Friday 17 August 2012

साध्वी फिर पहुंची बलात्कारी स्वामी के पास !

साध्वी चिदर्पिता एक बार फिर खबरों में हैं। ज्ञान की बड़ी-बड़ी बाते करने वाली चिदर्पिता ने प्रेम विवाह में आई खटास के बाद फिर बलात्कारी स्वामी की शरण में ही जाना बेहतर समझा। एक बात बता दूं बलात्कारी स्वामी मैं नहीं कह रहा है बल्कि खुद चदर्पिता ने उनके खिलाफ शाहजहापुर की कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है। उस रिपोर्ट में स्वामी पर तमाम गंभीर आरोप लगाए गए हैं। चलिए पहले यही बात कर लेते हैं कि चिदर्पिता ने स्वामी चिन्मयानंद पर क्या क्या आरोप लगाए हैं।

साध्वी का आरोप है कि चिन्मयानंद कई मामलों का दागी है, उसने मेरे साथ बलात्कार तो किया ही, दो बार जबरन गर्भपात तक कराया। उसने तो मुझे बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि साध्वी कहती है कि चिन्मयानंद बलात्कारी स्वभाव का ही है, उसने सिर्फ मेरे साथ ही नहीं बल्कि दर्जनों दूसरी लड़कियों को भी बर्बाद किया है। वह वहशी दरिंदा और मानसिक रूप से बीमार भी है। वो तो चार से छह साल की बच्चियो तक से कुकर्म करता है। चिन्मयानंद से अनबन हो जाने के बाद साध्वी ने यहां तक कहा कि " ये बुढ्ढा लड़की के बगैर रह ही नहीं सकता, उसके सभी आश्रम में लड़कियां हैं, लेकिन वो वासना का ज्यादा खेल मुमुक्ष आश्रम में करता है।  लड़कियों को गर्भवती करने के बाद कभी उसकी शादी किसी गरीब ब्राह्मण से तो कभी अपने नौकर चाकर या फिर गनर से कर देता है। साध्वी ने कुछ लड़कियों के नाम भी गिनाये, जिसमें अन्नू, ऊषा,पिंकी, अलका जैसे नाम लिए। "

सवाल उठता है कि जब वहां का माहौल इतना खराब था तो ये साध्वी वहां स्वामी जी के साथ कैसे रह रही थीं। साध्वी कहती है कि वो हमेशा गुंडो से घिरी रहती थी, वहां वो आजाद कत्तई नहीं थी। अंदर से उबल रहीं थी, लेकिन मजबूरी में सब कुछ करना पड़ रहा था। हालाकि साध्वी स्वीकारती हैं कि वो तो स्वामी जी को 2003 में ही पहचान गईं थी। स्वामी जब भी नई लड़की को लाते, आश्रम में उसे पोती या फिर भतीजी बताया जाता और कुछ दिन बाद वो लड़की गायब हो जाती। बहरहाल साध्वी की बातों से साफ है उनके साथ 10 साल से अनैतिक व्यवहार या कहें कुकुर्म उसकी मर्जी के खिलाफ स्वामी चिन्मयानंद करते रहे और वो कुछ कर भी नहीं सकती थी, क्योंकि स्वामी के गुंडो से घिरी रहती थी। हां साध्वी ने कुछ घिनौनी बातें भी इस स्वामी के बारे में की और कहा कि वो अर्धनग्न होकर लड़कियों से मालिश कराया करते थे।
कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि साध्वी ने चिन्मयानंद के बारे में जिस तरह की तस्वीर खींची, उसके बाद उन्हें संत, सन्यासी तो दूर इंसान कहना भी ठीक नहीं। स्वामी को अगर गेरुवा वस्त्र में एक जीता जागता राक्षस कहा जाए तो गलत नहीं होगा। बहरहाल आश्रम में रहते हुए आश्रम की बाहरी दुनिया से साध्वी भी खूब जु़ड़ी रहीं और उन्होंने चिन्मयानंद की जानकारी के बगैर चुपचाप बी पी गौतम नाम के आदम की साथ शादी तक कर ली। शादी के बाद  ही उन्होंने चिन्मयानंद के खिलाफ आग उगलना शुरू किया। सवाल उठता है कि दिल्ली की कोमल गुप्ता यानि साध्वी चिदर्पिता आखिर स्वामी के शरण में किस मकसद से आई थीं ? इस बात का जवाब वो देती हैं कि मैं तो सन्यासी बनने आई थी, लेकिन जब भी वो इसकी बात करती थीं, चिन्मयानंद टाल मटोल करते थे। मैडम कोमल आप जितनी चालाकी से सारी बातें कहतीं हैं उसे यूं ही भला कोई कैसे मान सकता है ? साध्वी खुद को पाक साफ बताती हैं लेकिन जब उनसे कहा जाता है कि आपने जिस बी पी गौतम के साथ शादी की. वो पहले से शादी शुदा है और उसके एक बच्चा भी है। इस पर साध्वी जवाब जवाब देती हैं कि गौतम उनका जीवन है, इससे मुझे ताकत मिली है, जिससे इस राक्षस स्वामी से लड़ सकूं।

