Thursday, 26 January 2012

चुनाव में ईमानदारी ... ना बाबा ना

त्तर प्रदेश के चुनावी सफर पर निकला तो कुछ उत्साहित था, मुझे लग रहा था कि ईमानदारी को लेकर अन्ना ने इतनी तो जागरुकता फैला ही दी होगी कि गांव गांव में लोग ईमानदारी की बात करते होंगे और चुनाव में इस बार दागी उम्मीदवारों से दूरी बनाकर ईमानदार और साफ सुथरी छवि वाले उम्मीदवार के साथ खड़े होंगे। सच बताऊं मेरा सोचना गलत था, चुनावों में कुछ भी नहीं बदला है। चोर, उचक्के, बदमाश, भ्रष्टबेईमान सब तो हैं इस चुनावी दंगल में। टीम अन्ना का यूपी  में कितना भी दौरा कर ले, लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यहां वो ईमानदारी को मुद्दा नहीं बना पाएंगे। यहां लोगों की छोटी छोटी जरूरते हैं, उम्मीदवार उनके पास आते हैं तो वो उनसे हैंडपंप और गांव  गली की सड़कों की बात ही कर करते हैं। इसके अलावा  समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने  तो वाकई लोगों की नब्ज पकड़ ली है।  हालांकि उन्होंने ये बात कही तो मजाक में ही कि जब शाम की दवा  यानि दारू मंहगी हो जाए तो  समझ लेना चाहिए कि सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। वाकई इस बात का ग्रामीण अंचलों में असर देखा जा रहा है। आप यकीन माने यूपी में चुनाव के दौरान शराब की कीमतों में भारी कटौती की गई है।

बाराबंकी के बाद कल फैजाबाद यानि राम लला की नगरी अयोध्या में था। बाराबंकी में तो हमें पता बाद में पता चला जहां हमारा कार्यक्रम तय था, वहां के आसपास  की जमीन पर बीएसपी के उम्मीदवार संग्राम सिंह ने कब्जा कर लिया है। शापिंग काम्पलेक्स के लिए काम भी शुरू हो गया था, लेकिन कुछ लोग हिम्मत करके कोर्ट चले गए और काम रुक गया। यहां अब पुलिस तैनात है। संग्राम सिंह लगातार कहते रहे कि हां मैं जनता की अदालत में शामिल होऊंगा, पर कार्यक्रम वाले दिन उन्होने बताया कि परिवार में किसी ने खुद को गोली मार ली है और वो अब नहीं आ सकते। मुझे लगा कि हो सकता है कोई हादसा हो गया होगा, लेकिन हैरान तब हुआ मैं जब कल फैजाबाद में कार्यक्रम शुरू होने के 10 मिनट पहले बीएसपी के उम्मीदवार वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि उनके घर मिट्टी हो गई है। मिट्टी हो जाने का मतलब किसी की मौत हो गई है, लिहाजा वो नहीं आ सकते। मुझे हंसी आईऔर एक कहानी याद आ गई।

साहब हुआ ये मेरे एक मित्र के घर अचानक कुछ मेहमान आ गए, ठंड का दिन है लिहाजा किसी को जमीन पर सुलाना ठीक नहीं था। बेचारे मित्र पड़ोसी के यहां चारपाई मांगने चले गए। एक पड़ोसी के यहां जब उन्होंने चारपाई की मांग की तो पड़ोसी ने बडे ही भोलेपन से कहा " भाई क्या बताएं, मेरे यहां तो सिर्फ दो चारपाई है, एक पर मैं और मेरे पिता जी सोते हैं, दूसरी चारपाई पर मेरी मां और मेरी बीबी सो जाती है। इसलिए मैं चारपाई नहीं दे पाऊगा। मित्र बोले कोई बात नहीं, चारपाई आप दें या ना दें, पर आपको मेरी एक सलाह है कि आप लोग सोया तो ठीक से करें। बीएसपी के नेताओं को भी मेरी यही सलाह है कि आप कार्यक्रम में आएं या ना आएं, पर मौत का बहाना  थोडा  ज्यादा हो जाता है। वैसे भी यूपी में जो माहौल है उससे तो पार्टी की नानी तो मरनी ही है, फिर पहले ही क्यों मरने लगे।

अयोध्या पहुंच कर थोड़ा मन दुखी हुआ, हमारे कार्यक्रम का आयोजन स्थल गुफ्तार घाट था। कहते हैं कि भगवान राम ने यहीं पर जल समाधि ले ली थी। यानि यहीं सरयू के तट पर भगवान का शरीर अंतिम बार लोगों ने देखा था। भगवान राम मर्यादा को मानने वाले थे, और कुछ लोगों ने सारी मर्यादाओं को ताख पर रख कर भगवान का मंदिर बनाने की कोशिश कर रहे थे। हालत ये हो गई  जो उनकी ठीक ठाक  छत थी, वो भी नहीं रही। दूर दराज से आने वाले भक्त रामलला से ज्यादा यहां हुई तोड़फोड़ की चर्चा करते हैं। बहरहाल एक अच्छी बात है कि चुनाव में फिलहाल राम मंदिर का मुद्दा गायब है। कई बार यहां से बीजेपी के उम्मीदवार चुनाव जीतते रहे हैं, लेकिन उन्होंने किया क्या है, इसका जवाब उनके पास नहीं है। लिहाजा यहां से ख़डी  एक किन्नर  उम्मीदवार गुलशन बिंदू के पीछे  पूरा शहर पागल हुआ पड़ा है। राजनीतिक  दलों से ज्यादा भरोसा ना जाने क्यों लोगों को इस किन्नर पर है। बिहार की रहने वाली ये किन्नर लोगों को समझाती है कि वो सीता माता जो बिहार में जन्मी थीं, वो उनके यहां  से भगवान राम के पास यानि माता सीता के ससुराल आई है। चुनाव के नतीजे कुछ भी हों, लेकिन किन्नर ने इस कड़ाके की ठंड में राजनीतिक दलों के पसीने तो छुड़ा ही दिए हैं।

