कुछ दिन पहले ही मेरे मामा का फोन आया, बेटे की शादी के बारे में बात कर रहे थे। हमने कहा अच्छा तो है, बेटा साफ्टवेयर इंजीनियर है, अच्छी कंपनी में है और उसका पैकेज भी ठीक ठाक है। फिर जिस तरह वो पढ़ने में होशियार है, मुझे तो पक्का भरोसा है कि वो एक दिन आईएएस हो ही जाएगा। ऐसे में उसकी शादी की चिंता आपको अभी से क्यों सता रही है। कहने लगे नहीं ऐसा नहीं है, यूपी और बिहार से तो तमाम बड़े बड़े अफसर अपनी बेटी का रिश्ता लेकर आ रहे हैं, पर हमारे एक ही बेटा है, हम इसकी शादी में अपनी सभी हसरतें पूरी करना चाहते हैं। मैने कहा अरे मामा क्या बात है, कीजिए ना हसरत पूरी आपको किसने रोका है। धूमधाम से कीजिए शादी, कोशिश करूंगा कि मैं भी परिवार के साथ वहां पहुंचूं।
कहने लगे कि गुड्डू तुम एमपी यानि मध्यप्रदेश में किसी को जानते हो। मैने कहा हां क्यों नहीं। वहां मैं बहुत सारे लोगों को जानता हूं। अखबारी मित्र के अलावा भी हमारे बहुत से दोस्त हैं, जिनसे मेरे पारिवारिक रिश्ते है। बताइये क्या करना है, मैं उनसे कह दूंगा। बोले मैं निलेश यानि अपने बेटे की शादी एमपी में करना चाहता हूं। मैं नीलेश की तस्वीर और बायोडेटा तुम्हें भेज रहा हूं, तुम इसे अपने दोस्तों को भेज दो, और बताओ कि घर का बच्चा है, गोरा चिट्टा, पांच फुट आठ इंच लंबाई, इसकी शादी में मुझे एमपी में ही करनी है। मैं हैरान हो गया, मुझे लगा कि मेरा मामा पागल हो गया है क्या ? भाई कम से कम अभी देश में ऐसी स्थिति नहीं है कि काबिल लड़कों को भी शादी के लिए अपनी तस्वीर और बायोडेटा भेजनी पड़े। मुझे मामा की बात जमीं नहीं, लिहाजा मैने कहा मामा आपको हो क्या गया है। नीलेश काबिल है, अभी उसकी उम्र भी 24 - 25 ही तो है। ऐसे में क्या हडबड़ी है कि आप उसकी शादी और वो भी एमपी में करने के लिए भागदौड़ कर रहे हैं।
अब मामा ने जो बातें कही, मै फक्क पड़ गया। मेरा मामा चालू है, ये मैं पहले से जानता था, पर मक्कार भी ये उसकी बातों से पता चला। आप भी सुन लीजिए मेरे मामा की सोच। कहने लगे यार एमपी में लेखपाल के घर भी लोकपाल के छापे में 25 करोड़ से ज्यादा की प्रापर्टी जब्त हो रही है। जब लेखपाल और पटवारी के यहां अकूत दौलत है, तो अफसर, इंजीनियर और डाक्टर के क्या कहने। फिर गुड्डू तुम तो जर्नलिस्ट हो, तुम्हें तो बेईमान अफसरों के बारे में भी जानकारी होगी। ऐसे ही किसी चालू अफसर के यहां किसी तरह रिश्ते की बात शुरू कराओ। बोले तुम्हें तो पता है कि नीलेश के अलावा हमारे पास है ही क्या ? जो कुछ था सब इसकी पढ़ाई लिखाई में लगा दिया, अब तो हमारा एक ही सहारा है वो नीलेश है। मन तो हुआ कि सड़क छाप दो चार गाली देकर मामा का फोन काट दूं, पर सुनना चाहता था कि ऐसे छापे जब किसी एक प्रदेश में पड़ते हैं और लगातार बेईमान अफसर पकड़े जाते हैं, उनकी प्रापर्टी जब्त होती है, तो दूसरे प्रदेशों में उसका रियेक्शन क्या होता है।
