tag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post4459253313330953627..comments2024-03-10T14:15:31.124+05:30Comments on आधा सच...: योग भूल गए बाबा रामदेव !महेन्द्र श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/18051207879771385090noreply@blogger.comBlogger227125tag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-85052158380372136862014-04-05T19:59:11.042+05:302014-04-05T19:59:11.042+05:30lagta hai harischand ki aatma aap hi sarir mein aa...lagta hai harischand ki aatma aap hi sarir mein aa gayi hai<br />humein aap ke salah bilkul pasand nahi hai.rajhttps://www.blogger.com/profile/03765064881859263211noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-11373501054887009132013-10-18T15:51:06.215+05:302013-10-18T15:51:06.215+05:30kbhi congress ke bare me bhi likh diya kar congres...kbhi congress ke bare me bhi likh diya kar congress ke dalal.... bus hindu dharm ke piche pada hai... muslimo ke bare me kyu nhi likhta kuch.,....Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01150338723964963595noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-2173276631836101132013-04-17T12:13:06.528+05:302013-04-17T12:13:06.528+05:30मित्रों, रामदेव की असलियत क्या खुली, वो और उनके चे...मित्रों, रामदेव की असलियत क्या खुली, वो और उनके चेले बौखलाए फिर रहे हैं। आपको याद होगा कि ये पोस्ट लगभग 10 महीने पुरानी है, लेकिन आज भी प्रासंगिक है। इस मायने में बाबा और उनके चेले शीशे के सामने खड़े होते हैं उन्हें अपना और अपने परिवार का बहुत ही बदसूरत ( कहें नंगा) यानि असली चेहरा दिखाई देता है। <br />बस सुबह उठते ही वो यहां मेरे ब्लाग पर आते हैं और गाली गलौज करके सुकून में आ जाते हैं। आज कल बाबा और उसके चेलों की कपाल भारती का मतलब है झूठ बोलना, गाली देना, चोरी चकारी करना। <br />मित्रों में आभारी हूं गूगल और तकनीक के जानकारों का जिन्होंने ब्लाग पर माडरेशन की व्यवस्थता की है, वरना तो ये बाबा के आसामाजिक तत्व जीना मुहाल कर देते । मेरे ब्लाग पर रोज आठ दस सिरफिर आते हैं और कपाल भारती बोले तो गाली गलौज करके चलेजाते हैं। खैर मैं अब इनकी गालियों के आधार पर जल्दी ही एक नया पोस्ट लिखूंगा। <br /><br />एक हफ्ते जरा व्यस्त हूं, फिर लिखता हूं। महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-2746597402733166812013-01-04T14:16:58.683+05:302013-01-04T14:16:58.683+05:30@ manish mishra, aapne to mahendra shrivastav ki c...@ manish mishra, aapne to mahendra shrivastav ki chhutti kar di....actually he deserved it....Kamlesh Bhatthttps://www.blogger.com/profile/12334569759444024459noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-44195009548341508802012-10-07T12:42:22.167+05:302012-10-07T12:42:22.167+05:30हालांकि किसी भी व्यक्ति का आंकलन करने का अपना अपना...हालांकि किसी भी व्यक्ति का आंकलन करने का अपना अपना नजरिया होता है लेकिन यह जरुर कहना चाहूँगा कि अगर आप किसी व्यक्ति के केवल नकारात्मक पहलु को ही देखते हैं तो शायद आप उस व्यक्ति के साथ अन्याय करते हैं और यही काम आपने इस लेख में किया है में भी मानता हूँ कि बाबा कुछ बडबोले तो हैं लेकिन योग आयुर्वेद को विश्व पटल और भारतीय घर घर तक पहुंचाने का जो काम किया है उसके लिए सदैव लोगों का सम्मान उनके प्रति बना रहेगा और अभी जो आन्दोलन वो छेड़े हुए हैं उसको भी कम नहीं आँका जा सकता जिन सताओं के सामने मीडिया के लोग अपनी दुम दबा लेतें हैं उनके सामने एक सन्यासी तनकर खड़ा है और वो भी आम जनता के हित में इसलिए आपको मेरी सलाह यही है कि अगर किसी का मूल्यांकन करना है तो सम्पूर्ण रूप से करें ना कि केवल नकारात्मकता के आधार पर करें !