आज बात खालिस सियासत की। दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के किसान उत्तर प्रदेश सरकार से खफा हैं, वजह है उनकी कीमती जमीन का औने पौने दाम में मायावती सरकार अधिग्रहण कर रही है। किसानों की मांग है कि उनकी जमीन का उन्हें वाजिब दाम मिलना चाहिए। किसानों की मांग जायज है, उन्हें उनका हक मिलना ही चाहिए।
अपने हक की लड़ाई किसान महीनों से लड़ रहे हैं, पर तब राहुल ही नहीं किसी भी सियासी दल ने उनका साथ नहीं दिया। सप्ताह भर पहले जब यहां माहौल बिगड़ा, पुलिस और किसानों के बीच फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई और डीएम एसपी भी घायल हो गए तो राजनेताओं ने किसानों के गांव की ओर रुख किया। माहौल ना बिगड़े इसके लिए सूबे की सरकार ने धारा 144 लगा दी, इसका मतलब पांच व्यक्ति से ज्यादा लोग गांव के आसपास जमा नहीं हो सकते। इसके बावजूद यहां चौधरी अजित सिंह ने जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उनका रास्ता रोक लिया। इसी तरह बीजेपी नेता राजनाथ सिंह और समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव को भी वहां नहीं जाने दिया गया। राहुल गांव के चोर रास्ते से होते हुए वहां पहुंचने में कामयाब हो गए।
राहुल गांधी का लड़कपन
जी हां इसे तो राहुल का लड़कपन ही कहा जाएगा, क्योंकि वो एसपीजी प्रोटेक्टेड नेता हैं और उन्हें कहीं भी जाने के पहले वहां की सूबे की सरकार को बताना चाहिए, जिससे उनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया जा सके। लेकिन राहुल ने ऐसा नहीं किया। बात काल्पनिक हो सकती है, लेकिन अहम है कि अगर यहां राहुल के साथ कुछ भी हो जाता तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होती। जाहिर है यूपी की सरकार तो हाथ खड़े कर देती और एसपीजी को जवाब देते नहीं बनता। वैसे तो गांव में मीडिया से बात करने की जिम्मेदारी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संभाल रखी थी, लेकिन गांव वालों से बात करते हुए राहुल ने कहा कि इस गांव में आकर जो हालात हमने देखा है, उससे हमें भारतीय होने पर शर्म आ रही है। मैं राहुल की बात से इत्तेफाक नहीं रखता हूं। क्योंकि मैं जानता हूं कि कई ऐसे मौके आए जब राहुल को भारतीय होने पर नहीं उस पार्टी का नेता होने पर शर्म आनी चाहिए थी जो उन्हें नहीं आई।
तब शर्म क्यों नहीं आई राहुल
1. जी मैं बताता हूं राहुल को उस समय शर्म क्यों नहीं आई, जब कारगिल के शहीदों की विधवाओं के लिए मुंबई में बने आदर्श सोसायटी के फ्लैट कांग्रेस नेताओं ने हथिया लिए। इसमें कांग्रेस के एक दो नाम नहीं कई नामचीन नेता हैं। यानि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, विलासराव देशमुख, सुशील कुमार शिंदे और अभी के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज सिंह चव्हाण शामिल हैं। इतने कांग्रेसियों ने जब विधवाओं के फ्लैट कब्जाए तो कांग्रेसी होने पर शर्म क्यों नहीं आई।
2. कॉमनवेल्थ घोटाले में कांग्रेस नेता सुरेश कलमाडी को जेल जाना पड़ा। करोड़ों रुपयों की हेराफेरी में कलमाडी के बाद अब दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भी नोटिस हो चुका है। गवर्नर पर भी इस गोरखधंधे में शामिल होने की बात की जा रही है। इसके अलावा जांच अधिकारी जयपाल रेड्डी के मंत्रालय की भूमिका को भी खंगाल रहे हैं। तब राहुल को शर्म क्यों नहीं आई।
3.टू जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के एक मंत्री ए राजा जेल में हैं। उन पर हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। इस पर उन्हें शर्म क्यों नहीं आई।
4. देश का लाखों करोड़ रुपया देश के धनपशुओं ने विदेशी बैंकों में जमा कर रखे हैं। बीजेपी के साथ ही तमाम सामाजिक संगठन कालेधन को वापस लाने की मांग कर रहे हैं और वित्तमंत्री ऐसा करने से हाथ खड़े कर रहे हैं। इस पर भी तो उन्हें शर्म आ सकती है। क्यों नहीं शर्म आई?
