट रही विदेशी कम्पनियों ,भ्रष्टाचारियों और अंग्रेजी भ्रष्ट व्यवस्था जो की काले अंग्रेज द्वारा चलायी जा रही है के विरुद्ध आर पार की लड़ाई का शंखनाद किया और घोषणा कर दी की अब या तो सरकार विदेशों में जमा कालाधन वापस लाएगी , भ्रष्टाचार मिटाने के लिए सी बी आई को स्वतंत्र करके एक सशक्त जन लोकपाल बिल बनाएगी व अंग्रेजों के समय से चली आ रही अंग्रेजी अन्याय पूर्ण भ्रष्ट व्यवस्था को खत्म करके स्वदेशी व्यवथा को लागू करेगी या तो अब ये सरकार जायेगी .... चाहे अब इस 9 अगस्त के इस आन्दोलन को सफल बनाने में हमें अपने प्राणों की आहुति क्यों न देनी पड़े हम इस आन्दोलन को जरुर सफल बनायेगें क्योंकि हमारी सभी माँगें राष्ट्रहित और जनहित की है हम भारत के अंतिम व्यक्ति , दलित ,बाल्मीकि , आदिवासी, वनवासी को आर्थिक व सामाजिक न्याय दिलाने के लिए पूरी प्रमाणिकता के साथ ये लड़ाई लड़ रहे हैं हमारी लड़ाई आध्यात्मिक समाजवाद और विकेन्द्रित विकासवाद की है ...

    स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण जी ने रविवार 3 जून 2012 ,के दिन दिल्ली के संसद मार्ग पर एक ऐतिहासिक घोषणा की और कहा कि हम भारत के १२१ करोड़ भारतीय नागरिकों और भारत के अंतिम व्यक्ति के लिए सरकार से न्याय माँग कर रहे हैं हम पिछले 20 सालों से पूरी प्रमाणिकता के साथ राष्ट्रहित में योग,आयुर्वेद व स्वदेशी का कार्य कर रहे हैं !

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  24. पर पिछले साल 4 जून 2011 से पहले हमारी कोई जाँच नहीं करता था और ना ही कोई हमें नोटिस भेजता था पता नहीं क्यों जबसे हमने दिल्ली के रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार मिटाओ सत्याग्रह आन्दोलन किया है जिसे सरकार ने बड़ी ही बर्बरता से कुचल दिया उसके बाद से हमारे पास अभी तक 60 से ऊपर नोटिस आ चुके हैं भारत कि सभी बड़ी जाँच एजेंसियाँ हमारी जाँच कर रही हैं पर कुछ भी निकल कर सामने नहीं आ रहा है ! आज हम करोड़ों देश वासियों और मीडिया के सामने ये घोषणा करते हैं कि अगर हमने अपने पूरे जीवन में कोई भी गलत कार्य किया है तो हमें अभी से आजीवन कारावास या जो सजा बने वो सरकार हमें दे सकती है , अगर राष्ट्रहित के लिए सरकार पतंजलि योगपीठ को नष्ट करना चाहे तो कर सकती है उसे अपने पास रखना चाहे तो रख सकती है ... पर हम भारत के 121 करोड़ लोगों को न्याय दिलाने के लिए जो ये आन्दोलन चला रहे हैं और जो माँगें हमने सरकार के सामने रखीं हैं उसे सरकार जल्द से जल्द माने नहीं तो हम अब आर पार की लड़ाई के लिए फिर दिल्ली आ रहे हैं और अब हमारे साथ भारत के करोड़ों लोग अपना हक़ मांगने हमारे साथ आयेंगें !

    स्वामी रामदेव जी कहते हैं 19 साल पहले तक स्वामी रामदेव योगऋषि थे पर 4 जून के बाद स्वामी रामदेव ठग नहीं महाठग हो गया सरकार के पास वर्तमान में 20 लाख सरकारी कर्मचारी हैं जो की अगर किसी व्यक्ति या संस्थान के पीछे लग जाएँ तो एक दिन क्या एक घण्टें में ही नष्ट कर दें , पर 4जून के आन्दोलन को एक साल (365 दिन ) से ज्यादा का समय बीत चूका है पर ये सरकार अभी तक पतंजलि योगपीठ , स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण जी के खिलाफ एक भी सबूत नहीं जुटा पायी इस से बड़ा प्रमाण अब हम क्या दे सकते हैं ?

    आचार्य बालकृष्ण जी के ऊपर सरकार ने बहुत अनर्गल आरोप लगाये हम पूछना चाहते हैं की जब आचार्य बालकृष्ण जी ने ये पहले ही बता दिया है की हम ना तो कोई राजनैतिक , संवैधानिक पद ग्रहण करेंगें और ना ही हमें ऐसे किसी पद की लालसा है फिर क्यों सरकार उनके पीछे पड़ी है श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी ने भारत समेत विश्व के लाखों करोड़ों लोगों का आयुर्वेद के माध्यम से उपचार किया है जीने का नया ढंग बताया है ! उसके आलावा आचार्य जी ने जड़ीबूटियों की एक किताब लिखी है इन्सैक्लोपीडिया जो जल्द ही भारत माता व भारतवासियों का गौरव बढायेगी उस किताब में 5000 औषधियों का विवरण दिया हुआ है !

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    1. मैं जानता हू कि रामेश्वर जी की बातों का जवाब देने का कोई मतलब नहीं है, पर इस वक्त मैं पहाड की चोटी पर बने मित्र के रिसार्ट में छुट्टी बिता रहा हूं, पूरी तरह खाली हूं, लिहाजा मै भी जवाब देने बैठ गया।
      वैसे आदत होती है कि झूठ तब तक बोलते रहो, जब तक वो सच ना लगने लगे। कुछ ऐसी ही साजिश की है भाई रामेश्वर जी ने... मेरे ब्लाग को उन्होंने बाबा का पंपलेट बनाने की कोशिश की और जो सवाल उठाए गए हैं, उसकी कोई बात नहीं।
      ऐसी ऐसी बातें की जा रही है कि बाबा और बालकृष्ण कोई सैंवेधानिक पद नहीं ग्रहण करेंगे। हां इन दोनों को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का आफर है जो इन्होने ठुकरा दिया।
      फर्जी डिग्री के आधार पर कब बालकृष्ण को जेल जाना पड़े ये तय नहीं है। इतनी ऊंची ऊंची ये लोग बातें करते हैं।

      मैं यहां भी पूछना चाहता हूं कि आदरणीय कमला माता जी पतंजलि छोड़ने को क्यों मजबूर हुईं...? अगर आप सब बहुत हिमायती हैं तो पूछिए बालकृष्ण से..
      रामदेव आज तक अपने गुरु महराज के बारे में चुप हैं।

      पहले खुद को दुरुस्त करो, फिर समाज के सामने आओ। लोगों को योग के बारे में सही जानकारी दो.. बालकृष्ण की किताब का क्या मायने है। उनकी प्रमाणिकता ही संदिग्ध है। उनकी डिग्री संदिग्ध है। जब आदमी की शिक्षा संदिग्ध हो तो उसकी किताब मार्केट में आनी ही क्यों चाहिए...

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    2. khoji patrkar lagte ho bhai. lekin sarkar ki hi tarah aarop hi tum bhi laga rahe ho. kamala mata aur ramdev ke guru ji ke bare mein tum bhi kuch nahin bata rahe ho. patrkarita ke nam par kya ukhad rahe ho. ek samaya tha jab patrkar ka likha saboot mana jata tha. thumhare jaise paise lekar farzi patrkarita karne valon ki vajah se jagh jagah par patrkar jutiyaye ja rhe hain. 4-5 ghtnayen puchna to bata doonga sath yeh bhi bata doonga kisko kisne kitne joote mare. asli patrkaron par raham karo bhai.

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    3. भाई ये आदमी "पत्रकार" है। "राष्ट्रवादी" नही है। इसलिए ऊटपटांग बातें लिखने की पूरी संभावना है।

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    4. Are ye aadmi khud hi bol ra hai ke pahaad pe resort pe ye chutti manane gaya hua hai...ye sharab ki bottle khol ke murga katwa ke samne apni girl friend aur dosto ke sath laptop khol ke desh pe research kar ra hai...set hai ye....
      rahi baat baalkrishn ki degree ki...jaraq batana James Watt ke pass kaun si degree thi? Susain Vaidhya ka naam to sayad hi suna ho isne, uske pass kaun si degree thi? tere baap ke paas aun si baap banne ki degree thi...besharm aaadmi...itna besharm aadmi maine aaj tak apni jindgi main nai dekha jo akela jhooth ka mahal banana chah ra hai...shame on u....tu apne baccho ki umar ke logo se bhi gali kha ra hai...such a egoistic man...ye kabhi apni haar nai accept kar sakta chahe gala katwa de...