हाहाहहाहा राक्षस से लड़ने के लिए साध्वी ने आश्रम से भाग कर शादी की और लगभग आठ महीने गृहस्थ जीवन का सुख भोगा। लेकिन साध्वी की शादी शुदा जिंदगी भी पटरी से उतर गई। साध्वी भाग कर हरिद्वार में उसी स्वामी चिन्मयानंद के आश्रम चली गईं, जिसे वो बलात्कारी बताती थीं। घर से भागने की वजह भी मजेदार है। कहती हैं कि उनकी तवियत ठीक नहीं थी, और गौतम ने उसे कईं चाटे जड़ दिए। मार पीट की वजह से वो घर से बाहर निकली और पड़ोसी की मदद से थाने जाकर पूरा मामला दर्ज कराया और अगले दिन पुलिस की मदद से अपना सामान लेकर हरिद्वार निकल गईं। आरोप ये भी कि गौतम ने उनके सारे पैसे उडा दिए अब गहने बेचने को दबाव बना रहा था। साध्वी इसके लिए तैयार नहीं हुई, इसी वजह से ये मार पीट होती रही। अब साध्वी ने पति के खिलाफ बकायदा मार पीट, दहेज उत्पीडन जैसे गंभीर मामले में रिपोर्ट दर्ज करा दी है और अपना पता स्वामी जी का वही ममुक्ष आश्रम बताया है, जहां स्वामी जी ज्यादा बलात्कार किया करते हैं।
अब साध्वी से मेरा सवाल है। आप जानती हैं कि स्वामी चिन्मयानंद आपको सन्यास नहीं धारण कराने जा रहे हैं, आपने खुद ही ऐसा इल्जाम उनके ऊपर लगाया है। फिर वहां इस बार जाने का मकसद क्या है। आपके साथ स्वामी बलात्कार करते रहे हैं, आपने खुद अपनी एफआईआर में ये बात कही है, आपने खुद कहा है कि आपको दो बार गर्भपात कराना पड़ा। आप खुद कहती हैं कि आश्रम में सिर्फ उनके साथ ही नहीं बल्कि और लड़कियों के साथ भी स्वामी बलात्कार करते हैं। इतना कुछ जानते हुए अब आप फिर उसी नर्क में खुद क्यों जा रही हैं ? आपको पता है ना कि स्वामी आपसे शादी तो कर नहीं सकते, स्वामी के आचरण के बारे में आपने ही दुनिया को जानकारी दी, फिर क्या अब ये समझा जाना चाहिए कि अब आपको बलात्कार से कोई परहेज नहीं है, क्योंकि आप शादी शुदा जिंदगी खुद छोड़कर फिर वहां गई हैं। वरना तो साध्वी जी आप अपना साध्वी का लिबास वहीं हरिद्वार में विसर्जित कर इंदौर में अपने प्रिय भाई के पास या फिर दिल्ली अपने घर चली आती और कोमल गुप्ता के नाम से नई जिंदगी की शुरुआत करतीं। लेकिन लगता है कि आप बनावटी साध्वी हैं, गंगा माता में ऐसी आस्था दिखाती है कि क्या कहने। सच कहूं तो गंगा माता से दूरी बना लीजिए। मइया अनजाने में हुए पाप को धोती हैं, जानबूछ कर किए गए पाप को वो धोएंगी, मुझे नहीं लगता।
अच्छा सवाल तो स्वामी चिन्मयानंद पर भी उठने लाजिमी हैं। साध्वी ने आपकी इतनी थू थू कराई। बताया कि आप लड़कियों के शौकीन हैं। बिना लड़की के आप रह नहीं सकते। आप अर्धनग्न होकर लड़कियों से मालिश कराते हैं। क्या आरोप इस साध्वी ने आपके ऊपर नहीं लगाया। यहां तक की अभी आपके खिलाफ शाहजहांपुर में साध्वी की रिपोर्ट पर कार्रवाई विचाराधीन है। आप गिरफ्तार ना हो जाएं, इसलिए आपको न्यायालय की शरण लेनी पड़ी है और न्यायालय ने आपकी गिरफ्तारी पर रोक लगा रखा है। स्वामी जी कहीं आपको ये भय तो नहीं सता रहा कि आने वाले समय में कुछ भी हो सकता है, लिहाजा अभी इस साध्वी को गले लगाकर पहले सारे मामले वापस कराए जाएं। उसके बाद तो इस साध्वी से निपटना कोई मुश्किल नहीं रह जाएगा। वैसे भी अब साध्वी अपनी विश्वनीयता खो चुकी है। वरना जिस आश्रम को वो नरक बता रही थी, जहां का स्वामी बलात्कारी है, वो वहां दोबारा भाग कर ना आती।

