Tuesday 29 September 2015

इंदौर: कभी पी नहीं, फिर भी कर रहे शराब की बुराई !

जकल इंदौर में हूं, बड़ा सात्विक शहर है, मैं भी आज सुबह ही शहर के राजा यानि " खजराना गणेश " जी के दर्शन करके आया हूं। अभी यहां गणेश उत्सव चल रहा था, आज ही खत्म हुआ है, कहते हैं कि गणेश उत्सव के दौरान घर-घर गणेश जी विराजते हैं, इसलिए इस दौरान शराब वगैरह नहीं पीना चाहिए। रविवार को दोपहर १२.०६ बजे गणेश जी का विसर्जन होते ही श्राद्ध शुरू हो गया, अब शराब तो श्राद्ध में भी नहीं पी जाती और श्राद्ध खत्म होते ही नवरात्र की शुरुआत। अब मित्रों ऐसे तो नहीं चल सकता ना। एक बात बताऊँ, इंदौर में हर आदमी शराब का विरोधी है, कुछ दिन पहले सूबे की सरकार ने शराब की दुकानों के बंद होने का समय रात ११ से बढ़ाकर ११.३० कर दिया, इस बात पर शहर में बवाल हो गया, इसके खिलाफ अखबार के पन्ने रंग गए, कोर्ट में जनहित याचिका लग गई। मैने भी सोचा ये क्या हो गया है सूबे के मुख्यमंत्री को ... बेवजह बैठे बिठाए विवादों को जन्म दे दिया। खैर इंदौर के बारे में ये बताना भी जरूरी है कि शहर में जहां मैं रहता हूं, उसके करीब में ही कई नेशनल बैंक की शाखाएं हैं और इससे बिल्कुल लगी हुई व्हिस्की की एक बड़ी दुकान है, लेकिन यहां सुबह बैंक से पहले व्हिस्की की दुकान खुल जाती है और बैंक मे कस्टमर हों या ना हों शराब की दुकान पर रौनक जरूर रहती है। इंदौर में हर समाज के लोग शराब पीते तो हैं, लेकिन दुकान से खुद शराब खरीदने से डरते हैं, वजह ये कि कोई देख ना ले। इसलिए यहां ज्यादातर शराब की दुकानों के आस पास कुछ लड़के खड़े मिल जाएंगे जो शराब की दुकान से दूर खड़ी कारों में शराब पहुंचा देते हैं।

ये तो रही शराब की दुकानों की बात ! थोड़ी चर्चा नानवेज की भी जरूरी है। बात पुरानी है, मैं यहां अपने पारिवारिक मित्र के साथ एक दिन कारोबार पर था । ( नया शहर है, शायद कारोबार ना समझे, इसलिए बताना जरूरी है, कारोबार बोले तो कार में बार ) हम लोगों ने अपनी कार शहर के जाने माने नानवेज ठेले ( गुरुद्वारे के पास ) पर रोकी, मैं थोड़ा खुश भी हुआ कि बिल्कुल भीड़ नहीं है,  तुरंत नानवेज मिल जाएगा। यहां पर खासतौर पर चिकन फ्राई और फिश फ्राई ज्यादा टेस्टी है। ठेलेवाले को आर्डर देने के काफी देर बाद तक जब उसने हमें फिश और चिकन नहीं दिया तो मैं कार से उतरा और पूछा कि तुम्हारे पास एक भी ग्राहक नहीं है और इतनी देर हो गई, अभी तक हमें नहीं दिया। दुकानदार ने बड़े ही मासूमियत से कहा " बाबू जी आस पास २०० मीटर तक की दूरी पर जितनी भी गाड़िया खड़ी हैं, सभी के आर्डर हैं, इन सभी गाडियों में लोग ड्रिंक्स ले रहे हैं, ठेले के पास गाड़ी इसलिए खड़ी नहीं करते कि कोई देख ना ले, ज्यादातर लोग यहां चोरी से नानवेज खाते हैं। आपके आर्डर में थोड़ा समय और लगेगा। "  मेरा माथा ठनका, खुद से सवाल किया,  क्या है ये शहर, होता सब है लेकिन चोरी से ।