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  25. आचार्य बालकृष्ण जी के पास फर्जी डिग्रियां हो या न हों, क्या फर्क पड़ता है। जो काम उन्होने आयुर्वेद के क्षेत्र में किया है उसके आगे सारी दुनिया की डिग्रियां छोटी पड़ जाती हैं। और फिर प्राचीन ऋषियों के पास तो कोई डिग्री नही होती थी। उन्होने उसी ऋषि परंपरा को आगे बढ़ाया है।
    स्वामी रामदेव जी अपने गुरू के बारे में चुप नही हैं, हां यह अवश्य है कि जब वह बोल रहे थे तब आप बहरे बनने का ढोंग कर रहे थे।

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    1. फिर ठीक है झोला छाप डाक्टरों से अपना इलाज कराइये,
      क्यों चीखते हैं फिर

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    2. kaladhan layenge desh ko bachayenge

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    3. Mr.Mahendra Srivastav toh Shakuni type aadmi hai.Is ne toh Asli Degree ko Farzi Degree Bol raha hai Woh bhi bina kisi Tathya ke.
      Dear Mr.Mahendra Srivastav If I could rearrange the alphabets, I would put you between F and CK

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  26. महेंद्र जी जब आप पहले ही अपनी बातों के केवल आधा सच ही कह रहे है फिर दुसरे लोगों को कुछ बोलने की क्या जरुरत है | अपने नाम ही रख लिया आधा सच जिसका मतलब है बाकी आधा झूठ है |

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    1. वत्सल साहब, आपने बिल्कुल सही फरमाया।

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    2. भाई लोगों सावधान! आधा सच में आधा झूठ है। यानि कि ऊपर लिखे लेख पर विश्वास नही किया जा सकता है। यह बात स्वयं महेन्द्र साहब भी स्वीकार रहे हैं।

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  27. चूतिये अगर ताकत हे तो तुम्हारी आम्मा के बारे में लिख न नहेरु गाँधी खंडन के वंशज के सामने तो कुत्ता बन जाता हे और आया हे सच सामने लेन के लिए पहेले अपने गिरेबान में जनख कर देख के तुने अब तक देश के लिए क्या किया हे बाद में अध सच और अध जुट सब को बताना

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    1. हाहाहहाहाहाहाहहा
      खुश रहो दोस्त

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    2. Abe sale Tu apne baap Nirmal baaba ke bare main kyu nai kuch likhta ...itne sare baaba hain jo sare aam rape kar re hain loot re hain logo ko...sale India tv ka ladka hai ye....kuch bhi news de deta hai..aur log sun bhi lete hain...currupt media...Banda jinda jalta rehta hai aur ye log coverage karte rehte hain news banate hain...photo lete hain....par aag nai bujhate....Besharm....Blog pe photo to aise lagai hui hai jaise ke Bahut bada gyani ho...Adhjal gagri chalkat jawat...aadha bhara hua ghada hamesha chalakta rehta hai...adhoora gyaan bahut hi khatarnaak hota hai....gyaani aadmi bhare huye ghade ki tarah hai wo kabhi chalakta nai...

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  28. ये ब्लॉग लग रहा है किसी ने इर्ष्या के तहत आकार लिखा है अन्यथा अगर बाबाजी द्वारा किये गए कार्य जिसको कांग्रेस की सरकार कभी कर ही नहीं सकती क्या सोच भी नहीं सकती उनको गलत ठहराना ये अपने आप में ही बहुत की कुत्सित कर्म लगता है |

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  29. I think this guy (mahender or who ever) need to be ignored .. I think it is digvijay singh who is writing the blogs under the guise of a reporter..

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    1. बिल्कुल हो सकता है दोस्त। वर्ना भारत में इतने आला दर्जे का दिमाग से पैदल केवल डॉग्विजय सिंह ही है।

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  30. bhai sahab baat aisi h ke Jo kalmadi, a raja , coal scam,adarsh scam hue h unke bare me to apne ek baar bhi nhi likha

    kya sach h kya jhut....

    ek baat aur apne desh ke liye kya
    mujhe bataiye ....

    soniya ki sampatti ki jankari wo sabko kyo nahi batati ...

    kafi logo ne rti bhi file ki tab bhi nahi...

    or rahi baat ramdev ki to agar vo doshi h ya balkrishn doshi h to phir unhe arrest kyon nhi kiya jata ....

    4 june ke baad hi pata chala ki unke pass acharya ki degree nhi h.....

    pehle kaha thi cbi....

    aur baat product ki sabhi videshi companio ki or ramdev ki tax dono dete h

    phir problem kya h.....

    politics me pata nhi kitne log h jinki induatries h

    unhe to apne kabhi sachha ya jhutta nhi kaha....


    personally apke liye

    ye mat socho desh tumhe kya deta h
    ye socho tum desh ko kya de rahe ho....

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  31. or rahi baat chutiye ki:
    to chutiye ko hi

    chutiya kaha jata h...

    sach hamesh kadwa hota h..

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  32. kaladhan layenge desh ko bachayenge

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  33. महेंद्र जी
    क्या आप कांग्रेसी है ? सत्य को देखना क्यों नहीं चाहते ? आज का विषय यह है कि देश जिस गर्त में जा रहा है उसे रोकने का कोई उपाय है या नहीं है ? विषय यह नहीं है कि बाबा राम देव क्या है? विषय यह है कि वह जो कर रहे है वो सही है या गलत ? एक पत्रकार राष्ट्र के लिए सोचता है चिंतन करता है ! राष्ट के हित में उपाय सुझाता है किन्तु आप अपनी ऊर्जा इस विषय में लगा रहे है कि बाबा राम देव क्या है? आचार्य वाल्क्रष्ण क्या है?
    गुरु रविन्द्र नाथ टैगोर के पास कितनी डिग्री थी ? कवीर का साहित्य और दर्शन एम० ए० क्यों पढाया जाता है ? उनके पास तो एक भी डिग्री नहीं थी ! मैं पिछले १४ साल से शिक्छा जगत में हूँ और जनता हूँ विश्वविद्यालय से डिग्री कैसे प्राप्त कि जाती है? मैं आप पर कोई टिप्पणी करना नहीं चाहता I यह विश्व में परिवर्तन का शंक्रामन काल है ! और परवर्तन कि ताकत कैसे प्राप्त होगी यह उन्हें सोचने दो ! और एक पत्रकार का धर्म निभाओ !
    जीविका कमाने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि अपराध करके ही धन प्राप्त किया जाये ! आज देश को लूट रहे और लूटवा रहे अपने ही दिग्भ्रमित और अलसी भाई है I एक सच्चा पत्रकार दूरद्र्स्ता होता है वह कभी दिग्भ्रमित नहीं होता है !

    एक शिक्चक की हैसियत से आपके सुखा और समर्धि कि कामना कर्ता हूँ !
    कमलेश

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    1. क्या बात है, बहुत बढिया। रामदेव और बालकृष्ण की तुलना कभी कोई ईश्वर से करता है, तो की संत महात्माओं से। क्या टैगोर और कबीर फर्जी डिग्री लेकर इस तरह घूमा करते थे।
      ऐसी डिग्री के आधार पर उन्होंने कभी अपने को आचार्य कहने की कोशिश की थी। हां नहीं पढ़े लिखे हो तो कहो इस बात को।
      सच्चाई को आइना दिखाना भी पत्रकारिता का धर्म है।

      मैं आपकी इस बात से पूरी तरह सहमत हूं की जीविका कमाने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि अपराध करके ही धन प्राप्त किया जाये ! आज देश को लूट रहे और लूटवा रहे अपने ही दिग्भ्रमित और अलसी भाई है।

      प्लीज ये बात रामदेव को समझाइये, उन्हें बताइये कि बेईमानी की बुनियाद पर ईमानदारी की बात करना अच्छा लगता है। कम से कम गेरुवा वस्त्र की प्रतिष्ठा पर आंच मत आने दो, इसका लोग बहुत सम्मान करते है।

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  34. मित्रों मैं थोड़े दिन के लिए बाहर हूं, यहां ब्लाग पर कुछ रामदेव के सहयोगी अभद्र भाषा के साथ सच्चाई को दवाने की फूहड़ कोशिश कर रहे हैं।

    मैं इससे विचलित होने वाला नहीं हूं। मैं सच्चाई पर अंतिम समय तक टिका रहने वाला हूं। ये चूरन चटनी बेचने वाले देश को ज्यादा समय तक अंधेरे में नहीं रख सकते।

    बडबोले रामदेव एक समय में चूरऩ से कैंसर का इलाज कर रहे थे, कुछ लोगों की मौत हो गई तो अब ये कैंसर का नाम नहीं ले रहे हैं।

    बहरहाल दोस्तों आप सब जानते हैं कि मैं इनके अभद्र कमेंट्स हटा भी सकता हूं, लेकिन आपको पता चलना चाहिए कि रामदेव की असलियत क्या है। आजकल कई बार वो खुद भी गाली गलौच की भाषा बोलते हैं, तो उनके चेले कैसे खामोश रहेंगे। मैं इनकी असली तस्वीर देखना चाहता हूं।
    अभी पहाड़ पर छु्टियां बिता रहा हूं, वापस आकर फिर रामदेव के कुछ और नए कारनामों की जिक्र करूंगा।

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    1. Party karne gaya hua hai na pahaad pe...ayyashi time?? Jaisa beej boyega waisa hi katega beta....bol le kuch bhi...tere jaise logo ke saath aisa hi behave karna padta hai...aur rahi baat ramdev ke agent ki...main nai kisi ka agent....main ek 24 saal ka yuva hu ...main sab kuch karta hu par teri tarah desh ko nai bechta ...aur waise bhi ramdev mera rishtedar to hai nai jo mujhe kuch kama ke de ra hai ...jo de ra hai apni maa bharti ko de ra hai ,,,,unke baccho ke liye kar ra hai....bekar ka aadmi...lagta hai set ho gaya ///jyaada pee li tune...comments kab delete karega???kab tak karega...jaise tu likhta hai na acche lekh ab main bhi bure lekh likha karunga...roj isi tarah....raat bhar....dekhta hu kitna delete karta hai ....ab mere andar ka bhi lekhak jaag gaya hai...