खैर सच्चाई क्या है, ये सबको पता है। सच बताऊं तो आजकल देश में कांडा ही कांडा है। कोई कांडा नौकरी देने की फीस वसूलता है, कोई कांडा नौकरी बचाए रखने की फीस वसूलता है। प्रमोशन में भी कांडाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। सरकारी गैरसरकारी संस्थाओं में तो कांडा अपनी पहले से ही पकड़ बना चुके हैं, लेकिन अब देख रहा हूं कि गेरुवा वस्त्र में ज्यादा खतरनाक कांडा हैं। नित्यानंद की कांडागिरी सबको पता है, अब स्वामी चिन्मयानंद की कांडागिरी भी लोगों के सामने आ गई है। अच्छा कांडा की ताकत भी देखिए, इनका आसानी से बाल बांका भी नहीं हो पाता। हरियाणा के पूर्व मंत्री यानि असली कांडा को पुलिस क्या पकड़ पाएगी जब लाखों नकली कांडा अलग अलगे वेष में अपनी जड़े मजबूत कर चुके हैं। मस्त रहो स्वामी जी, अब तो साध्वी खुद आई है आपके पास कोई कुछ नहीं कह सकता। हां समाज में चेहरा दिखाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है। जय हो कांडा।

 




57 comments:

  1. चिदर्पिता के अर्थ को, करे सार्थक जाय |
    जब रहती मौज में, एक प्लेट में खाय |
    एक प्लेट में खाय, मगर साहस है भाई |
    पहले गई अघाय, मौत ही शायद लाई |
    चिन्मय का आनंद, बंद तो नहीं हुआ था |
    जबकि बीते वर्ष, साध्वी नहीं छुवा था ||

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  2. गोलमाल हैं ...सब गोल माल हैं ....उल्टे रस्ते की ये सीधी सी चाल हैं :)))

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    1. ऐसे में तो साध्वी से लोगों को विश्वास खत्म हो जाएगा

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  3. स्वामी हो या साध्वी,सबका यही है खेल
    गेरुआ वस्त्र धारण करे,रात में होता मेल,,,,,

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    1. घिनौनी हरकत है ये,
      गेरुवा वस्त्र का भी ध्यान नहीं इस साध्वी और स्वामी को

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  4. कैसी है ये दुनिया ..कैसे हैं ये लोग.
    किसका करे यकीं कोई यहाँ ?
    शर्मनाक वाकया .
    ईश्वर जाने सच्चाई कहाँ है?

