मैं बात तो बापू आसाराम की ही करने आया हूं, लेकिन इस बूढ़े की करतूत से मन इतना खिन्न है कि इसके नाम के आगे बापू लिखने का बिल्कुल मन नहीं है। लिहाजा आगे बस आसाराम ही लिखूंगा। आपको पता ही होगा, हफ्ते भर पहले पुलिस के हत्थे चढ़ा 70 साल का आतंकी टुंडा ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि तीन साल पहले उसने 18 साल की लड़की से शादी की है, ये उसकी तीसरी बीबी है। शायद इसी टुंडा की कहानी आसाराम को जंच गई. और वो खुद को रोक नहीं पाया, और एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के लिए पागल हो गया। खैर इस बूढे आसाराम की तो मैं आगे खबर लूंगा ही, लेकिन सच बताऊं मैं आसाराम से ज्यादा दिल्ली और राजस्थान की पुलिस से नाराज हूं। एफआईआर दर्ज हुए तीन दिन बीत गए और अभी तक पुलिस इसे गिरफ्तार नहीं कर पाई। मेरा दावा है कि ये मामला अगर यूपी पुलिस के पास होता तो अब तक पुलिस न सिर्फ आसाराम को गिरफ्तार कर चुकी होती, बल्कि इतना लाल कर चुकी होती कि ये आसाराम कम से कम महीने भर तो बैठकर प्रवचन करने की हालत में नहीं होता। ये पुलिस वाले दो चार रूपये चोरी करने वाले बच्चों पर तो "थर्ड डिग्री" इस्तेमाल कर दरिंदगी की सारी सीमाएं तोड़ देते हैं, लेकिन जब इनके सामने किसी बड़े आदमी का नाम आता है, चाहे उसने कितना ही घिनौना काम क्यों ना किया हो, इनकी घिग्घी बंध जाती है।
स्वामी नित्यानंद, कृपालु महराज, चिन्मयानंद के बाद अब आसाराम। सभी पर महिलाओं के साथ यौन शोषण के गंभीर आरोप है। संत समाज का रवैया अगर ऐसा ही रहा तो वो दिन दूर नहीं जब संतों की विश्वसनीयता खत्म हो जाएगी। हालाकि मेरा मानना है कि अब इन संतो के प्रवचन में कोई दम नहीं रहा, वरना आज जितनी अधिक मात्रा में भागवत कथा, रामकथा के साथ देश भर में जहां तहां धार्मिक प्रवचन हो रहे हैं। उसके बाद तो देश के लोगों में कोई सुधार नहीं है। आपको पता है कि लगभग हर प्रवचन का टीवी पर प्रसारण भी होने लगा है, ऐसे में तो देश में कोई बुराई रहनी ही नहीं चाहिए थी, लेकिन मेरा मानना है कि इन प्रवचनों में का समाज पर कोई असर नहीं है, यही वजह है कि अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। अब बढ़े भी क्यों ना ! संतों का चरित्र जो सामने आ रहा है, ये सब देखकर इन भगवाधारियों से घिन्न आने लगी है। मुझे हैरानी इस बात पर भी है कि बिना जांच कि रिपोर्ट आए ही, बीजेपी नेता उमा भारती ने आसाराम को कैसे क्लीन चिट दे दिया। आसाराम के चरित्र को किस आधार पर उमा भारती साफ सुथरा बता रही हैं, जबकि आसाराम पर आज भी तरह तरह के गंभीर आरोप हैं। खैर खग ही जाने खग की भाषा।
आसाराम पर आरोप लगा कि उनके आश्रम में काला जादू होता है, इससे दो बच्चों की मौत तक हो गई, उन पर जमीन कब्जाने के कई मामले चल रहे हैं। बद्जुबानी तो आसाराम के खून मे हैं। उनकी नजर में पत्रकार कुत्ते हैं, राहुल गांधी कम बुद्धि वाला लड़का है, महाराष्ट्र में पानी की बर्बादी पर सवाल उठा तो बोले पानी किसी के बाप का नहीं है। रतलाम में कहाकि पृथ्वी पर पानी की कमी नहीं है, अगर मैं झूठ बोलूं तो तुम सब मर जाओ। तुम सब का आशय सामने बैठे भक्तों से था। सबसे घृणित आचरण तो इसने तब किया जब दिल्ली में बलात्कार के खिलाफ आंदोलन चल रहा