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    2. क्या बात है,
      बहुत सुंदर


      हाहाहहाहाहाहाहाहाहाहहाहाहा
      रामदेव ने जोकरों को भी मैदान में उतार दिया है

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    3. Agar joker ban kar bhi desh ke kisi kaam aa jaye to bahut badi baat hai....apna pet palne ke liye to jaanwar bhi jeete hain...fir fark kya reh gaya insaano aur janwaro main.....Aur ye kisi ramdev kisi baba waba ne nai utara...insaan ka apna bhi vivek hota hai....har baar aankh band karke baitha nai jaata.....Sunny deol ki movie nai chal ri hai ye ...desh barbadi ke raste main khada hai....aur hum log hi khud ise barbaad kar re hain....hasi to sabko aati hai....par hasana bhi aana chaiye....

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  35. Jo kehte hain ki Raam dev ji apne Pehle andolan me bhag gaye to unko main yahi kahunga ki ...Bhagna/running away Gives you second chance to fight.
    Aur Srikrishn bhi toh Bhage the Kalyavan/jarasasandh se tab unka naam pada Ranchod. Baad me unhone hi Kalyavan ko mara .
    So this proofs that running away gives you second chance to come back again.

    Now a days Relationships is becoming meaningless, cars are keyless !, phone wireless !,cooking fireless !,Leaders Shameless !,Feelings Heartless !,Education Valuless !,Children Mannerless !,Wives Fearless !,Dress Sleeveless !,Youth Jobless !,Media Brainless. Every Thing is becoming Less but Still my hope from RAMDEV BABA is endless.

    Aur Jo Bhi Baba Ramdev ka virodh kar rahe hain unko mera yahi kehna hai ki " Latrine bhi nahi karenge aur Rasta bhi nahi Chodenge bas , Lota lekar Raste me pant khol kar Baithenge taki raste ka adchan ban sake"

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    1. सच मे ऐसे लोग अड़चन ही तो हैं.. क्या कहूं ज्यादा।

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  36. बाबा रामदेव के आन्दोलनों से सबसे ज्यादा पीड़ा मीडिया को होती है l ये फिर साबित कर दिया महेंदर जी आपने l क्योंकि जनता के सामने सच लाने और देश को लूटने वालो के कारनामे उजागर करने का काम मीडिया का है और वो काम बाबा कर रहे हैं l इसलिए आपकी पीड़ा मै समझ सकता हूँ l देश की मीडिया जब घोटालो और काले धन पर चुप्पी मारे बैठी थी तो बाबा रामदेव ने इसके खिलाफ जागरूकता फ़ैलाने का जो काम किया ये आरोप उसी का परिणाम हैं l रोज सामने आ रहे घोटालो में से कोई एक बता दीजिये जिसका खुलासा आप जैसे मीडिया वाले ने किया हो l सभी खुलासे RTI के द्वारा जागरूक लोगो द्वारा किये गए हैं और हाँ काले धन पर तो देश की मीडिया आज तक चुप्पी साधे हुए है l
    आपको विकार युक्त मन से मुक्ति के लिए योग आसन और प्राणायाम की बहुत जरुरत है l

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  37. आरोप प्रत्यारोप के इस दौर मे क्या सही क्या गलत है , बिना जाँच पड़ताल के कुछ कहना गलत है , लेकिन इस बात मे जरुर सच्चाई है की बाबा जी ने इस देश की जनता, किसानो और बेरोजगार लोगो की लिए बहुत कुछ किया है , इसके साथ ही आमजन के लिए भी उनके द्वारा बनाये गए उत्पाद फायदेमंद है , हो सकता है की वो ५/- का चूर्ण ५०/- मे बेच रहे हो , लेकिन इस बात मे भी दम है की वो ही चूर्ण दूसरी कंपनिया ७५/- मे बेच रही थी (थी इसलिए की अब उनके उत्पाद बिकने कम हो गए है)
    बहुत सही है की नियमित योग और व्यायाम यानि स्वस्थ शरीर और स्वस्थ शरीर मे ही स्वस्थ मस्तिस्क के निर्माण की संभावना , वैसे अध्ययन यह बताते है की ज्यादातर बीमारियाँ शारीरिक कम और मानसिक ज्यादा होती है इसलिए स्वस्थ जीवन के लिए योग और व्यायाम एक सार्थक प्रयास

    इसलिए सभी बंधुओ से निवेदन है सकारात्मक सोच रखे और ऐसे कार्य मे योगदान देने वाले लोगो को प्रोत्साहित करे

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    1. वर्मा जी आपको अभी सच्चाई जानने मे थोडा वक्त लगेगा। मै नहीं कहता आप मेरी बात मानें...बस इंतजार कीजिए हकीकत सामने आएगी..

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  38. अगर स्वामी जी राष्ट्रहित में ये आंदोलन न छेड़ते तो अभी यही महेन्द्र साहब उनको पूजते रहते। अब चूंकि आंदोलन की वजह से इनके आकाओं की फट रही है तो इनके पिछवाड़े भी सुलगेंगे, नतीजा यह लेख।

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  39. Hi Mr Mahendra Srivastva. It is good that you are replying on most of the comments.

    I Have some questions for you and I will be gald if you could clarify those.

    1. Baba Ram dev had given You training to 10 million ( 1 carore)( Link given below as a source for my info) people and most of them are getting benefit. And non of them got any side effect ( as per I know ) so that should be a achievement and as a Indian you should feel proud on Ram dev.
    But I am not sure why you don't feel this.

    http://www.expressindia.com/latest-news/patanjali-yogpeeth-creates-record-in-free-training-of-yoga-swami-ramdev/301496/

    2. As you said Ram dev is selling medicines as well as FMCG products.
    Then also it is good because in India most of FMCG products are produced and marketed by foreign companied like P&G and Leaver and many more.
    And Ram dev and stared Indian participation in this field so i think this step should be appreciated.

    again I would say as a Indian you should feel proud on Ram dev.

    3. Yoga is spread in the world by Ram dev which is very help full to raise India's name in world map and I think Ram dev is doning the same job what was done by The great Vivekananda in 1893.

    So again I would say as a Indian you should feel proud on Ram dev.

    4. Ram dev is working to bring Black money which was send out by corrupt ministers and Bureaucrats so I my point of view we should be thankful to him to raise this issue.

    5. As you said about the money earned by Ram dev. So that is also mandatory to do more in the field of Yoga and Ayurveda because you need money to plan medicines and do research and file patents.

    Most of the Patents like Use of Turmeric as anti biotic is patented by the University of Mississippi Medical Center in 1995.

    so Now Baba Ram dev is securing India space in the filed of Ancient Indian knowledge .

    So again I will say that as a True Indian you should respect Baba Ram dev.

    I hope you will reply.

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  40. मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि यहां स्वामी और बाबा किसे कहा जा रहा है।

    आगे की बातों का क्या जवाब दूं, जवाब तो दे सकता हूं, पर ब्लाग बहुत सारे परिवार के बीच में पढा जाता है। लेकिन मैं इनकी गालियों का इंतजार कर रहा हूं, जिससे लोगों को इन ढोगियों की औकात पता चल जाए।

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    1. Abe gaali jaisi cheej ka kuch bhi matlab nai hota hai...aur isse kisi ke acche ya bure hone ka koi proof nai hai...tera beta bhi gali karta hoga, tune bhi kitno ko gali kari hogi...harishchandra to tu hai nai....Tu Male RAKHI SAWANT hai...kuch bhi likhe deta hai re....abhi bhi bol ra hu bhagwan ki sharan main aaja...buri bhawna tyaag de...nai to agle janm main ekta kapoor ban jayega....