बहरहाल लोकपाल के छापों को दूसरे प्रदेशों में ऐसे भी लिया जा सकता है। ये जानकारी तो मुझे मामा की बातों को सुनकर हुई, जो चौंकाने वाली थी। इस मामले में जब मैने और मित्रों से बात की और एमपी के कुछ पत्रकारों से बात की तो उन्होंने भी मेरी बातों का समर्थन किया। उनका कहना था दूसरे प्रदेश के लोगों को लगता है कि यहां लेखपाल से लेकर आईएएस तक सब भ्रष्ट हैं और उनके पास अकूत संपत्ति है। इसलिए अगर यहां कोई अपने लड़के की शादी करता है, तो उसे उम्मीद होती है कि करोडों की जायदाद दहेज मे मिलना तय है, इसी तरह लड़कियां भी बहुत दहेज लेकर आएंगी, ये सोच भी लोगों की है। लोकपाल ने लोगों में कुछ इस तरह की उम्मीद जगा दी है। वैसे मै एक बात तो दावे के साथ कह सकता हूं, एमपी के बारे में अगर सबकी ये राय बन रही है कि यहां अफसर, इंजीनियर, डाक्टर सब बेईमान हैं तो ये बात पूरी तरह गलत है। मैं बहुत सारे लोगों को जानता हूं, जो बहुत ही ईमानदारी से काम करते हैं। एक मेरे इंजीनियर मित्र हैं, इतने शरीफ हैं कि अपनी तनख्वाह पूरी ले पाते होगे, मुझे इसमें भी शक है।
दरअसल मध्यप्रदेश की छवि पर बट्टा लगाने का काम किया आईएएस दंम्पत्ति अरविंद जोशी और टीनू जोशी ने। आयकर के छापे में लगभग 350 करोड़ की संपत्ति बरामद हुई। जोशी दंम्पत्ति नोटो के गद्दे पर सोते थे। ये देश भर के अखबारों की सुर्खियों में छाए रहे। इसी बीच उज्जैन मे एक लेखपाल पकड़ा गया, जिसके पास से चार करोड की संम्पत्ति बरामद हुई। फिर लोगों को लगने लगा कि एमपी आखिर हो क्या रहा है। इसके बाद तो लोकायुक्त ने बेईमान अफसरों, नेताओं और कर्मचारियों के यहां छापेमारी कर करोडो रूपये बरामद करने की झड़ी लगा दी। छिंदवाडा का एई राम लखन के पास से दस करोड रुपये, डा लहरी दंपत्ति के यहां से 35 करोड़ रुपये, उपमंत्री एससी पटेल के यहां 5करोड रुपये, जबलपुर में एक क्लर्क के यहां से 5 करोड रुपये, निगम के स्वास्थ अधिकारी राजेश कोठारी के यहां से चार करोड, जेल अधीक्षक पुरुषोत्तम लाल के यहां से 25 करोड़ की संपत्ति के कागजात, नकद, जेवर आदि बरामद हुए। फिर आज ही एक और स्वास्थ्य निदेशक लोकायुक्त के हत्थे चढ़ गया, उसके यहां से अब तक 100 करोड से भी ज्यादा की नकदी, प्रापर्टी, जेवर आदि बरामद किए जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि लोकायुक्त अब तक छापेमारी कर हजारों करोड रुपये बेईमान अफसरो और कर्मचारियों के यहां से बरामद कर चुके हैं। जिस अफसर के यहां लोकपाल का छापा पड़ता है, लगता ही नहीं कि ये किसी का घर है। इतनी बड़ी रकम बरामद होती है कि ये घर ना होकर किसी बैंक की शाखा लगती है। कई घरों में तो छापे के दौरान नोट गिनने वाली मशीन तक बरामद हुई। नोटों की ऐसी बरामदगी देख कर आखे टीवी पर धंसी की धंसी रह जाती हैं।
बहरहाल बेईमान अफसरों को ही नहीं कर्मचारियों को भी समझना होगा कि गलत ढंग से कमाई गई दौलत आती है तो आपको तात्कालिक खुशी भले मिलती हो, पर सच ये है कि इसकी सुरक्षा नींद उड़ा देती है। फिर दिन खराब हो तो ये पैसा तो जाता ही है, साथ आपको जेल तक पहुंचाता है और परिवार की इज्जत....सारी सारी घुसखोरों के पास इज्जत होती कहां है। चार लाइनें और सुन लीजिए...