पूरण खण्डेलवालhttps://www.blogger.com/profile/04860147209904796304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-28585745128213021572012-08-14T12:27:15.365+05:302012-08-14T12:27:15.365+05:30जो स्वं की बात नहीं करता, जो समाज कल्याण की सोचता ...जो स्वं की बात नहीं करता, जो समाज कल्याण की सोचता है .. ऐसा है ये बाबा.<br />जिसने योग का प्रचार विस्तार किया, दुनिया में इसे सम्मान दिलाया .. ऐसा है ये बाबा.<br />जिसने बालाकृष्णन के साथ अर्युवेदा को सम्मान ही नहीं, घर घर पहुँचाया .. ऐसा है ये बाबा.<br />जो हिन्दू और मुस्लिम की बात नहीं करता, सबको जोड़ता है .. ऐसा है ये बाबा.<br />जो गरीबो और अमीरों में फर्क नहीं करता, जो सभी को निरोगी बनाता है .. ऐसा है ये बाबा.<br />जो सिर्फ शहरो का ही नहीं, गाँव और कस्बो का भी विकास चाहता है .. ऐसा है ये बाबा.<br />जो शिक्षा ही नहीं, चरित्र, परिवार, समाज और रास्ट्र निर्माण की बात करता है .. ऐसा है ये बाबा.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-69751412322285358402012-07-22T00:19:08.054+05:302012-07-22T00:19:08.054+05:30nakaaraatmak soch vaale ko koi samjhaaye kaise.......nakaaraatmak soch vaale ko koi samjhaaye kaise....jo pahle hi apne sahi hone ka prmaanpatr lekar ghoom raha ho....use koi galat siddh kare kaise.....ram ko raavan agar bhagvaan maan leta to yuddh kio hota...? kirshan ko kans bhagvaan maan leta to uska vadh kio hota.....agar aaj k paapi log ramdev g ko sahi maan le to fir ye ladaai kio ho.......mahender shrivaastav ji jaise log apna nakaaraatmak kaariya kar rahe hai ....mai bhagvaan se praarthana karta hu ki....agar ve satiya k maarg par hai....to jaroor safal ho....lekin jhoothe to hum bhi nahi hai....aur agar hum vaastav me hi jhoothe nikle to narak bhonge...khurmundhttps://www.blogger.com/profile/09770101119457654124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-68328452382506703072012-07-21T19:02:25.100+05:302012-07-21T19:02:25.100+05:30Friends, कृपया ये पृष्ठ पसंद करेँ
www.facebook.com...Friends, कृपया ये पृष्ठ पसंद करेँ<br />www.facebook.com/RestoringINDIAVarun Thttp://www.facebook.com/RestoringINDIAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-70060460216482081512012-07-17T11:44:32.307+05:302012-07-17T11:44:32.307+05:30हाहहाहाहहाहाहहाहा
बहुत बढिया सवाल
वैसे आप
नया ल...हाहहाहाहहाहाहहाहा<br /><br />बहुत बढिया सवाल<br /><br />वैसे आप <br />नया लेख पढिए, शायद आपका कुछ भ्रम दूर हो..<br /><br />http://aadhasachonline.blogspot.in/2012/07/blog-post_15.html#comment-formमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-59929434803476204232012-07-17T11:43:24.250+05:302012-07-17T11:43:24.250+05:30नया लेख पढिए, शायद बाबा के समर्थकों का कुछ भ्रम दू...नया लेख पढिए, शायद बाबा के समर्थकों का कुछ भ्रम दूर हो..<br /><br />http://aadhasachonline.blogspot.in/2012/07/blog-post_15.html#comment-formमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-35113010896482582302012-07-17T11:42:40.680+05:302012-07-17T11:42:40.680+05:30नया लेख पढिए, शायद बाबा के समर्थकों का कुछ भ्रम दू...नया लेख पढिए, शायद बाबा के समर्थकों का कुछ भ्रम दूर हो..