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    2. HAHAHAHAHAHa....Mahendra ji u seems like Advocate....if im right pls tell me....main gyaani banna chahta hu...aabhar....hahahha

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  41. महेन्द्र जी
    आप अपने ब्लोग्स के माध्यम से कांग्रेस से बह-बही लूट सकते है इसी तरह लिखते रहने पर उससे कुछ धन प्राप्त कर सकते है पर इस देश की जर-जर हो रही व्यवस्था को सुधारने के लिए कुछ नहीं कर सकते ! ऐसा लगता है आपका मिसन "बाबा रामदेव हटाओ" है I जबकि उनका मिसन देश बचाओ, कालाधन लाओ, योग सिखाओ, भारत को सुखी और सम्रधी बनाओ है ! वो हर छान देश के लिए ताप कर रहे है ! और आप अभी पहाड़ पर छु्टियां बिता रहे है ! आपका स्वागत है छु्टियां बिता कर आइये ! आपके इसी ब्लोग्स पर और संवाद करेगे ! मेरा Email-id k.mittra@rediffmail.com है !
    कमलेश

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  42. स्वामी जी योग को भूले नहीं है, सुबह आस्था चला कर देखिये २७-३० जून का योग शिविर चल रहा है हरिद्वार में. स्वामी जी ने आज तक करोडों लोगो को स्वस्थ्य दिया है...लेकिन हिंदुस्तान के ८४ करोड लोग जिनके रोज की आमदनी २० रुपए से भी कम है उन्हें न तो सचिन का चौका - चक्का चाहिए , न ही शीला के ठुमके और न ही स्वामी जी के प्राणायाम कपल भाती और अनुलोम-विलोम. क्योकि उन्हें सबसे पहले तो दो वक्त की रोटी चाहिये....भरष्टाचार और कला धन जब तक नहीं मिट जाता तब तक अंतिम आदमी भूख से मरता रहेगा..इसलिए स्वामी जी को योग के साथ, अहिंसक आंदोलन को चलाना पड़ा.

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  43. एक सत्य को दबाने के लिए सरकार क्या क्या हत्कंडे अपना रही है की, किसी तरेह स्वामी रामदेव जी को बदनाम किया जाये, और अपने धनबल अपनी सारी सरकारी सकती और प्रेश, मिडिया, अपने चाप्लूश, चाटुकार, अपने पालतू , अपने गिरोह के सरे प्यादे , सिर्फ इसी काम के लिए लगा रक्खी है जो भ्रष्टाचारियो, कालेधन के व्यापारी, देश के गद्दारों , देश द्रोही जो देश को गिरवी रखकर अपना इमान बेच चुके है, ये महेन्द्र श्रीवास्तव उन्ही में से एक है इनसे ये पूछा जाये की कितने में बीके ? और चाप्लूश, बिकाऊ, पालतू, पत्रिकर्ता में सफलता का राज क्या यही है ? तुम्हे एक देश भक्त सन्यासी जिसने इतना बड़ा लोहा इन देश द्रोहियों से ले लिया ? जिसने हमसब के घरो में स्वदेशी वस्तुये पहुचादी लुटते हुवे देश को बचने का प्रयाश कर रहे है अपनी जान की परवा किये बगेर ? महेन्द्र श्रीवास्तव जी चापलूसी और पालतू गिरी में इतने अन्धे हो गए है जैसे कुत्ते को हड्डी डालते रहो वोह वफ़ा दरी निभाता रहेगा ! ठीक उसी तरेह महेन्द्र श्रीवास्तव जी ने अपना पारिचे दिया है ! मुझे इस बात की हैरत हो रही है की ऐसे लोग अपने को पत्रकार बताते है ! वेसे तो इन्हें चाटुकारिता और देश द्रोहियों का कुत्ता होना चाहिए? बिना सत्य जाने ये कितनी सफाई से ये साबित कर रहा है बिना सच्चाई जाने ? इसका उद्देश उपेक्षा करना नहीं अपने आकाओ को खुश करना जादा है पुरे देश को गुमराह कर देश के गद्दारों की हिफाजत करना इसका उद्देश है ये पेड़ मिडिया का चाप्लूश है ये देश तो क्या अपनी माँ बहनों तक को गिरवी रख सकता है चंद पैसों की खातिर जो अपने देश का नहीं उसका ईमान क्या होगा ? संत महात्माओ का उपहाश कर धन कमाने वाला कितना गिरा हुआ इन्सान होगा इसकी लेखनी में झलकता है ! हम सब इन गद्दारों को पहचाने जिनकी वजेह से देश गुलाम रहा और इन्ही गद्द्रो की वजेह से भारत की महान संस्कृति बर्बाद हुयी और हम गुलाम ! वन्दे मातरम ********

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  44. Mahendra Bhaiyya, me aapka samarthak raha. aap jo bolthe hai usme bahut baathen sach hote the. Magar aapka ye lekh dekh kar muche accha nahi lagaa. Aapko swamiji ke baare me purna sathya nahi pataa hai. Main aasha kartha hoon ki aap apna vichar jaroor badalenge.

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    1. अरे तो आपको नाम छिपाकर ये बात कहने की क्या जरूरत थी। सामने आकर बात करते..
      मैं तो गाली सुनने को भी तैयार हूं

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  45. Are ye Male poonam Pandey hai...rehne do....koi fayda nai...ise pata nai ke ramdev sube 4 baje uth jaata hai...ye 8 baje uth ke bina tatti brush kare tea lekar jhoothi news padta hai,,,ye iska nitya karm hai...Agar itna hi accha admi hota to kuch accha hi kaam kar leta...ye wo log hain jo khud aage aane se darte hain...jo khada hota hai uski taang kheechte hain...ye ghar main baith ke sirf logo ke bare main likhte rehte hain...ek isi ka jaisa wo Prabhu chawla hai Jo AAJ TAK chod ke IBN7 main bhaag gaya ke bhaga diya....They are INfomedia person...

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    1. हाहाहहाहहााहा
      अच्छा आप मीडिया के बारे में भी बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं।

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    2. Ye nakli mahendra lag ra hai...shakl to badi gandi hai...isse accha to mere ghar ka nepali hai...oo saab ji..
      lagta hai ise badi acchi jankari hai media ki...accha bata hi de fir kuch ..tu kise nakli news deta hai??

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  46. Vichaar mere First comments se padna....ulta dimaag hai to ulta na padne lag jaana,,,,,,urdu main nai likha hai....upar se padna...aur sabhi ko padne dena...agar tu itna saccha insaan hai to main bhi isi desh ki aulaad hu...dekhte hain tu kitna likh sakta hai aur main kitna....mera tere sath personally koi ladai nai hai bas main tere andar pal rahe is gande lekhak ki akal thikane lagana chahta hu....Asha karta hu ke teri budhi main ijaafa ho...thadi hawa kha kar aayega to dimaag bhi thanda rahega....and dont take this personally on ur family and parents...im saying only about you....If u wanna say something personally ya tujhe apni insult feel hui ho to 8146928662 pe call karke mere se baat kar lio...main tujhe sach bataunga.. .maine tere se bada writer hu....main bahut bada gyaani hu tere se bhi bada....hehehe....chal kal dekhte hain kitna patience hai tere andar...par ye mat bolna ke ramdev ka agent hai.....

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    1. क्या बात है,
      बहुत सुंदर भाई
      थोडा भाषा की मर्यादा सीख लेते तो सभ्य समाज मे उठने बैठने लायक होते..
      पर आपकी कोई गल्ती नहीं. आजकल रामदेव की भाषा भी ऐसी ही है। जिसका गुरु जो सिखाएगा, चेले उसी रास्ते पर होंगे।

      आप सबको लोग पढ रहे हैं, मैं तो आज दूसरा लेख लिखने वाला था, पर अभी नहीं, लिखूंगा, अभी तो इसी से मेरा मकसद कामयाब होता दिखाई दे रहा है

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    2. Abe likh de na....nai to bhookha mar jayega tu...dickvijay ke diye paise khatm ho gaye honge aaj raat party main....ab tu maryaada sikhayaega be mujhe...khud to seekhi nai tune...rahi baat samaj ki ...jaisa desh waisa bhesh...desh kaal parishtithiti ke hisaab se main chalta hu...tere varge bande naal edda hi gal karni peni...

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  47. महेंद्र जी .. देखने thodi der अपना एक बार बिंदु बादल liye करने के लिए देखिए ..
    Baaki में एक बार भी dekhne drishtikon कोशिश kijiye की लॉगऑन ..
    Poore ब्लॉग टिप्पणियों में और uske हाँ एक हैं फिर दूसरी हद तक पक्षपाती स्तर लॉग इन करें ..
    आपको बाबा में कोई नहीं achchaai dikhi .. ऐसा नही हो sakta ..

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  48. सच कडुवा होता है, ये मैने सुना था।
    सच इतना कड़ुवा होता है, ये देख रहा हूं।

    कितनी बौखलाहट है रामदेव और उनके चेलो में

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    1. Dear Mr.Mahendra Srivastav Uncle ji .If I could rearrange the alphabets, I would put you between F and CK.