5. राहुल जी हालत ये हो गई कि सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ सामाजिक संगठनों के साथ पूरा देश खड़ा हो गया। तब कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार घुटने टेकते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून का मसौदा बनाने को तैयार हुई। देश भर में आपकी पार्टी की थू थू हुई, फिर भी आपको शर्म नहीं आई।
मैं मानता हूं कि आप संवेदनशील है, आप गरीबों के दुख दर्द को समझने की कोशिश करते हैं। रामराज्य की परिकल्पना आपके दिमाग में है। अगर यूपी के किसानों को उनकी जमीन का वाजिब हक ना मिलने पर आपको भारतीय होने पर ही शर्म आ रही है तो महाराष्ट्र में जहां आपकी सरकार है वहां विदर्भ में तमाम किसान आत्महत्या कर रहे हैं। विदर्भ में भी यही बात आपने क्यों नहीं कहा कि यहां की हालत देख आपको शर्म आ रही है। ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब देश की जनता आप से जानता चाहती है।
राहुल भारतीय होने पर शर्म नहीं गर्व कीजिए
अगर मैं ये कहूं की आजाद भारत की ये सबसे भ्रष्ट सरकार है तो गलत नहीं होगा। मुझे लगता है कि आप मेरी बात से सहमत होंगे और राहुल भारतीय होने पर शर्म की बजाए गर्व कीजिए। जहां खामियां है वो दूर होनी चाहिए, ना कि शर्म से पीछे हटना चाहिए।
अपने हक की लड़ाई किसान महीनों से लड़ रहे हैं, पर तब राहुल ही नहीं किसी भी सियासी दल ने उनका साथ नहीं दिया। सप्ताह भर पहले जब यहां माहौल बिगड़ा, पुलिस और किसानों के बीच फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई और डीएम एसपी भी घायल हो गए तो राजनेताओं ने किसानों के गांव की ओर रुख किया। माहौल ना बिगड़े इसके लिए सूबे की सरकार ने धारा 144 लगा दी, इसका मतलब पांच व्यक्ति से ज्यादा लोग गांव के आसपास जमा नहीं हो सकते। इसके बावजूद यहां चौधरी अजित सिंह ने जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उनका रास्ता रोक लिया। इसी तरह बीजेपी नेता राजनाथ सिंह और समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव को भी वहां नहीं जाने दिया गया। राहुल गांव के चोर रास्ते से होते हुए वहां पहुंचने में कामयाब हो गए।
राहुल गांधी का लड़कपन
जी हां इसे तो राहुल का लड़कपन ही कहा जाएगा, क्योंकि वो एसपीजी प्रोटेक्टेड नेता हैं और उन्हें कहीं भी जाने के पहले वहां की सूबे की सरकार को बताना चाहिए, जिससे उनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया जा सके। लेकिन राहुल ने ऐसा नहीं किया। बात काल्पनिक हो सकती है, लेकिन अहम है कि अगर यहां राहुल के साथ कुछ भी हो जाता तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होती। जाहिर है यूपी की सरकार तो हाथ खड़े कर देती और एसपीजी को जवाब देते नहीं बनता। वैसे तो गांव में मीडिया से बात करने की जिम्मेदारी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संभाल रखी थी, लेकिन गांव वालों से बात करते हुए राहुल ने कहा कि इस गांव में आकर जो हालात हमने देखा है, उससे हमें भारतीय होने पर शर्म आ रही है। मैं राहुल की बात से इत्तेफाक नहीं रखता हूं। क्योंकि मैं जानता हूं कि कई ऐसे मौके आए जब राहुल को भारतीय होने पर नहीं उस पार्टी का नेता होने पर शर्म आनी चाहिए थी जो उन्हें नहीं आई।
तब शर्म क्यों नहीं आई राहुल
1. जी मैं बताता हूं राहुल को उस समय शर्म क्यों नहीं आई, जब कारगिल के शहीदों की विधवाओं के लिए मुंबई में बने आदर्श सोसायटी के फ्लैट कांग्रेस नेताओं ने हथिया लिए। इसमें कांग्रेस के एक दो नाम नहीं कई नामचीन नेता हैं। यानि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, विलासराव देशमुख, सुशील कुमार शिंदे और अभी के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज सिंह चव्हाण शामिल हैं। इतने कांग्रेसियों ने जब विधवाओं के फ्लैट कब्जाए तो कांग्रेसी होने पर शर्म क्यों नहीं आई।
2. कॉमनवेल्थ घोटाले में कांग्रेस नेता सुरेश कलमाडी को जेल जाना पड़ा। करोड़ों रुपयों की हेराफेरी में कलमाडी के बाद अब दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भी नोटिस हो चुका है। गवर्नर पर भी इस गोरखधंधे में शामिल होने की बात की जा रही है। इसके अलावा जांच अधिकारी जयपाल रेड्डी के मंत्रालय की भूमिका को भी खंगाल रहे हैं। तब राहुल को शर्म क्यों नहीं आई।
3.टू जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के एक मंत्री ए राजा जेल में हैं। उन पर हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। इस पर उन्हें शर्म क्यों नहीं आई।
4. देश का लाखों करोड़ रुपया देश के धनपशुओं ने विदेशी बैंकों में जमा कर रखे हैं। बीजेपी के साथ ही तमाम सामाजिक संगठन कालेधन को वापस लाने की मांग कर रहे हैं और वित्तमंत्री ऐसा करने से हाथ खड़े कर रहे हैं। इस पर भी तो उन्हें शर्म आ सकती है। क्यों नहीं शर्म आई?