था तो कहा कि " इतनी रात में लड़की सिनेमा देखकर आ रही थी, फिर भी अगर वो बलात्कारियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना करती और उन्हें भाई बना लेती तो ऐसा नहीं होता। ये तो यहां तक कहने से नहीं चूके कि गलती एक तरफ से नहीं होती। मतलब दामिनी की भी गलती थी। बहरहाल अब एक बच्ची ने इसी आसाराम पर इतने गंभीर आरोप लगाए हैं कि सुनकर इस आदमी से नफरत होने लगी है। ऐसा नहीं है कि दिल्ली की पुलिस किसी भी लड़की के आरोप लगाने मात्र से इतनी गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर लेगी ? ऐसा तो बिल्कुल नहीं है, बकायदा पुलिस ने लड़की का मेडिकल कराया है। रिपोर्ट में लड़की के आरोपों को सही पाया गया है, उसके बाद ही यहां एफआईआर दर्ज हुई है। फिर मामला गंभीर था, इसीलिए धारा 376 के साथ ही "पास्को" के तहत भी मामला दर्ज किया गया। मतलब ये कि अब खुद आसाराम को साबित करना है कि वो बेगुनाह हैं।
मुझे तो लगता है कि दिल्ली पुलिस लाल करना ही नहीं जानती है। वरना तो आसाराम कुछ दिन पहले यहीं दिल्ली में थे। बंद कमरे में आधे घंटे की पूछताछ में एक-एक बात बता देते। मेरा तो मानना है कि पुलिस को बहुत ज्यादा लाल करने की जरूरत भी नहीं पड़ती। सच बताऊं, दिल्ली पुलिस ने एक बहुत बड़ा अवसर खो दिया। अगर वो आसाराम के मामले में सख्त कार्रवाई करती तो दिल्ली पुलिस पर लोगों का भरोसा बढ़ जाता। लगता कि दिल्ली में कानून का राज है, यहां कोई बड़ा छोटा नहीं है। लेकिन दिल्ली पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर महज खानापूरी की, कार्रवाई के नाम पर वो पीछे हट गई। हैरानी इस बात पर हो रही है कि आसाराम के प्रवक्ता मीडिया के सामने झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं। कह दिया कि जिस दिन बलात्कार की बात की जा रही है, उस दिन ये जोधपुर में थे ही नहीं। बाद में फार्महाउस के मालिक ने खुलासा किया कि नहीं आसाराम यहीं रुके थे और लड़की भी अपने परिवार के साथ यहां थी।
बहरहाल आसाराम पर जो आरोप लगे हैं मैं तो उससे बिल्कुल हैरान नहीं हूं। मेरा तो मानना है कि एक अयोग्य आदमी को जब इतना मान सम्मान, एश्वर्य मिलता है तो वो पागल हो जाता है। ये संत समाज ऐसे ही अपराधियों की शरणस्थली बनता जा रहा है। आपको याद होगा जो नित्यानंद एक अभिनेत्री के साथ अश्लील हरकत करते हुए पकड़ा गया और उसकी सीडी तक आम जनता के बीच आ गई। उसे जेल तक जाना पड़ा। पर उस भगवाधारी को इसी संत समाज ने इलाहाबाद के कुंभ मेले के दौरान जगतगुरु की उपाधि से नवाजा। बुजुर्ग कृपालु महराज पर भी बलात्कार का गंभीर आरोप लग चुका है। स्वामी चिन्मयानंद पर भी उनकी ही शिष्य़ा चिदर्पिता ने बलात्कार का ना सिर्फ आरोप लगाया, बल्कि थाने में रिपोर्ट तक दर्ज कराई। मैं तो ऐसा आचरण करने वालों को साधु संत बिल्कुल नहीं मानता। ये अपराधी हैं और इनके साथ अपराधियों जैसा ही सलूक होना चाहिए।