      You know, you're very easy on writing against Ramdevji ...and very hard to fight against coruption ... Uncle ji apne easy wala rasta chuna...Kyun ki hard wala rasta Uncle ko shobha nahi deta.

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  49. mahendra tu bahut chela-chela kar raha hai ,ye to bata tu kiska chela hai,ya kisi ka kela muhn me le rakha hai

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    1. Soniya gandhi aur Dick VIjay singh ka chekla hai ye...

      Delete
    2. Dear Mr.Mahendra Srivastav Uncle ji .If I could rearrange the alphabets, I would put you between F and CK.

      You know, you're very easy on writing against Ramdevji ...and very hard to fight against coruption ... Uncle ji apne easy wala rasta chuna...Kyun ki hard wala rasta Uncle ko shobha nahi deta.

      Jo Bhi Baba Ramdev ka virodh kar rahe hain unke liye mera yahi kehna hai ki " Latrine bhi nahi karenge aur Rasta bhi nahi Chodenge bas , Lota lekar Raste me pant khol kar Baithenge taki raste ka adchan ban sake"

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  50. Tera aur Sonia Gandhi dono ka maksad poora hoga hum karenge tumhara maksad poora...ab dekhte ja....tere budape main dam hai ya humari jawani main dum....

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  51. Agar mujhe koi itni gali de to main uski jabaan nikaal doo par ye aadmi itna besharm hai ke ise koi fark nai padta...lagta hai roj ka kaam hai iska...

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  52. hahahah....abe ye coat wala chootiya bhi tu hi hai kya...mujhe lage ke koi aur mahendra hai....hahah///itna chootiya tu hi ho sakta hai....

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  53. Hun dekhi kinne chitter padne tennu....thirki buddhe...

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  54. abe kitthe gaya ?? kuch likh ra hai kya

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  55. please delete the previous comment..
    Here is what I wanted to say:-
    महेंद्र जी .. एक बार अपना दृष्टिकोण थोड़ी देर के लिए ही सही बदल के देखिये.. जहाँ से आप देख रहे हैं आपको बस वही दिखेगा..
    एक बार इन बाकी लोगों के दृष्टिकोण से भी देखने की कोशिश करिए..
    इस पूरे ब्लॉग और उसके ऊपर कमेंट्स में लोग या तो एक तरफ झुके हैं या दूसरी तरफ ..
    आपको बाबा में कोई अच्छाई नहीं दिखी .. ऐसा नहीं हो सकता ..

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  56. महेंद्र जी
    कोई कम तो पूरी ईमानदारी से करो ! छु्टियां बिताने गए हो तो दिमाग को थोडा रेस्ट दो, अच्छे विचार मन में आयेगें ! इसी तरह लिखते रहोगे तो फिर आपके ब्लॉग की वैलू ख़त्म हो जाएगी ! जैसी आपकी मर्जी, मेरा धर्म है सदमार्ग बताना विद्यार्थी न सुने तो परिणाम उसको भुगतना है! मुझे आपके पत्रकार होने पर संदेह होने लगा है ! अप किस प्रेस या मीडिया से है ? क्या बताने कास्ट करेगे अपने कार्यालय का पता ?
    कमलेश
    k.mittra@rediffmail.com

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  57. Dear Mr.Mahendra Srivastav Uncle ji .If I could rearrange the alphabets, I would put you between F and CK.

    You know, you're very easy on writing against Ramdevji ...and very hard to fight against coruption ... Uncle ji apne easy wala rasta chuna...Kyun ki hard wala rasta Uncle ko shobha nahi deta.

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  58. Dear Mhendra Srivastav Uncle ji..Aapki baton se lagta hai ki aap Sycho Patient hain ya fir ..Aapka Brain me Pesticides ka asar hua hai..Kyun ki aaj kal Sabhi Khane wali chijo me Pesticides aa raha hai jisse bache apang paida hote hain ya fir unka Dimag ka vikas nahi hota...Aapke Dimag par bhi Pesticides ka asar ho raha hai...

    Humko bahut khushi hai ki humko young age me hi Baba RAMDEV ji se yoga sikhne mil gaya ..Hum Lucky hain ki itne kam age se hi hum yoga kar rahe hai.
    aur wo log unlucky hai jinko yuva vastha me yog sikhne ko nahi mila. Chalo acha hai YOG karne se mujhe BLUE FILM se chutkara mil gaya.
    Blue Film dekhne se Sexual kendra uttejit hota hai. Lekin Yog Karne se Sharir Balwan ho jata hai.
    Thanks to BABA RAMDEV.

    Mahendra Srivastav Uncle toh anti -social element ke liye helping hand wala kaam kar rahe hain...He is Shakuni type of uncle..

    Mahendra Uncle...Aap Acharya ji ka Degree aur books ka virodh kar rahe hain...Usse acha toh ye hota ki
    1).aap Blue Film ki CD ka virodh kariye jo Bazaron me Khule aam kahin bhi Mil jata hai.
    2) Porn Websites ka virodh kariye kyun ki kam umar ke bache bhi mobile me download kar lete hain

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  59. Door Se agar ho jaae Mahendra Srivastav ji ka deedar Door se agar Ho jaae Mahendra Srivastav ji ka deedar Unke piche danda lekar Bhagu jaise Alto Car.
    Waise bhi Aatankwadiyon ko marna ya fir anti socail element ko marna ya fir aatma raksha (self defence) karna Punya ka kaam hai.

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  60. abe ye congressi keeda lag rah hai mujhe to...sala bikau aur bhrast aadami...Bhadwa sala..
    Go and lick the ass of congressi dogs and pigs...
    Shayad abki baar tujhe Switzerland ki trip pe bhej de tujhe...

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  61. एक सत्य को दबाने के लिए सरकार क्या क्या हत्कंडे अपना रही है की, किसी तरेह स्वामी रामदेव जी को बदनाम किया जाये, और अपने धनबल अपनी सारी सरकारी सकती और प्रेश, मिडिया, अपने चाप्लूश, चाटुकार, अपने पालतू , अपने गिरोह के सरे प्यादे , सिर्फ इसी काम के लिए लगा रक्खी है जो भ्रष्टाचारियो, कालेधन के व्यापारी, देश के गद्दारों , देश द्रोही जो देश को गिरवी रखकर अपना इमान बेच चुके है, ये महेन्द्र श्रीवास्तव उन्ही में से एक है इनसे ये पूछा जाये की कितने में बीके ? और चाप्लूश, बिकाऊ, पालतू, पत्रिकर्ता में सफलता का राज क्या यही है ? तुम्हे एक देश भक्त सन्यासी जिसने इतना बड़ा लोहा इन देश द्रोहियों से ले लिया ? जिसने हमसब के घरो में स्वदेशी वस्तुये पहुचादी लुटते हुवे देश को बचने का प्रयाश कर रहे है अपनी जान की परवा किये बगेर ? महेन्द्र श्रीवास्तव जी चापलूसी और पालतू गिरी में इतने अन्धे हो गए है जैसे कुत्ते को हड्डी डालते रहो वोह वफ़ा दरी निभाता रहेगा ! ठीक उसी तरेह महेन्द्र श्रीवास्तव जी ने अपना पारिचे दिया है ! मुझे इस बात की हैरत हो रही है की ऐसे लोग अपने को पत्रकार बताते है ! वेसे तो इन्हें चाटुकारिता और देश द्रोहियों का कुत्ता होना चाहिए? बिना सत्य जाने ये कितनी सफाई से ये साबित कर रहा है बिना सच्चाई जाने ? इसका उद्देश उपेक्षा करना नहीं अपने आकाओ को खुश करना जादा है पुरे देश को गुमराह कर देश के गद्दारों की हिफाजत करना इसका उद्देश है ये पेड़ मिडिया का चाप्लूश है ये देश तो क्या अपनी माँ बहनों तक को गिरवी रख सकता है चंद पैसों की खातिर जो अपने देश का नहीं उसका ईमान क्या होगा ? संत महात्माओ का उपहाश कर धन कमाने वाला कितना गिरा हुआ इन्सान होगा इसकी लेखनी में झलकता है ! हम सब इन गद्दारों को पहचाने जिनकी वजेह से देश गुलाम रहा और इन्ही गद्द्रो की वजेह से भारत की महान संस्कृति बर्बाद हुयी और हम गुलाम ! वन्दे मातरम ********