<br /><br />http://aadhasachonline.blogspot.in/2012/07/blog-post_15.html#comment-formमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-67385948689322087882012-07-17T11:42:12.893+05:302012-07-17T11:42:12.893+05:30नया लेख पढिए, शायद बाबा के समर्थकों का कुछ भ्रम दू...नया लेख पढिए, शायद बाबा के समर्थकों का कुछ भ्रम दूर हो..<br /><br />http://aadhasachonline.blogspot.in/2012/07/blog-post_15.html#comment-formमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-31751640352668302962012-07-17T11:41:39.004+05:302012-07-17T11:41:39.004+05:30नया लेख पढिए, शायद बाबा के समर्थकों का कुछ भ्रम दू...नया लेख पढिए, शायद बाबा के समर्थकों का कुछ भ्रम दूर हो..<br /><br />http://aadhasachonline.blogspot.in/2012/07/blog-post_15.html#comment-formमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-57005569546197659542012-07-17T11:41:12.303+05:302012-07-17T11:41:12.303+05:30नया लेख पढिए, शायद बाबा के समर्थकों का कुछ भ्रम दू...नया लेख पढिए, शायद बाबा के समर्थकों का कुछ भ्रम दूर हो..<br /><br />http://aadhasachonline.blogspot.in/2012/07/blog-post_15.html#comment-formमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-61169528723342257392012-07-17T11:40:34.640+05:302012-07-17T11:40:34.640+05:30नया लेख पढिए, शायद बाबा के समर्थकों का कुछ भ्रम दू...नया लेख पढिए, शायद बाबा के समर्थकों का कुछ भ्रम दूर हो..<br /><br />http://aadhasachonline.blogspot.in/2012/07/blog-post_15.html#comment-formमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-30999548660750866682012-07-15T16:34:15.733+05:302012-07-15T16:34:15.733+05:30देखिए मेरी नई पोस्ट
बाबा रे बाबा - रामदेव का राम...देखिए मेरी नई पोस्ट <br /><br />बाबा रे बाबा - रामदेव का रामराज<br /><br />शायद आपकी शंकाओं का समाधान हो सके..महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-60574692090596502222012-07-15T16:33:06.560+05:302012-07-15T16:33:06.560+05:30देखिए मेरी नई पोस्ट
बाबा रे बाबा - रामदेव का राम...देखिए मेरी नई पोस्ट <br /><br />बाबा रे बाबा - रामदेव का रामराज<br /><br />शायद आपकी शंकाओं का समाधान हो सके..महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-11867625126325657542012-07-15T16:32:23.233+05:302012-07-15T16:32:23.233+05:30देखिए मेरी नई पोस्ट
बाबा रे बाबा - रामदेव का राम...देखिए मेरी नई पोस्ट <br /><br />बाबा रे बाबा - रामदेव का रामराज<br /><br />शायद आपकी शंकाओं का समाधान हो सके..महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-74964512017468362702012-07-13T11:35:39.705+05:302012-07-13T11:35:39.705+05:30Hi Mr Mahendra,
I my Questions I have clearely me...Hi Mr Mahendra,<br /><br />I my Questions I have clearely mentioned about Only Baba Ramdev still I am not sure why there is a communication gap.<br />And you have mentioned that you can reply but you are waiting for the bad words. <br />If you don't want to reply then it is ok but please don't use them (people who give negative comments) as shielding.Saurbhnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-48870904968502011302012-07-08T14:31:20.488+05:302012-07-08T14:31:20.488+05:30आपको इसका उत्तर लिखने की आवश्यकता पड़े या ना पड़...