स्वामी नित्यानंद, कृपालु महराज, चिन्मयानंद के बाद अब आसाराम। सभी पर महिलाओं के साथ यौन शोषण के गंभीर आरोप है। संत समाज का रवैया अगर ऐसा ही रहा तो वो दिन दूर नहीं जब संतों की विश्वसनीयता खत्म हो जाएगी। हालाकि मेरा मानना है कि अब इन संतो के प्रवचन में कोई दम नहीं रहा, वरना आज जितनी अधिक मात्रा में भागवत कथा, रामकथा के साथ देश भर में जहां तहां धार्मिक प्रवचन हो रहे हैं। उसके बाद तो देश के लोगों में कोई सुधार नहीं है। आपको पता है कि लगभग हर प्रवचन का टीवी पर प्रसारण भी होने लगा है, ऐसे में तो देश में कोई बुराई रहनी ही नहीं चाहिए थी, लेकिन मेरा मानना है कि इन प्रवचनों में का समाज पर कोई असर नहीं है, यही वजह है कि अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। अब बढ़े भी क्यों ना ! संतों का चरित्र जो सामने आ रहा है, ये सब देखकर इन भगवाधारियों से घिन्न आने लगी है। मुझे हैरानी इस बात पर भी है कि बिना जांच कि रिपोर्ट आए ही, बीजेपी नेता उमा भारती ने आसाराम को कैसे क्लीन चिट दे दिया। आसाराम के चरित्र को किस आधार पर उमा भारती साफ सुथरा बता रही हैं, जबकि आसाराम पर आज भी तरह तरह के गंभीर आरोप हैं। खैर खग ही जाने खग की भाषा।
आसाराम पर आरोप लगा कि उनके आश्रम में काला जादू होता है, इससे दो बच्चों की मौत तक हो गई, उन पर जमीन कब्जाने के कई मामले चल रहे हैं। बद्जुबानी तो आसाराम के खून मे हैं। उनकी नजर में पत्रकार कुत्ते हैं, राहुल गांधी कम बुद्धि वाला लड़का है, महाराष्ट्र में पानी की बर्बादी पर सवाल उठा तो बोले पानी किसी के बाप का नहीं है। रतलाम में कहाकि पृथ्वी पर पानी की कमी नहीं है, अगर मैं झूठ बोलूं तो तुम सब मर जाओ। तुम सब का आशय सामने बैठे भक्तों से था। सबसे घृणित आचरण तो इसने तब किया जब दिल्ली में बलात्कार के खिलाफ आंदोलन चल रहा था तो कहा कि " इतनी रात में लड़की सिनेमा देखकर आ रही थी, फिर भी अगर वो बलात्कारियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना करती और उन्हें भाई बना लेती तो ऐसा नहीं होता। ये तो यहां तक कहने से नहीं चूके कि गलती एक तरफ से नहीं होती। मतलब दामिनी की भी गलती थी। बहरहाल अब एक बच्ची ने इसी आसाराम पर इतने गंभीर आरोप लगाए हैं कि सुनकर इस आदमी से नफरत होने लगी है। ऐसा नहीं है कि दिल्ली की पुलिस किसी भी लड़की के आरोप लगाने मात्र से इतनी गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर लेगी ? ऐसा तो बिल्कुल नहीं है, बकायदा पुलिस ने लड़की का मेडिकल कराया है। रिपोर्ट में लड़की के आरोपों को सही पाया गया है, उसके बाद ही यहां एफआईआर दर्ज हुई है। फिर मामला गंभीर था, इसीलिए धारा 376 के साथ ही "पास्को" के तहत भी मामला दर्ज किया गया। मतलब ये कि अब खुद आसाराम को साबित करना है कि वो बेगुनाह हैं।
मुझे तो लगता है कि दिल्ली पुलिस लाल करना ही नहीं जानती है। वरना तो आसाराम कुछ दिन पहले यहीं दिल्ली में थे। बंद कमरे में आधे घंटे की पूछताछ में एक-एक बात बता देते। मेरा तो मानना है कि पुलिस को बहुत ज्यादा लाल करने की जरूरत भी नहीं पड़ती। सच बताऊं, दिल्ली पुलिस ने एक बहुत बड़ा अवसर खो दिया। अगर वो आसाराम के मामले में सख्त कार्रवाई करती तो दिल्ली पुलिस पर लोगों का भरोसा बढ़ जाता। लगता कि दिल्ली में कानून का राज है, यहां कोई बड़ा छोटा नहीं है। लेकिन दिल्ली पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर महज खानापूरी की, कार्रवाई के नाम पर वो पीछे हट गई। हैरानी इस बात पर हो रही है कि आसाराम के प्रवक्ता मीडिया के सामने झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं। कह दिया कि जिस दिन बलात्कार की बात की जा रही है, उस दिन ये जोधपुर में थे ही नहीं। बाद में फार्महाउस के मालिक ने खुलासा किया कि नहीं आसाराम यहीं रुके थे और लड़की भी अपने परिवार के साथ यहां थी।