    2 ( PaidMedia ) मिडिया बिकता है यह साबित हो गया महेन्द्र श्रीवास्तव के जवाब से, इसे बकने से मतलब है! ये उल्टा सीदा सब वाही दावपेच जो कांग्रेसियों की फितरत है उस हिसाब से बकता जा रहा है इसे सरे बाबा रामदेव जी नजर आने लगे है ! इसे अब भारत वासी नजर नहीं आ रहे है जैसे रोल विन्ची को UP चुनाव मे बाबा रामदेव जी नजर आने लगे थे वैसेही इसे सरे बाबा रामदेव जी समर्थक नजर आने लगे है महेन्द्र श्रीवास्तव ने मेरी बात का जवाब नहीं दिया न देने की हिम्मत है ! जो मासिक दिवालियापन दिखा रहा हो और उसे सिर्फ बाबा रामदेव जी ही नजर आने लगे है उसकी बोखलाहट को हम सब समझते है! मित्रो महेन्द्र श्रीवास्तव बहुत खुश है की उसे रिप्लाई मिल रही है ये गधा गलियों को भी अपनी कामयाबी मान रहा है ! ये सरक गया है इसे इसके हाल पर छोड़ दो ?
    Pitamber
    peetamber@rediffmail.com
    09868420933

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  62. Actually me ye jo Uncles aur Auntys hain jinhone is Blog par Mahendar srivastav Uncle ka samarthan kiya hai ,inki mentality aur youth ki mentality me kitna difference hai.
    Its generation gap.
    Unki menatlity aur hum Yuvaon ki mentality kabhi match hi nahi kar sakti.
    Aur waise bhi ye log aged ho chuke hain toh inka Dimag bhi sahi tarike se kaam nahi karta , Aged hone ke wajah se inki Ismriti Shakti khatm ho gayi hai Diabetes aur BP ke wajah se.Isliye kya sahi hai aur kya galat ye bhi inko nahi malum.
    This is Generation Gap Problem

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    1. मुझे लगता है कि अगर लोगों को वाकई योग की सही जानकारी मिले तो लोग पाखंडियों से दूर रहेंगे। अब देखिए तीन दिन से लोगों ने नर्क मचा दिया था, चूंकि उन्हें योग की सही जानकारी नहीं थी।
      अब महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग के बारे में जानने के बाद लोग खुश हैं, कोई गाली नहीं, बल्कि उल्टे अब रामदेव से सवाल करेंगे, बाबा ये अष्टांग योग क्या है। बाबा ने अष्टांग योग के बारे में अगर सही सही बताया, तो बाबा की मुश्किल बढ जाएगी कि क्या अभी तक आप हम लोगों को क्या सिखा रहे थे..


      http://aadhasachonline.blogspot.in/2012/06/blog-post_30.html#comment-form

      इस लिंक पर जाइए और योग अष्टाग योग को जानिए पहले

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  63. एक सत्य को दबाने के लिए सरकार क्या क्या हत्कंडे अपना रही है की, किसी तरेह स्वामी रामदेव जी को बदनाम किया जाये, और अपने धनबल अपनी सारी सरकारी सकती और प्रेश, मिडिया, अपने चाप्लूश, चाटुकार, अपने पालतू , अपने गिरोह के सरे प्यादे , सिर्फ इसी काम के लिए लगा रक्खी है जो भ्रष्टाचारियो, कालेधन के व्यापारी, देश के गद्दारों , देश द्रोही जो देश को गिरवी रखकर अपना इमान बेच चुके है, ये महेन्द्र श्रीवास्तव उन्ही में से एक है इनसे ये पूछा जाये की कितने में बीके ? और चाप्लूश, बिकाऊ, पालतू, पत्रिकर्ता में सफलता का राज क्या यही है ? तुम्हे एक देश भक्त सन्यासी जिसने इतना बड़ा लोहा इन देश द्रोहियों से ले लिया ? जिसने हमसब के घरो में स्वदेशी वस्तुये पहुचादी लुटते हुवे देश को बचने का प्रयाश कर रहे है अपनी जान की परवा किये बगेर ? महेन्द्र श्रीवास्तव जी चापलूसी और पालतू गिरी में इतने अन्धे हो गए है जैसे कुत्ते को हड्डी डालते रहो वोह वफ़ा दरी निभाता रहेगा ! ठीक उसी तरेह महेन्द्र श्रीवास्तव जी ने अपना पारिचे दिया है ! मुझे इस बात की हैरत हो रही है की ऐसे लोग अपने को पत्रकार बताते है ! वेसे तो इन्हें चाटुकारिता और देश द्रोहियों का कुत्ता होना चाहिए? बिना सत्य जाने ये कितनी सफाई से ये साबित कर रहा है बिना सच्चाई जाने ? इसका उद्देश उपेक्षा करना नहीं अपने आकाओ को खुश करना जादा है पुरे देश को गुमराह कर देश के गद्दारों की हिफाजत करना इसका उद्देश है ये पेड़ मिडिया का चाप्लूश है ये देश तो क्या अपनी माँ बहनों तक को गिरवी रख सकता है चंद पैसों की खातिर जो अपने देश का नहीं उसका ईमान क्या होगा ? संत महात्माओ का उपहाश कर धन कमाने वाला कितना गिरा हुआ इन्सान होगा इसकी लेखनी में झलकता है ! हम सब इन गद्दारों को पहचाने जिनकी वजेह से देश गुलाम रहा और इन्ही गद्द्रो की वजेह से भारत की महान संस्कृति बर्बाद हुयी और हम गुलाम ! वन्दे मातरम ********


    2 ( PaidMedia ) मिडिया बिकता है यह साबित हो गया महेन्द्र श्रीवास्तव के जवाब से, इसे बकने से मतलब है! ये उल्टा सीदा सब वाही दावपेच जो कांग्रेसियों की फितरत है उस हिसाब से बकता जा रहा है इसे सरे बाबा रामदेव जी नजर आने लगे है ! इसे अब भारत वासी नजर नहीं आ रहे है जैसे रोल विन्ची को UP चुनाव मे बाबा रामदेव जी नजर आने लगे थे वैसेही इसे सरे बाबा रामदेव जी समर्थक नजर आने लगे है महेन्द्र श्रीवास्तव ने मेरी बात का जवाब नहीं दिया न देने की हिम्मत है ! जो मासिक दिवालियापन दिखा रहा हो और उसे सिर्फ बाबा रामदेव जी ही नजर आने लगे है उसकी बोखलाहट को हम सब समझते है! मित्रो महेन्द्र श्रीवास्तव बहुत खुश है की उसे रिप्लाई मिल रही है ये गधा गलियों को भी अपनी कामयाबी मान रहा है ! ये सरक गया है इसे इसके हाल पर छोड़ दो ?
    Pitamber
    peetamber@rediffmail.com
    09868420933

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    1. मैं वाकई खुश हू दोस्त
      जब मैं किसी को चोर कहूंगा तो ये उम्मीद कैसे कर सकता हूं कि वो मेरी प्रशंसा करेगा। गाली तो मिलनी ही है। मैं तो इससे इसी नतीजे पर पहुंचता हूं कि निशाना बिल्कुल सही लगा है। चीख निकल गईईई

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  64. मुझे महेंद्र श्रीवास्तव के इस लेख पर बिलकुल भी हैरानी नहीं है , ये इनकी अपनी मानसिकता नहीं है ये तो बस उस कुत्ते की तरह हैं जो जिसका खायेगा उसकी तरफ से ही भौकेगा, अगर कोई चोर के घर का कुत्ता होगा तो वो भी सज्जन और साधू को नहीं पहचानेगा और निष्ठा से अपना भौकने का धर्म निभाएगा है उसे ये पता ही नहीं होता की वो चोर पर भोक रहा है या साधू पर, उसे तो बस भौकने से मतलब है ,
    आज कल देश में बेरोजगारी बहुत ज्यादा है और बेचारो के पास पेट पलने के लिए १० जनपथ के इशारे पर दुम हिलाने के सिवा कोई काम नहीं , बेचारे कुछ चंद फेके हुए बिस्किट के टुकडो के लिए कुछ भी करने के तैयार हो जाते हैं , वो कुत्ते नहीं जानते की स्वामी रामदेव जी का अभियान ऐसे कुत्तो को भी दुम हिलाने से भी आजादी दिलाएगा और सम्मान से जीने का मौका देगा ,
    कोई बात नहीं महेंद्र जी आप आपने बच्चो का पेट पलने के लिए कर रहे हैं , इस बात को हम जानते है इस लिए बुरा नहीं मानते ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,व्नादेमात्रम

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    1. मुझे लगता है कि अगर लोगों को वाकई योग की सही जानकारी मिले तो लोग पाखंडियों से दूर रहेंगे। अब देखिए तीन दिन से लोगों ने नर्क मचा दिया था, चूंकि उन्हें योग की सही जानकारी नहीं थी।
      अब महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग के बारे में जानने के बाद लोग खुश हैं, कोई गाली नहीं, बल्कि उल्टे अब रामदेव से सवाल करेंगे, बाबा ये अष्टांग योग क्या है। बाबा ने अष्टांग योग के बारे में अगर सही सही बताया, तो बाबा की मुश्किल बढ जाएगी कि क्या अभी तक आप हम लोगों को क्या सिखा रहे थे..