दिल्ली मैं बैठकर अखबार और चैनल पूरी तरह राहुल गांधी पर फोकस किए हुए हैं। यहां लोगों से राहुल के बारे में बात करो तो लोग हंसने लगते हैं। कहते हैं कि राहुल फैक्टर की जब कोई बात करता है तो हम समझ जाते  हैं कि  ये लोग यहां के रहने वाले नहीं है, दिल्ली या फिर किसी और प्रदेश से आए हैं। फैजाबाद के सुदूर इलाके में मैं सीधे साधे ग्रामीणों की ये बात सुनकर हैरान रह गया। बहरहाल दोस्तों आज हम पहुंच चुके हैं बहराइच। तैयारियां चल रही हैं रात के चुनावी दंगल की। आप भी जुड़िए हमारे साथ आईबीएन 7 पर रोजाना रात आठ बजे.. हर रोज नए शहर से।

नोट.. मित्रों मैं लगातार सफर  में हूं, हर रात एक नए शहर में बीतती है, फिर वहां शुरू होता है चुनानी दंगल। यही वजह है कि मैं आप सबके ब्लाग पर आ नहीं पा रहा हूं, लेकिन जब ये कारवां गोरखपुर पहुंचेगा तो हमें एक दिन पूरा वहां आराम करना है। कोशिश होगी कि उस दिन हम आप सबके साथ  कुछ देर जरूर रहूं।

20 comments:

  1. सवाल ही नहीं उठता .... इतनी बेईमानी कि ईमान भी बेईमान

    ReplyDelete
  2. लोगों को और जागरूक करने की ज़रुरत है ..
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें ..जय हिंद !!
    kalamdaan.blogspot.com

    ReplyDelete
  3. बढिया जानकारी।

    गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं....

    जय हिंद... वंदे मातरम्।

    ReplyDelete
  4. badiya chunavi jankari mil rahi hai..logo ki soch bhi sabke samne aa rahi hai.lekin ek prashn hai kya log imandari nahi chahte ya chhoti chhoti jarooraton ke liye ghoos de kar vo kam karva lete hai (vaise to hone se raha jante hai) isliye vo issse door rahna chate hai??????vaise chunavi choupal me mahilaon ki bhagidari nahi dikh rahi hai...ye vicharniya hai.

    ReplyDelete
  5. जब तक धनवल और बाहुबल चलता रहेगा, तब तक कुछ नहीं बदलेगा। हां, सोचना यह है कि इस ताकत को कैसे कम करें?

    ReplyDelete
  6. सच का सामना करवाती रिपोर्ट ...
    नोटों की राजनीति का खेल आज भी ज़ारी हैं

    ReplyDelete
  7. noto ke saamne logon ka imaan dolta hai jab tak ye mantri logon ko noto ki ye haddiyan fenkte rahenge log bhoolte rahenge kaun anna aur kya uski neetiyan.tabhi to desh ka beda gark ho raha hai.isi tarah aap logon ki sachchaai samne laate rahiye taki in haalaton ko dekh kar hum bhi apna maatha thokte rahen aur kar bhi kya sakte hain.

    ReplyDelete
  8. dehradun ki khabar lene aayenge to mere yahan jaroor aaiyega.

    ReplyDelete
  9. ईमानदारी का विकास या ईमानदारी से विकास...

    ReplyDelete
  10. बहुत उपयोगी आलेख!
    63वें गणतन्त्रदिवस की शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete
  11. देते रहिये ऎसी ही मजेदार खबरें...

    इलाही वो भी दिन होगा जब अपना राज देखेंगे
    जब अपनी ही जमीं होगी और अपना आसमां होगा.

    ReplyDelete
  12. खरी खरी सुनायी है आपने!! यही है चुनाव के रंग!!

    ReplyDelete
  13. इसी तरह जानकारी देते रहे,लेख पढकर तो मुझे ऐसा लगता है,नम्बर १ पर समाजवादी पार्टी रहेगी,....बहुत सुंदर प्रस्तुति,.

    WELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....

    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....

    ReplyDelete
    Replies
    1. आज के चर्चा मंच पर आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति
      का अवलोकन किया ||
      बहुत बहुत बधाई ||

      Delete
  14. बेहतर की आशा की जा सकती है , सोचा जा सकता है ..लेकिन ऐसा लगता है की अब वह सब नहीं हो सकता .....बस सोचिये ...सोचने में क्या जाता है ...!

    ReplyDelete
  15. सही तो है - इन लोगों के लिए किन्नर ही ठीक हैं.... बाकि आज पता चला है तो कोशिश करेंगे रात ८ बजे घर पहुँचने की.

    ReplyDelete
  16. आपकी पोस्‍ट से नवीन जानकारियां मिली। जारी रखिए।

    ReplyDelete
  17. आपकी पोस्ट आज की ब्लोगर्स मीट वीकली (२८) मैं शामिल की गई है /आप आइये और अपने सन्देश देकर हमारा उत्साह बढाइये /आप हिंदी की सेवा इसी मेहनत और लगन से करते रहें यही कामना है /आभार /

    ReplyDelete

जी, अब बारी है अपनी प्रतिक्रिया देने की। वैसे तो आप खुद इस बात को जानते हैं, लेकिन फिर भी निवेदन करना चाहता हूं कि प्रतिक्रिया संयत और मर्यादित भाषा में हो तो मुझे खुशी होगी।