बहरहाल आसाराम पर जो आरोप लगे हैं मैं तो उससे बिल्कुल हैरान नहीं हूं। मेरा तो मानना है कि एक अयोग्य आदमी को जब इतना मान सम्मान, एश्वर्य मिलता है तो वो पागल हो जाता है। ये संत समाज ऐसे ही अपराधियों की शरणस्थली बनता जा रहा है। आपको याद होगा जो नित्यानंद एक अभिनेत्री के साथ अश्लील हरकत करते हुए पकड़ा गया और उसकी सीडी तक आम जनता के बीच आ गई। उसे जेल तक जाना पड़ा। पर उस भगवाधारी को इसी संत समाज ने इलाहाबाद के कुंभ मेले के दौरान जगतगुरु की उपाधि से नवाजा। बुजुर्ग कृपालु महराज पर भी बलात्कार का गंभीर आरोप लग चुका है। स्वामी चिन्मयानंद पर भी उनकी ही शिष्य़ा चिदर्पिता ने बलात्कार का ना सिर्फ आरोप लगाया, बल्कि थाने में रिपोर्ट तक दर्ज कराई। मैं तो ऐसा आचरण करने वालों को साधु संत बिल्कुल नहीं मानता। ये अपराधी हैं और इनके साथ अपराधियों जैसा ही सलूक होना चाहिए।
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - शुक्रवार, 23/08/2013 को
ReplyDeleteजनभाषा हिंदी बने.- हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः4 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर .... Darshan jangra
धन्यवाद भाई
Deleteगुस्ताखी माफ़, पर यह आरोप एक शिगूफा है. रूपया गिरने, प्याज, फ़ाइल गायब होने वगैरह की वजह से जो अन्दर ही अन्दर जनाक्रोश बढ़ रहा है उसे पालतू मीडिया भी मैनेज नही कर पा रही है. ऊपर से दाभोलकर की रहस्यमय हत्या फिर मौके का लाभ उठा कर बिना बहस ऐसा कानून पास कराया जाना जो केवल हिन्दुओं को टारगेट करता है, यानि दाल काली है. इसीलिए यह शिगूफा छोड़ा गया है, जिससे फ़िलहाल लोगों का ध्यान कुछ बाँट जाए. कांग्रेस ऐसी ट्रिक्स में उस्ताद है. आप पत्रकार होकर भी इसके प्रभाव में आ गए.
ReplyDeleteआसाराम किन्ही कारणों से पिछले कुछ वर्षों से मिशनरियों की आँखों की किरकिरी बने हुए हैं. वर्ना अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक में कोई भी आरोप साबित नहीं हो सका है. (इन्नोसेंट अनटिल प्रूवन गिल्टी).
मार्च में उन्होंने महाराष्ट्र में केवल दो टैंकर पलाश और औषधि युक्त जल अपनी सभा में भक्तों पर स्प्रे किया था. मीडिया नाहा धोकर पीछे पड़ गई. जानबूझ कर झूठ लिखा दिखाया गया की सूखाग्रस्त इलाके में दो लाख लीटर पानी से आसाराम ने होली खेली. दो टैंकर बनाम दो लाख लीटर!!!
हो सकता है, पर मैं आपकी बातों से सहमत नहीं हूं।
Deleteab samay aa gaya hai ki in dhandhe bazon ke liye koi guide line banayee jani chahiye ...ye dharm ke nam par dhandha aur dhandhe ki aad me anaitik achran karne lage hai ...
ReplyDeleteधर्म के नाम पर ढोंग
Deleteसही बात
ढोंगियों ने संत नाम को कलंकित कर दिया.
ReplyDeleteइनकी असलियत कब सामने आएगी ईश्वर जाने.
बिल्कुल सहमत हूं
Deleteकुछ और अन्य लोगों पर भी ऐसे आरोप लगे, लेकिन मीडिया पी गया. दोषी पर जरूर कार्रवाई होना चाहिये, लेकिन यदि कोई साजिश है तो उसका पर्दाफाश भी.