      http://aadhasachonline.blogspot.in/2012/06/blog-post_30.html#comment-form

      इस लिंक पर जाइए और योग अष्टाग योग को जानिए पहले

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  65. मुझे महेंद्र श्रीवास्तव के इस लेख पर बिलकुल भी हैरानी नहीं है , ये इनकी अपनी मानसिकता नहीं है ये तो बस उस कुत्ते की तरह हैं जो जिसका खायेगा उसकी तरफ से ही भौकेगा, अगर कोई चोर के घर का कुत्ता होगा तो वो भी सज्जन और साधू को नहीं पहचानेगा और निष्ठा से अपना भौकने का धर्म निभाएगा है उसे ये पता ही नहीं होता की वो चोर पर भोक रहा है या साधू पर, उसे तो बस भौकने से मतलब है ,
    आज कल देश में बेरोजगारी बहुत ज्यादा है और बेचारो के पास पेट पलने के लिए १० जनपथ के इशारे पर दुम हिलाने के सिवा कोई काम नहीं , बेचारे कुछ चंद फेके हुए बिस्किट के टुकडो के लिए कुछ भी करने के तैयार हो जाते हैं , वो कुत्ते नहीं जानते की स्वामी रामदेव जी का अभियान ऐसे कुत्तो को भी दुम हिलाने से भी आजादी दिलाएगा और सम्मान से जीने का मौका देगा ,
    कोई बात नहीं महेंद्र जी आप आपने बच्चो का पेट पलने के लिए कर रहे हैं , इस बात को हम जानते है इस लिए बुरा नहीं मानते ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,व्नादेमात्रम

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    1. आज आप ये कमेंट ले जाकर अपने रामदेव के चरणों में रख देना। तुम्हें गले तो लगाएंगे ही, ऐसे हर कमेंट के लिए 10 रुपये भी देंगे। अगर आपने आज 10 कमेंट किए होंगे तो 100 रुपये कहीं नहीं गए।
      खुश रहो मित्र

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  66. BABA RAMDEVJI has allthe qualieties of a saint, a warrior a preacher ,a teacher.when he talks ,he talks on only two subjects- health n rashtra prem.so many rishis n gurus came n went away, but what ramdevji has given to us in form of PRANAYAM, how many tried to reach this pranayam to each n every person n that also in its simplest form? if he is so much popular ,he 100% deserves this.he has enough guts to take a PUNGA WITH THE govt at the risk of his own life.can u think of speaking a single word against this gvt? u seem to be a chamcha of congress. try to see the great soul behind ramdevji n then dare to write against him.

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    1. मुझे लगता है कि अगर लोगों को वाकई योग की सही जानकारी मिले तो लोग पाखंडियों से दूर रहेंगे। अब देखिए तीन दिन से लोगों ने नर्क मचा दिया था, चूंकि उन्हें योग की सही जानकारी नहीं थी।
      अब महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग के बारे में जानने के बाद लोग खुश हैं, कोई गाली नहीं, बल्कि उल्टे अब रामदेव से सवाल करेंगे, बाबा ये अष्टांग योग क्या है। बाबा ने अष्टांग योग के बारे में अगर सही सही बताया, तो बाबा की मुश्किल बढ जाएगी कि क्या अभी तक आप हम लोगों को क्या सिखा रहे थे..


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    2. i am asking smth else. give ur answer to whatever is asked.

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  67. ( PaidMedia ) मिडिया बिकता है ! पालतू और बिकाऊ पत्रकारों को पलता है अपने हित साधने के लिए ऐसी पत्रकारों को ये काले धन के गद्दारों देश द्रोही कार्यो में लगा अपना हित साधते है और देश हित की बात और आवाज उठाने वालो को बेहरेहमी से कुचलते है कितने rastriya नेताओ को देश भक्तो हो क्रांतिकारियों को क़त्ल और बेहरेहमी से कुचला महेन्द्र श्रीवास्तव उसी में एक कड़ी है ! अपने पढ़ा नहीं ये लिखते है की मे पहाड़ो में अपने मित्र के साथ आनंद ले रहे है ! जरा दिमाग पर जोर डाले ? लोग पहाड़ो में तीर्थ यात्रा करने जाते है ? ये आनंद ले रहे है ! मित्र अवस्य ही लड़की होगी ? वोह पत्नी तो होगी नहीं ????वो मित्र है अब जरा महेन्द्र श्रीवास्तव जी से पूछे की इन्हें अयियाशी के लिए धन अवश्य ही काले धन काही होगा अब सरे मित्र ये खुद ही अंदाजा लगा सकते है की ये किनके पैसे से मजे लूट रहे है जो बिका हुआ हो अपने इमान को बेच दिया हो उसका जमीर क्या होगा ये जूते खाने परभी अपनी सन समझता है और हस्त है ? इतना बेशरम और कौन होगा आप खुद ही अंदाजा लगा सकते है पीताम्बर ***********

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    1. मीडिया बिकता है, पत्रकार पालतू हैं, अब ये सब बंद हो गया..

      मुझे लगता है कि अगर लोगों को वाकई योग की सही जानकारी मिले तो लोग पाखंडियों से दूर रहेंगे। अब देखिए तीन दिन से लोगों ने नर्क मचा दिया था, चूंकि उन्हें योग की सही जानकारी नहीं थी।
      अब महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग के बारे में जानने के बाद लोग खुश हैं, कोई गाली नहीं, बल्कि उल्टे अब रामदेव से सवाल करेंगे, बाबा ये अष्टांग योग क्या है। बाबा ने अष्टांग योग के बारे में अगर सही सही बताया, तो बाबा की मुश्किल बढ जाएगी कि क्या अभी तक आप हम लोगों को क्या सिखा रहे थे..


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  68. महेंद्र जी बहुत खूब ..आपके सभी लेख पढ़े ..विशवास हो गया की आप तक भी आपका हिस्सा पहुँच ही गया l पहुँचता कैसे नहीं ..इतनी मेहनत जो करते हैं, अपने ब्लॉग पर l अपने ब्लॉग पर अपने जैसे 100 -50 लोग भी इकठ्ठा कर लिए हैं आपने..जो बकवास आप लिख देते हैं वे बेचारे उन्ही को पसंद कर लेते हैं..और आप अपनी झूटी तारीफ सुन कर फूले नहीं समां रहे हैं..अपने आप को बहुत बड़ा आलोचक समझने लगे हैं..इस हमाम में सभी ... हैं तो आप क्यों तांक झाँक करते हैं भाई...(पक्के कांग्रेसी लगते हो)
    जैसे कांग्रेस और बिकाऊ मीडिया बाबा के समर्थको को उनका चेला मात्र बता कर आम जनता से उन्हें प्रथक करने का प्रयास कर रहे हैं ..ठीक वैसे ही आप भी अपने लेख पर टिप्पणी करने वाले आम जन को बाबा का चेला बता कर अपने मन को तस्सली दे रहे हैं..परन्तु सच तो यह है की ये आक्रोश है, उन भ्रष्ट लोगो के प्रति जो बाबा और अन्ना के कार्यो का समर्थन करने के बजाय उन्हें ही भ्रष्ट साबित करने में जुटे हुए हैं..
    सही काम को सही न कहो न सही..पर अपने कुतर्को से जनता को बरगलाओ तो मत..

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    1. सच बहुत कड़ुवा होता है ना,
      चचचचचच
      क्या कहूं, मैं जो हू वो हूं, आप क्या हो, आपकी भाषा से साफ हो गया।

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    2. मुझे लगता है कि अगर लोगों को वाकई योग की सही जानकारी मिले तो लोग पाखंडियों से दूर रहेंगे। अब देखिए तीन दिन से लोगों ने नर्क मचा दिया था, चूंकि उन्हें योग की सही जानकारी नहीं थी।
      अब महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग के बारे में जानने के बाद लोग खुश हैं, कोई गाली नहीं, बल्कि उल्टे अब रामदेव से सवाल करेंगे, बाबा ये अष्टांग योग क्या है। बाबा ने अष्टांग योग के बारे में अगर सही सही बताया, तो बाबा की मुश्किल बढ जाएगी कि क्या अभी तक आप हम लोगों को क्या सिखा रहे थे..