आपको इसका उत्तर लिखने की आवश्यकता पड़े या ना पड़े इसका कोई अर्थ नहीं मगर आप भारतीय वैदिक ग्रंथों का अध्ययन और आश्रम व्यवस्था पर कुछ आलेख देख लें,साथ ही ऐसा लेख लिखें जो वास्तव में सबके लिए लाभ - दायक हो गाली गलौंच का मै समर्थक नहीं घौर विरोधी हुं और ऐसे मूर्खों की प्रबल निंदा करता हुं ,और मैंने अपने शब्दों में यथा संभव सम्मान देने का भरसक प्रयास किया है,फिर भी महेंद्र श्रीवास्तव जी अगर त्रुटी बश कुछ गलत लिखा गया हो तो क्षमा कीजियेगा. वल्कि हमारे और आपके लिए अपना ज्ञान और बढाकर सब कुछ स्पष्ट करने की आवश्यकता है,अष्टांग योग को बाबा राम देव सहित सभी सन्यासी अच्छी तरह जानते हैं लेकिन ये अष्टांग योग जिसे आपने देखा है वो क्या देश के आम लोगों और गृहस्थ लोगों के लिए संभव है,मै समझता हुं नहीं और उसकी सभी लोगों को आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनकी आवश्यकता प्राणायाम और बाबा रामदेव या किसी भी ऐसी संस्था के द्वारा बताये गए सीमित योग से पूरी हो जाती है योग से सारे भारत को सन्यासी नहीं बनाना है वल्कि स्वस्थ बनाना है,और उसके लिए जो भी वर्तमान व्यवस्था दी गयी है वो पूर्ण है,आपको ये बताना मेरा परम कर्तव्य है कि कोई भी किसी विषय पर पूर्ण नहीं होता,ना तो मै ना आप ना बाबा रामदेव जी ना साध्वी चिदर्पिता जी अगर आपको विश्वास ना हो तो मुझे केवल राष्ट्र नमक शब्द या वास्तविक राष्ट्र का अर्थ बता दीजियेगा और आप साध्वी चिदर्पिता जी से भी पूछ लीजियेगा मै आपको विश्वास दिलाता हुं एक बार हो सकता है आप स्वयं उतार दे दें मगर साध्वी जी निश्चित रूपसे इसका उत्तर नहीं दे पाएंगी,...एक महान रहस्य की बात ये है कि योग पर महर्षि पतंजलि ने जो कुछ भी लिखा वो भी पूर्ण नहीं है,इसीलिए उनको भी योग पर एक गुरु का दर्ज़ा नहीं दिया जा सकता योग के वास्तविक दो गुरु हैं एक भगवान् महादेव और दुसरे भगवान् नारायण अथवा श्री कृष्ण,बाबा रामदेव जी तो फिर भी योग के ऐसे शिष्य हैं जो कि जितना सीखते हैं उतना ही लोगों को बता देते हैं,हमारी सभ्यता - और संस्कृति को विदेशी आक्रमण कारियों द्वारा व्यापक हानि पहुंचाई गयी है इसीलिए योग पर उप्लाभ्धा विस्तृत सामग्री में से केवल महर्षि पतंजलि का ही ग्रन्थ किसी तरह बचा रह गया,वरना ईश्वर आराधना से लेकर ,नृत्य,संतान उत्पत्ति( इसका अर्थ बहुत विस्तृत है जो यहाँ बताया नहीं जा सकता),वाणिज्य-व्यवसाय,चलना - फिरना त्याग और संग्रह यहाँ तक कि जो कुछ भी हम जीवन में करते हैं वो सबकुछ केवल योग है कुछ और नहीं,बस अंतर इतना है कि कुछ लोग अच्छी बातों का योग करते है कुछ बुरी बातो का योग करते है. ये आपके ऊपर है आप किस प्रकार का योग करेंगे और उसके किस परिणाम को लेकर ईश्वर के पास जायेंगे.Thakur-k-p-singh-kaushalhttps://www.blogger.com/profile/05959873453664273361noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-80349783727359732052012-07-08T14:08:18.164+05:302012-07-08T14:08:18.164+05:30श्री महेंद्र श्रीवास्तव जी आपका आलेख हमने पढ़ा, इस...श्री महेंद्र श्रीवास्तव जी आपका आलेख हमने पढ़ा, इसमें जवाब देने लायक हालाँकि कुछ नहीं है,लेकिन फिर भी मन में आपकी बातों से पीधन हुई तो कुछ लिखना मेरा परम कर्तव्य है,..जहां तक बात संत की है वो ना तो आर्य समाजी होता है और ना ही सनातनी , संत कवक संत होता है और आर्य समाज का मूल आधार जो की वेद हैं उसमे स्पष्ट लिखा है कि हमारे यहाँ आश्रम व्यवस्था के अंतर्गत संन्यास एक जीवन जीने का मार्ग है और ये व्यवस्था आर्यसमाजिक व्यवस्था से बहुत पहले की वैदिक कालीन व्यवस्था है,आर्य सामाजिक व्यवस्था 200 वर्षों से भी नवीन व्यवस्था है ,क्या आपको लगता है की संन्यास और भारत में साधू - संत के लिए बनाई गयी व्यवस्था केवल 200 वर्ष या उसे कम पुरानी है,ज्यादा लिखने की आवश्यकता है नहीं,वस इतना ही पर्याप्त है की आपको केवल भारत की सभ्यता और संस्कृति को ठीक से अध्ययन करना चाहिए,तथा सबसे आवश्यक सलाह ये है की आज कल भारतीय