5. राहुल जी हालत ये हो गई कि सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ सामाजिक संगठनों के साथ पूरा देश खड़ा हो गया। तब कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार घुटने टेकते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून का मसौदा बनाने को तैयार हुई। देश भर में आपकी पार्टी की थू थू हुई, फिर भी आपको शर्म नहीं आई।
मैं मानता हूं कि आप संवेदनशील है, आप गरीबों के दुख दर्द को समझने की कोशिश करते हैं। रामराज्य की परिकल्पना आपके दिमाग में है। अगर यूपी के किसानों को उनकी जमीन का वाजिब हक ना मिलने पर आपको भारतीय होने पर ही शर्म आ रही है तो महाराष्ट्र में जहां आपकी सरकार है वहां विदर्भ में तमाम किसान आत्महत्या कर रहे हैं। विदर्भ में भी यही बात आपने क्यों नहीं कहा कि यहां की हालत देख आपको शर्म आ रही है। ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब देश की जनता आप से जानता चाहती है।
राहुल भारतीय होने पर शर्म नहीं गर्व कीजिए
अगर मैं ये कहूं की आजाद भारत की ये सबसे भ्रष्ट सरकार है तो गलत नहीं होगा। मुझे लगता है कि आप मेरी बात से सहमत होंगे और राहुल भारतीय होने पर शर्म की बजाए गर्व कीजिए। जहां खामियां है वो दूर होनी चाहिए, ना कि शर्म से पीछे हटना चाहिए।
sahi kaha aapne rahul gandhi ko bhartiya hone par garv karna chahiye ,sharm to janta ko aa rahi hai desh ki sabse badi party ke neta ke is gairjimmedarana bayan par...
ReplyDeleteyahi sab rajniti hai! sirf apne fayde ke liye!...
ReplyDeleteगलती आपकी भी है, आप बेशर्मों से शर्म की उम्मीद जो करते हैं।
ReplyDeleteI agree that a Pen (or in modern world a Keyboard now) is a lot powerful than a sword but only criticizing all the politicians or anyone else is not gonna be a solution for anything, do your own soul searching and then say whatever you want to say. Are we really doing anything other than just saying blah blah blah to anyone else? Sorry but this is not the solution.
ReplyDeleteअगर मैं ये कहूं की आजाद भारत की ये सबसे भ्रष्ट सरकार है तो गलत नहीं होगा।
ReplyDelete-------
सटीक और स्पष्ट विचार रखे आपने.....
मित्रों, आप सभी के विचार ब्लाग की तकनीकि खामियों के चलते गायब हो गए हैं। यकीन मानिये मैने किसी के विचार को नहीं हटाया है।
ReplyDeletenice post.
ReplyDeleteआदरणीय महेन्द्र श्रीवास्तव जी
ReplyDeleteसादर अभिवादन !
क्या ख़ूब! आप जैसे सौ पत्रकार हो जाएं तो पत्रकारिता में व्याप्त भ्रष्टाचार के भी खात्मे की आस बन जाए …
नमन आपकी ईमानदार लेखनी को !
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
जब राजनीति की बात हो तो शर्म की बात कैसी ... और अगर शर्म आए तो राहुल बाबा राजनीति में क्यों ....
ReplyDeletesir bahut hi iman daari ke sath aapne har sach ko sahi tarazo ke paldon me toula hai .waqai is xhete me rahte hue itni iman dari se sach ka aavahan koi bhi jaldi nahi karta .
ReplyDeleteyah aapke hi sahsik kadam hain jo nidar hokar sachchai ka samna kar rahen hain .
aaj aapke vyktitv ne mujhe bahut hi prabhavit kiya
isi baat par aapko ek jor dar sailute
aur hardik badhai
poonam
बहुत सुन्दर , क्या बात है...
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