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    1. जी यहां तो सबकुछ साफ है। साध्वी ने ही स्वामी की काली करतूतें खोली, पुलिस मे रिपोर्ट तक लिखाया, अब फिर वहीं...

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    2. ऐसे ही लोगों के कारण दूसरे 'वर्ग विशेष ' के लोगों को पूरे साधू समाज पर उंगली उठाने का मौका मिल जाता है.
      हो सकता है साध्वी को ब्लेकमेल किया जा रहा हो या विवश किया गया हो ,रिपोर्ट वापस लेने और आश्रम में वापस आने को --जैसा फिल्मों में दिखाते हैं-: करीबी की जानको खतरा आदि के कारण--....बहुत पेंच होंगे इस केस में सीधा तो कुछ नहीं दीखता है !

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    3. ये साध्वी दिल्ली की कोमल गुप्ता है। इनके आचार व्यवहार से साफ है कि ये बहुत ही महात्वाकांक्षी है। जिसे पति बनाया था, वो पैसे से भले कमजोर हो, लेकिन स्वामी से टक्कर ले सकता है और लिया ही। स्वामी जी मंत्री भी रहे हैं, फिर भी उनके खिलाफ शाहजहांपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज हो ही गई।
      स्वामी को गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। मेरा तो सीधा सा सवाल है कि जिस स्वामी के बारे में इतनी घिनौनी बातें खुद इस साध्वी ने की ये दोबारा वहां भला कैसे जा सकती है, लेकिन ये स्वेच्छा से गई है। ये सच है। आगे आगे देखिए और क्या क्या गुल खिलाती है ये जोड़ी

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    4. सहमत.
      मधुमिता शुक्ला, भंवरी देवी ,अनुराधा बाली उर्फ फिजा , गीतिका शर्मा को उनकी उच्च मह्त्वाकांक्षा ही तो ले डूबी थी ..इनका क्या होगा खुदा जाने.

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    5. जी, आपकी चिंता जायज है..

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  5. सच यूँ ही एक दिन सामने आता है .... कहीं कोई अप्राप्य रह जाता है तो आरोपों का सिलसिला उठता है ... मिल गया तो सब सही !

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    1. बिल्कुल, संत समाज पर से अब भरोसा लोगों को उठने लगा है

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  6. तेरा चिमटा, मेरी चूडि़यां.

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  7. इससे यह स्‍पष्‍ट होता है कि अतिशय महत्‍वाकांक्षा नर्क की ओर ले जाती है।

    लगे हाथ आपको बता दूं कि ब्‍लॉगर्स के नाम महामहिम राज्‍यपाल जी का संदेश आया है। क्‍या पढ़ा आपने?

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  8. ऐसी साध्वी और इन कान्डाओं के कितने काण्ड .. उफ़..

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    1. हां जी इन कांडाओं को काबू में करना आसान भी नहीं

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  9. मै तो इन साधु और साध्वी पर बिल्कुल विश्वास नहीं..इन से भगवान बचाए..

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  10. मुझे तो इन साध्वी और बाबाओं से पहले से ही नफरत है अब और ज्यादा हो गई यहाँ तो दोनों ही कडवे लग रहे हैं एक करेला दूजा नीम किसको सही किसको गलत कहें फिर भी जनता इनके पीछे चलती है जो सबसे ज्यादा पागल है

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    1. बिल्कुल, लेकिन देश की जनता तो गेरुवा वस्त्र देखती है ना, भले ही उस वस्त्र में भेड़ियें क्यों ना हों...