मीडिया के बारे में लोगों में बहुत गुस्सा है उसे ठीक से देखें और पहचानने का प्रयास करिए, मेरा ये निवेदन सभी मीडिया के भाइयों से है,ना की केवल आपसे ,क्योंकि भारत में विकास,सत्य,और न्याय के लिए लड़ने हेतु मीडिया का कुछ वर्षों पहले तक बहुत महत्वपूर्ण स्थान था जो की आज मीडिया खो चुका है,जिसको आप सार्वजानिक जीवन में भली - भांति जानते हैं,Thakur-k-p-singh-kaushalhttps://www.blogger.com/profile/05959873453664273361noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-59347579695355030982012-07-08T14:07:49.757+05:302012-07-08T14:07:49.757+05:30श्री महेंद्र श्रीवास्तव जी आपका आलेख हमने पढ़ा, इस...श्री महेंद्र श्रीवास्तव जी आपका आलेख हमने पढ़ा, इसमें जवाब देने लायक हालाँकि कुछ नहीं है,लेकिन फिर भी मन में आपकी बातों से पीधन हुई तो कुछ लिखना मेरा परम कर्तव्य है,..जहां तक बात संत की है वो ना तो आर्य समाजी होता है और ना ही सनातनी , संत कवक संत होता है और आर्य समाज का मूल आधार जो की वेद हैं उसमे स्पष्ट लिखा है कि हमारे यहाँ आश्रम व्यवस्था के अंतर्गत संन्यास एक जीवन जीने का मार्ग है और ये व्यवस्था आर्यसमाजिक व्यवस्था से बहुत पहले की वैदिक कालीन व्यवस्था है,आर्य सामाजिक व्यवस्था 200 वर्षों से भी नवीन व्यवस्था है ,क्या आपको लगता है की संन्यास और भारत में साधू - संत के लिए बनाई गयी व्यवस्था केवल 200 वर्ष या उसे कम पुरानी है,ज्यादा लिखने की आवश्यकता है नहीं,वस इतना ही पर्याप्त है की आपको केवल भारत की सभ्यता और संस्कृति को ठीक से अध्ययन करना चाहिए,तथा सबसे आवश्यक सलाह ये है की आज कल भारतीय मीडिया के बारे में लोगों में बहुत गुस्सा है उसे ठीक से देखें और पहचानने का प्रयास करिए, मेरा ये निवेदन सभी मीडिया के भाइयों से है,ना की केवल आपसे ,क्योंकि भारत में विकास,सत्य,और न्याय के लिए लड़ने हेतु मीडिया का कुछ वर्षों पहले तक बहुत महत्वपूर्ण स्थान था जो की आज मीडिया खो चुका है,जिसको आप सार्वजानिक जीवन में भली - भांति जानते हैं,Thakur-k-p-singh-kaushalhttps://www.blogger.com/profile/05959873453664273361noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-11763902082750019092012-07-08T00:26:40.352+05:302012-07-08T00:26:40.352+05:30ईश्वर आराधना से लेकर ,नृत्य,संतान उत्पत्ति( इसका अ...ईश्वर आराधना से लेकर ,नृत्य,संतान उत्पत्ति( इसका अर्थ बहुत विस्तृत है जो यहाँ बताया नहीं जा सकता),वाणिज्य-व्यवसाय,चलना - फिरना त्याग और संग्रह यहाँ तक कि जो कुछ भी हम जीवन में करते हैं वो सबकुछ केवल योग है कुछ और नहीं,बस अंतर इतना है कि कुछ लोग अच्छी बातों का योग करते है कुछ बुरी बातो का योग करते है. ये आपके ऊपर है आप किस प्रकार का योग करेंगे और उसके किस परिणाम को लेकर ईश्वर के पास जायेंगे.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-20091604086246151752012-07-05T12:24:02.392+05:302012-07-05T12:24:02.392+05:30रामदेव में बहुत सारे लोगों की आस्था है, इसलिए उनसे...रामदेव में बहुत सारे लोगों की आस्था है, इसलिए उनसे ईमानदारी की उम्मीद की जाती है। उन्हें सार्वजनिक जीवन में ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। <br />मैं उनके सामने क्या हूं, लेकिन हां गलत होगा तो आवाज उठेगी ही...महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-7732510705559469202012-07-05T08:19:21.365+05:302012-07-05T08:19:21.365+05:30नमस्ते जी
महेन्द्र श्रीवास्तव,
क्या आप बता सकते ...नमस्ते जी <br />महेन्द्र श्रीवास्तव,<br /><br />क्या आप बता सकते है की आपकी आय का स्रोत क्या हैvir.kumarhttps://www.blogger.com/profile/15210907570134381488noreply@blogger.com