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  69. मैं बाहर हूं, मित्रों के फोन आ रहे हैं लगातार। कह रहे हैं कि आपके ब्लाग पर दो चार लोग गंदगी कर रहे हैं, ना जाने क्या क्या अनाप शनाप बातें लिख रहे हैं। जब कई लोगों के फोन आने लगते हैं तो मुझे लैपटाप पर देखना पड़ता है। वही बातें घूम फिर कर.. मैं कांग्रेसी हूं, मुझे पैसे मिले हैं, मैं बिकाऊ हूं। इसके अलावा दो चार गालियां।

    जिसका भी फोन आता है, उससे यही कहा कि आप बस पढिए और रामदेव के समर्थकों का स्तर देखते जाइये। किसी को भी जवाब देने की जरूरत नहीं है। मैं इनसे निपटने में समर्थ हूं। अच्छा जब मैं जर्नलिज्म का कोर्स कर रहा था, एक बात पढ़ाई जाती थी कि जिसके लिए भी आप कुछ लिखेंगे, दूसरी ओर से उसका रियेक्शन स्वाभाविक है। इसलिए उसके बारे में दूसरा लेख तुरंत ना लिखे, वरना आपका गुस्सा इस लेख में दिखाई देगा और आपकी निष्पक्षता पर संदिग्ध होगी। इसलिए मैं अब रामदेव पर दो चार दिन बाद नया लेख लिखूंगा।

    ब्लाग पर कुछ अभद्र भाषा की टिप्पणी है, ये रामदेव और उनके चेलों का संस्कार है। अक्सर आप देखते होगे कि रामदेव भी आजकल टीवी पर बात करते करते पत्रकारों को नसीहत देते हैं, या फिर अभद्र भाषा इस्तेमाल करते हैं।

    जब भी को आदमी आपके लेख पर गाली गलौच करे, तो समझ लिया जाना चाहिए कि निशाना बिल्कुल सही है। अब किसी को मारें भी और रोने भी ना दें, तो ये न्याय नहीं है। लेख पर चीख सुनाई और दिखाई दे रही है, मसलन साफ है कि मेरा मैसेज वहां तक पहुंच गया, जहां मैं पहुंचाना चाहता था।

    मित्रों आप देख रहे हैं कि रामदेव का पूरा कुनबा मेरे लेख के विषय पर कुछ नहीं कह रहा, मसलन वो मानता है कि लेख की बातें सही हैं, वो मेरा मुल्यांकन कर रहे हैं। मुझे बेईमान साबित करने से रामदेव ईमानदार हो जाएंगे क्या ?

    मुझे लगता है कि ये अनपढ लोग हैं, वरना कांग्रेसी कहने से पहले मेरे ब्लाग के पापुलर पोस्ट ही देख लेते, जिसमें राहुल और सोनिया के बारे मे लेख है और तर्कों के आधार पर उनकी काफी सख्त आलोचना है।

    मुझे पता है कि रामदेव की चूरन चटनी बेचने वाले इन लोगों ने दुकान पर एक कम्प्यूटर रख लिया है, दिन भर खाली रहते हैं, कोई बिक्री विक्री तो होती नहीं। लिहाजा बिक्री ना होने का गुस्सा सोशल साइट पर गाली गलौच करके निकालते हैं।

    चलो मैं आमंत्रित करता हूं, इसी तरह की गाली गलौच करते रहो, मैं किसी की टिप्पणी नहीं हटाने वाला हूं, सब की टिप्पणी सब लोग पढे और रामदेव की असलियत जानें।

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  70. आइये चलें अब नए लेख की ओर.. मैं आपको बताऊंगा कि क्या है महर्षि पतंजलि का योग ..

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  71. स्वामी जी योग तो आज भी करवा रहे है...उन्होंने जो देश को दिया है वो युगों युगों में ही कोई महापुरुष दे पाता है....उनके बारे में बोलने से पहले आप सुबह देश की किसी भी पार्क में जा कर लोगो से पुच सकते है की योग से उन्हें क्या फायदा हुआ. ....लेकिन योग के साथ-साथ एक सन्यासी का फर्ज है की वो देश के बारे में भी सोचे,इसलिए उन्होंने भारत स्वाभिमान ट्रस्ट का गठन किया है इस भारस्ताचार और कालेधन को मिटने के लिए.

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    1. मुझे लगता है कि अगर लोगों को वाकई योग की सही जानकारी मिले तो लोग पाखंडियों से दूर रहेंगे। अब देखिए तीन दिन से लोगों ने नर्क मचा दिया था, चूंकि उन्हें योग की सही जानकारी नहीं थी।
      अब महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग के बारे में जानने के बाद लोग खुश हैं, कोई गाली नहीं, बल्कि उल्टे अब रामदेव से सवाल करेंगे, बाबा ये अष्टांग योग क्या है। बाबा ने अष्टांग योग के बारे में अगर सही सही बताया, तो बाबा की मुश्किल बढ जाएगी कि क्या अभी तक आप हम लोगों को क्या सिखा रहे थे..


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  72. स्वामी जी योग तो आज भी करवा रहे है...उन्होंने जो देश को दिया है वो युगों युगों में ही कोई महापुरुष दे पाता है....उनके बारे में बोलने से पहले आप सुबह देश की किसी भी पार्क में जा कर लोगो से पुच सकते है की योग से उन्हें क्या फायदा हुआ. ....लेकिन योग के साथ-साथ एक सन्यासी का फर्ज है की वो देश के बारे में भी सोचे,इसलिए उन्होंने भारत स्वाभिमान ट्रस्ट का गठन किया है इस भारस्ताचार और कालेधन को मिटने के लिए.

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    1. जो बात आप कह रहे हैं वो मेरे लेख का विषय नहीं है।
      प्लीज पहले आप लेख पढ लें, फिर चर्चा में हिस्सा लीजिए।

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  73. अब नए लेख पर सभी खामोश हो गए। सब को पता चल गया कि हां महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग की जो चर्चा मैने की है,वो सभी को समझ में आ गया। वरना यहां जितनी गाली दे रहे थे रामदेव के चेले, अब कहां चले गए।

    वैसे मैं आपको बताऊं कि सिर्फ तीन लोगों ने दो दिन मे डेढ सौ से ज्यादा कमेंट किए और उसमे गाली गलौच के अलावा विषय पर कोई बात नहीं कर पाए। दरअसल अ्ब बाबा और उनके चेले बौखलाए से घूम रहे हैं, उन्हें पता चलता जा रहा है कि आम जनता भी उनकी हकीकत को समझने लगी है। उनकी चूरन चटनी भी ज्यादा असरकारी नहीं है और इसकी बिक्री पहले के मुकाबले कम हो रही है।
    सत्ता खिसकते देख बौखलाहट स्वाभाविक है। मैने तो इन गाली गलौच करने वालों को माफ कर दिया, लेकिन ये खुद मे इतने शर्मिंदा है कि अब यहां से भाग खड़े हुए..

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  74. प्रोफेसर बलराज माधोक ने जनसंघ (जो अब भाजपा है )को कांग्रेस की 'B' टीम बताया था । जहां कांग्रेस खुद कमजोर पड़ती है वहाँ सत्ता भाजपा के लिए छोड़ देती है। दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। 'काला धन'ब्लैक मनी वह धन है जो व्यापारियों और उद्योगपतियों द्वारा मजदूरों और किसानों का शोषण करके जमा किया जाता है जिसके संरक्षक कांग्रेस और भाजपा दोनों हैं। भाजपा का एक अध्यक्ष तक रिश्वत लेता पकड़ा गया था। आडवाणी ने मनमोहन की नीतियों को अमेरिका जाकर अपनी नीतियों का चुराया जाना बताया था। कांग्रेस/भाजपा दोनों ढोंगियों को आगे करके जनता को गुमराह कर रहे हैं जिससे वास्तविकता से ध्यान हटाया जा सके।

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  75. "सच तो ये है कि लोगों के बारे में लिखते-लिखते खुद को भूल गया हूं। वैसे मैं पत्रकार हूं" आपके परिचय की शुरुआत इन लाइनों से की है आपने !! मकसद शायद यह बताना है कि आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं... आपका लेख बता रहा है कि आप रामदेव जी से आदर्श आचार-व्यवहार कि उम्मीद रखते हैं !! अच्छा लगता है यह जानकर कि प्रकट रूप से रामदेव जी के विरोधी उनसे आदर्श की उम्मीद करते हैं और सच मानिये की आज भारत देश के बहुत सारे पढ़े-लिखे समझदार लोगों के वो आदर्श हैं !! रामदेव जी को कोई जरुरत नहीं है किसी से पूछकर अपना रास्ता तय करने की, आप अपना रास्ता तय कीजिये कि परिवर्तन की आवाजों के बीच एक पत्रकार को किस तरफ होना चाहिए.....

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    1. अब मैं क्या कहूं... पहले कुछ सच जानिए,
      फिर यहां आइये..

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  76. देश के लोगो को स्वदेशी की ताकत समझाना ....स्वदेशी का उपयोग करना...पूरी दुनिया को योग के दर्शन करवाना ..देश के लोगो के लिए सरकार से लड़ना .....देश के आर्थिक मजबूती के लिए व्यापार करना .......सच्चा राष्ट्र धर्म है ...है हिंद जय भारत

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जी, अब बारी है अपनी प्रतिक्रिया देने की। वैसे तो आप खुद इस बात को जानते हैं, लेकिन फिर भी निवेदन करना चाहता हूं कि प्रतिक्रिया संयत और मर्यादित भाषा में हो तो मुझे खुशी होगी।