ReplyDeleteसहमत हूं
Deleteइनकी बेगुनाही का आलम ये है कि
ReplyDeleteगुनाह खुद ही कुबूलने से मुकर जाता है ..
सही कहा आपने..
Deleteदिल्ली पुलिस ये अच्छे से जानती है कि "किसकी लाल करनी है"
ReplyDeleteनहीं सर ! जानती होती तो अब तक कर चुकी होती..
Deleteजुर्म ..जुर्म है ...और इस जुर्म में तो उम्र जितनी बड़ी हो सज़ा भी उतनी बड़ी होनी चाहिए ..और जल्द हो .ये घिनोना रूप देखने,सुनने में जितना दूर रहें ..उतना राष्ट्र हित में है .....
ReplyDeleteशुभकामनायें!
बिल्कुल सहमत हूं आपसे
Deleteजब संतो के ये हाल है तो आम आदमियों का क्या..?
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा आपने..
Deleteनहीं , ये हाल संतों का नहीं है. सम्मान पाने के लिए वो भी नेता बन जाते हैं जिनके मन में जनता का शोषण करने की योजना होती है. ऐसे ही अधर्मी लोग भी धर्म का चोला ओढ़ लेते हैं लेकिन वे अपने (कु)कर्मों से पहचान लिए जाते हैं.
Deleteसम्मान पाने के लिए वो भी नेता बन जाते हैं जिनके मन में जनता का शोषण करने की योजना होती है. ऐसे ही अधर्मी लोग भी धर्म का चोल ओढ़ लेते हैं लेकिन वे अपने (कु)कर्मों से पहचान लिए जाते हैं.
ReplyDeleteकिसी कुकर्मी को अपना गुरु वे अज्ञानी बनाते हैं जिन्हें खुद अपने चरित्र में कोई अपेक्षित बदलाव करना मंज़ूर नहीं होता. ऐसे लोग लड़की की मेडिकल रिपोर्ट के बाद भी ऐसे मुजरिमों को निर्दोष बताते हैं.
ऐसे छोटे छोटे बाबा हरेक शहर में हैं.
इनके पास पैसा और रसूख भी है. उनके ये गुण उन्हें सज़ा से बचा ले जाते हैं.
काफी हद तक मै आपकी बातों से सहमत हूं।
Deleteशुक्रिया
आज के वक्त में एक भी ''बाबा'' नुमा ब्यक्ति क्या एक पुरुष एक व्यक्ति कहलाने के लायक है ???
ReplyDeleteबाबा और साधु ना से ही अब नफ़रत सी हो गई है ....सब के सब ढोंगी है ....एक साथ ..गाली देने का मन करता है
सही कहा आपने ..
Deleteआपसे पूर्णतः सहमत महेन्द्र जी...उत्तम प्रस्तुति के लिये शुक्रिया।।।
ReplyDeleteशुक्रिया भाई अंकुर जी
DeleteSrivastav jee mafi chahoonga , aap is report ko kis nazariya se dekhenge.
ReplyDeletehttp://www.bhaskar.com/article/MAT-RAJ-KOT-c-12-562693-NOR.html?PRVNX
भाई आपके लिए खुश होने के लिए अच्छा है।
Deleteलेकिन माफ कीजिएगा, उस नाबालिक बेटी की जगह
परिवार के किसी सदस्य को रख कर सोचिएगा।
ये बहुत दरिंदा आदमी है, बहुत केस हैं, इस पर
इसका बचाव करना, इसके आगे दाना डालने जैसा है।
और दोस्त, बात जो भी कहें, खुद कहिए,
Deleteदूसरों के कंधो पर बंदूक मत रखिए।
श्री श्रीवास्तव जी ,
ReplyDeleteसाधू अब त्यागी नही भोगी हों चुके हैं ,आपने बहुत सटीक लिखा हैं |
बिल्कुल सहमत हूं आपसे
Deleteआभार
धर्म पर से आस्था समाप्त करने में ऐसे नराधमों को ही योगदान है .......
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा आपने
Deleteसहमत
बहुत बढ़िया.वाह -वाह बहुत अच्छी रचना .सादर नमन
ReplyDeleteसाईं इस संसार में ऐसे मिले फ़क़ीर !
ReplyDeleteअन्दर से लादेन हैं बाहर से कबीर !!