अच्छा खास बात ये कि नानवेज और शराब की बुराई करने में वो लोग शामिल हैं जिनको इसका दो पैसे का अनुभव नहीं है । इन लोगों ने न कभी शराब पर पैसे खर्च किए और ना ही लाइन में लगकर मटन की शाप से मांस खरीदा। ऐसे लोग जब शराब और नानवेज की बुराई करते हैं तो मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत पीड़ा होती है। मुझे नानवेज का बचपन से और ड्रिंक्स का पिछले २५ साल का पर्याप्त अनुभव है और मैं पूरी जिम्मेदारी से कह सकता हूं कि कुछ बातों का ख्याल भर रख लिया जाए तो ये दारू आपके लिए दवा बन जाती है और कई गंभीर बीमारियों के बीच में पत्थर की तरह खड़ी हो जाती है। जो नहीं जानते वो कुछ भी कहें, लेकिन रिसर्च में आई कुछ जानकारी आप से शेयर करना चाहता हूं, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में व्हिस्की की बिक्री में काफी बढ़ोत्तरी हुई हैं । सच ये है कि अल्कोहल में भी लोगों का फेवरेट ब्रांड व्हिस्की बनता जा रहा है। आप हंसेंगे या फिर इसे जोक समझेगें, लेकिन सही ये है कि व्हिस्की के कई फायदे भी हैं।


व्हिस्की से वजन नहीं बढता : आमतौर पर नासमझ लोग बीयर पीते हैं, जबकि कई साऱी मिक्स ड्रिंक्स पीने से बेहतर है कि लो कैलोरी वाली व्हिस्की पी जाए। जानकारों की माने तो व्हिस्की में कार्बोहाइड्रेट का पर्याप्त श्रोत पाया जाता है, इसके एक पैग में सिर्फ ५ केलोरी होती है, जिससे मोटापा नहीं नहीं बढ़ता है और ये आपके पाचन को भी दुरुस्त रखती है।


ह्दय के स्वास्थ के लिए फायदेमंद : डार्क बीयर और वाइन के अलावा व्हिस्की भी ऐसा पदार्थ है जो कि ह्रदय के लिए काफी फायदेमंद है, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर व्हिस्की हार्ट अटैक के खतरे को कम करती है, इतना ही नहीं ये गुड कॉलेस्ट्रॉल को भी बढ़ाता है।

कैंसर से लड़ने में मदद : व्हिस्की में एलाजिक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण ये शरीर में कैंसर से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, इतना ही नहीं, व्हिस्की केंसरे के मरीजों को होने वाली  कीमोथेरेपी के प्रभाव को भी कम करता है।

दिमाग की सेहत को रखती है तंदरूस्त : कई रिसर्च अब ये बात साबित कर चुकी हैं कि व्हिस्की की एक सीमित मात्रा लेने से अल्जाइमर बीमारी और डिमेन्शिया के खतरे को कम किया जा सकता है, इथेनोल की अच्छी मात्रा होने के कारण ये दिमाग के न्यूरॉन्स को सक्रिय रखने में मदद करता है, इससे याददाश्त ठीक रहती है।

स्ट्रोक के खतरे को करती है कम : क्योंकि ये बैड कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है इस वजह से स्ट्रोक का खतरा भी कम हो जाता है, व्हिस्की धमनियों में खून क्लॉट होने से रोकने में मदद करती है, जिससे दिल के दौरे का खतरा काफी कम हो जाता है।

तनाव को करता है कम : ये तो सभी जानते हैं तनाव ना सिर्फ शरीर को बीमार करता है बल्कि इससे मेंटल हेल्थ भी प्रभावित होती है, ऐसे में व्हिस्की की एक सीमित मात्रा लेने से तनाव दूर होता है और नर्व्स को आराम मिलता है.

मधुमेह के रोगियों के लिए भी फायदेमंद : व्हिस्की में शुगर की मात्रा कम होती है ऐसे में ये उन लोगों के लिए परफेक्ट ड्रिंक हो सकती है जो डायबिटीज के शिकार है, यहां याद रखना होगा कि रम जरूर शूगर को बढाता है। रम और व्हिस्की में अंतर करना जरूरी है।

चलते- चलते

दो दिन पहले इंदौर में बकरीद पर हुई नमाज के बाद अपनी तकरीर में शहर काजी ने कहाकि कुछ स्थानों पर मुश्लिम महिलाएं नशे का सेवन कर रही हैं, उन्हें इससे दूर रहना चाहिए। हालाकि नशा करना ठीक नहीं है, ये बात सौ प्रतिशत सही है, पर मुझे पता नहीं क्यों लगता है कि अब मुश्लिम महिलाएं भी देश की मुख्यधारा से जुड़ने की कोशिश कर रही हैं।