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  11. जिस त्याग और सत्यता की नीव पर यह सनातन धर्मं खड़ा है, उसी नीव को तोड़ने पर उतारू है हमारे अपने लोग|तथाकथित गुरु स्वयं को परमात्मा सिद्ध कर मनमाने कर्म कर रहे हैं और भोली जनता को गुमराह कर रहे है | वेदिक धर्मं का तो जो इन पाखंडियों ने हाल किया है उसकी तो चर्चा ही क्या की जाये बल्कि परमात्मा को भी एक मजाक की वस्तु बना कर रख दिया है |तरस आता है उन नासमझो की मति पर जो ऐसे लोगों के बारे में सब कुछ जानते हुवे भी उनका सम्मान करते है ......
    अपना एक घर छोड़ा और १० शहरों में आलिशान आश्रम खड़े कर लिए …
    एक पुत्र को छोड़ा और अनेको चेले रख लिए …
    एक पत्नी को छोड आये और कई शिष्याएँ उपस्थित करली …
    ये कैसा विराग है भाई ??
    धिक्कार है ऐसी तथाकथित धर्मं का सर्वनाश करने पे आतुर लोभी बाबाओं पर

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    1. सच कह रहे हैं, वाकई ऐसे लोगों के बारे मे हमें ही गंभीरता से सोचना होगा, वरना ये कल गंभीर समस्या बन सकते हैं

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  12. बहुत अच्छी प्रस्तुति!...

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  13. काफ़ी घिनौनी हरकते हैं। उफ़्फ़!

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  14. apnee lekhnee inpar likhkar gandi mat kijiye mahendra ji,,,,,,,,laila majnu ko koi fark nahi padega

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  15. mahendra ji ,,,,apni lekin laila majnu par gandi mat kijiye,,,,,,ye aise hi rahne hain,,,,,,aur nirmal baba ke paas jane vale bhi aise hi rahne hain,,,,,,,mahan logo ki pol khol.......interesting likha hai

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    1. सच्चाई तो सामने लाना ही होगा

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  16. Very good and keep it up...........

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  17. इससे इंसानियत शर्मशार होती है। ऐसे लोगों पर विश्वास नही करना चाहिए । मेरे नए पोस्ट पर आपका उइंतजार रहेगा । धन्यवाद।

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    1. जी बिल्कुल
      लेकिन इनका असली चेहरा भी दिखना चाहिए

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  18. आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
    और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है बस ऐसे ही लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.बहुत सराहनीय प्रस्तुति.


    http://madan-saxena.blogspot.in/
    http://mmsaxena.blogspot.in/
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  19. सच्चाई क्या है, ये सबको पता है।
    हौसला कभी कम न हो
    कभी बेकार ग़म न हो
    दुआ हमारी यही है

    Post अच्छी लगी.
    ईद मुबारक .
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  20. इनके आचार व्यवहार से साफ है कि ये बहुत ही महात्वाकांक्षी है। जिसे पति बनाया था, वो पैसे से भले कमजोर हो, लेकिन स्वामी से टक्कर ले सकता है और लिया ही। स्वामी जी मंत्री भी रहे हैं, फिर भी उनके खिलाफ शाहजहांपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज हो ही गई।
    स्वामी को गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। मेरा तो सीधा सा सवाल है कि जिस स्वामी के बारे में इतनी घिनौनी बातें खुद इस साध्वी ने की ये दोबारा वहां भला कैसे जा सकती है, लेकिन ये स्वेच्छा से गई है। ये सच है। आगे आगे देखिए और क्या क्या गुल खिलाती है

    न जाने कैसे एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं लोग ....

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    1. जी ये बात तो सही कहा आपने.
      आभार

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  21. कमाल की लेखनी को सलाम |

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  22. bahut achha likha hai

    is tarah ke tathakathit sadhu va sadhvi hain jo sant samaj va bhakti ke upar se vishawas ko kam kar dete hain.... aise logon ko saja milni chahiye...par baat ye hai ki log jaankar bhi in logon ke paas fir bhi jaate hain...

    ye sadhu samaj hi nahi varan samanya jan kehlane layak bhi nahi hain

    shubhkamnayen

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  23. the Sadhvi seems to be suffering from psychological trouble where a person is dissatisfied from ones present circumstances and drifts in to the earlier painful situations, because once out of them the person fantasizes them and enjoys the suffering hero's identity. She needs to go to a psychologist rather than back in that hell.

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  24. मित्रों,

    साध्वी कुछ दिन पहले फिर अपने पति के पास वापस हो गई हैं। कह रही हैं कि जो मतभेद थे आपस में वो खत्म हो गए हैं।

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