जब से तुम घुसखोर हो गए,
कटी पतंग के डोर हो गए।
ऊंचा ओहदा पाकर के भी,
कितने तुम कमजोर हो गए।
जब से तुम घुसखोर हो गए....
वाह महेंद्रजी, सटीक व्यंग्य है। बहुत खूब...
ReplyDeletewww.rajnishonline.blogspot.com
थैक्स रजनीश जी
Deleteजब से तुम घुसखोर हो गए,
ReplyDeleteकटी पतंग के डोर हो गए।
ऊंचा ओहदा पाकर के भी,
कितने तुम कमजोर हो गए।
जब से तुम घुसखोर हो गए....
zabardast
जी नमस्ते दी
Deleteaisi kya khas baat hai M P me ....maja agya padh kar ....ekdum satik hai ji
ReplyDeleteशुक्रिया भाई
Deleteमहेंद्र जी .....ऐसे ही नई नई खबरे लाते रहिए ......आपके यहाँ की हर रिपोर्टिंग ज़बरदस्त होती हैं ...आभार
ReplyDeleteशुक्रिया अंजू
Deleteक्या कहने, सारे रिकार्ड टूट रहे हैं..
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteमहेंद्र जी,...चलिए आपके इस सटीक आलेख से,....हमारे एम० पी० के मुख्यमंत्री मामा का कुछ तो बोझ हल्का होगा,...
ReplyDeleteRECENT POST....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....
हाहाहहा शुक्रिया जी
Deleteसब एक से बढ़कर एक हैं..... ज़बरदस्त पोस्ट
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार मोनिका जी
Deleteपहले अनुच्छेद से लगा कि म प्र की प्रशंसा की जा रही है .. आगे पढने पर ही पूरी बात समझ में आयी .. बढिया व्यंग्य !!
ReplyDeleteप्रणाम संगीता दी
Deletehe bhagvan thodi si khushi mili thi ki mp ki ladki ko ik accha ladka mil jayega pr.......bahut accha lga padhkar ....bahut acchi prastuti.....
ReplyDeleteजी आपका बहुत बहुत आभार
Deleteअति सुन्दर व्यंग्य...
ReplyDeleteशुक्रिया जी
Deleteव्यंगात्मक प्रस्तुति बहुत अच्छी पोस्ट |
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया
Deleteजब से तुम घुसखोर हो गए,
ReplyDeleteकटी पतंग के डोर हो गए।
ऊंचा ओहदा पाकर के भी,
कितने तुम कमजोर हो गए।
जब से तुम घुसखोर हो गए....
सटीक और तीखा धारदार व्यंग है ... Happy Mother's Day ... आभार
जी बहुत बहुत शुक्रिया
Deleteजब से तुम घुसखोर हो गए,
ReplyDeleteकटी पतंग के डोर हो गए।
ऊंचा ओहदा पाकर के भी,
कितने तुम कमजोर हो गए।
जब से तुम घुसखोर हो गए.......क्या बात है??? तीखा धारदार व्यंगात्मक प्रस्तुति बहुत सही पोस्ट | Happy Mother's Day
आभार
Deleteघूसखोरी के कुछ चमत्कारिक पहलुओं पर नज़र डालता आलेख. एक करारा व्यंग भी आजकी सामाजिक स्थिति पर.
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया रचना जी
Deleteआभार
ReplyDeleteमामा समझदार हैं ...
ReplyDeleteयकीन मानें उनके कई मित्र यह मानते होंगे !
शुभकामनायें आपको !