रावलपिंडी एक्सप्रेस बोले तो पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शुएब अख्तर को हो क्या गया है। मुझे पता है कि अगर आपको अपनी किताब बेचनी है तो उसमें कुछ कंटोवर्सी पैदा करनी ही होगी। यहां कोई धार्मिक ग्रंथ तो लिखा नहीं जा रहा है कि जो सामने है, वो ही अंतिम सच है। सच्चाई ये है कि जो सामने दिखाई देता है वो सिर्फ आधा सच है। शुएब की किताब है "कांटोवर्सियिली योअर्स" । किताब को भारत में लोकप्रिय बनाना है तो जाहिर है अपने समय के क्रिकेटर पर थोडा हमला बोलना ही होगा। इसलिए शुएब ने लिखा कि सचिन तेंदुलकर उसकी तेज रफ्तार वाली गेंद से डरते थे।
पांच दिन से शुएब दिल्ली में हैं और अपनी इसी विवादित किताब को देश के हर बडे शहर से लांच करना चाहते हैं। उन्हें लग रहा था कि सचिन पर हमला करके वो शोहरत हासिल करेंगे और उनकी किताब को लोग हाथो हाथ लेगें। लेकिन उनका ये दांव उल्टा पड़ गया। मुंबई में जमकर विरोध हुआ और वहां बुक लांच करने का कार्यक्रम रद्द करना पडा़। बंगलौर में भी किताब को लांच नहीं किया जा सका।
अब शोएब बौखलाए हुए हैं। इतना ही नहीं अपना आपा भी खो चुके हैं, या यूं कहें कि पूरी तरह नंगई पर उतारू हैं तो गलत नहीं होगा। आईबीएन 7 चैनल के मैनेजिंग एडीटर आशुतोष के साथ खास बातचीत में उन्होंने जो कुछ कहा वो हैरान करने वाला है। चलिए आप तेज गेंदबाज रहे हैं, आप ये कहते कि सचिन मेरी गेंदबाजी से डरते थे, तो एक बार मान लिया जाता। हालाकि ये कहना कि वो डरते थे, ये गलत है, हम भी सचिन को देख रहे हैं। मैं ये कह सकता हूं कि सचिन शुएब और ब्रैटली की गेंद पर खुद को कुछ असहज महसूस जरूर करते थे। लेकिन अगले सवाल का उन्होंने जो जवाब दिया, उससे लगा कि शुएब की विश्वकप के दौरान जिस तरह से सचिन ने धुनाई की थी, इसलिए अब वो उनके खिलाफ जहर उगल रहे हैं।
शुएब से पूछा गया कि आज दुनिया के पांच बल्लेबाजों में वो सचिन को किस नंबर पर रखते हैं, शुएब का कहना है कि सचिन दुनिया के पांच खिलाडियों में शामिल ही नहीं हैं। तब लगता है कि आप सिर्फ किताब को विवादित नहीं बना रहे हैं, बल्कि व्यक्तिगत खुंदस भी निकाल रहे हैं। मेरा मानना है सचिन तेंदुलकर, रिकी पोटिंग और सनथ जयसूर्या का कोई जवाब नहीं है। सभी अपनी बल्लेबाजी से खेल प्रेमियों को अपना जौहर दिखा चुके हैं।
शुएब यहीं नहीं रुके उन्होंने सचिन के साथ ही राहुल द्रविण को भी निशाने पर लिया और कहा कि ये दोनों बल्लेबाज कभी भारत के लिए मैच जिताऊ नहीं रहे हैं। खैर ये प्रमाण पत्र भारत के खेल प्रेमियों को शुएब से नहीं लेना है। आज देश के लोग सचिन को भगवान कहते हैं, तो इसलिए नहीं कि वो एक अच्छे खिलाड़ी हैं, इसलिए भी कि वो एक अच्छे इंसान भी हैं। सिर्फ बेहतर खिलाडी होने से आपको लोग भगवान का दर्जा नहीं दे सकते, इंसानियत होने पर ही ये दर्जा मिल सकता है, जो सचिन में है। अब शुएब ने पूर्व तेज गेंदबाज कपिल देव को भी निशाने पर लिया और कहा कि वो क्या गेंद फैंकते हैं। बेटा शुएब कपिल वो शख्स हैं जिन्होंने टीम के बल पर नहीं अपने बूते पर भारत के लिए विश्वकप जीता। भारत ने विश्वकप जीता तो एशियाई देशों को लगा कि ये काम हम भी कर सकते हैं। उसके बाद ही पाकिस्तान और श्रीलंका का विश्वकप जीतने का ख्वाब पूरा हो सका।
खैर शुएब तुम भारतीय खिला़डियों को क्या सम्मान दोगे, जब अपने ही देश के महान कोच इंतखाब आलम को बुरा भला कह रहे हो, तो तुम्हारी सभी बातों का जवाब देने का कोई मतलब नहीं है। शुएब का कहना है कि इंतखाब आलम तब से कोच हैं जब वो पढ रहे थे और जब खेलने को मैदान पर उतरे तो भी वही कोच हैं। भाई अगर ऐसा है तो इसमें बुराई क्या है, ये तो उनकी काबिलियत है। शुएब का कहना है कि सचिन के लिए जो कुछ उन्होंने कहा है, उस पर वो कायम हैं और किसी से माफी मांगने का सवाल ही नहीं पैदा होता। तब हम कहते हैं कि सचिन या द्रविण तुम्हारी गेंदबाजी से भले ना डरते हों, पर तुम्हारी नंगई से जरूर डरते हैं। दोस्त नंगई से ये दोनों खिलाडी ही क्या दुनिया डरती है।
बहरहाल एक बात जरूर कहना चाहता हूं कि अगर तुम किसी की तारीफ नहीं कर सकते, तो एक बार अपने को देखो, जरूर तुम्हारे भीतर कुछ खामियां होगी। तुम्हारा व्यक्तिगत जीवन कैसा रहा है, सिर्फ वही दुरुस्त कर लो तो भारत के किसी भी खिलाडी के आंख में आंख डालकर बात करने के काबिल हो सकते हो।
पांच दिन से शुएब दिल्ली में हैं और अपनी इसी विवादित किताब को देश के हर बडे शहर से लांच करना चाहते हैं। उन्हें लग रहा था कि सचिन पर हमला करके वो शोहरत हासिल करेंगे और उनकी किताब को लोग हाथो हाथ लेगें। लेकिन उनका ये दांव उल्टा पड़ गया। मुंबई में जमकर विरोध हुआ और वहां बुक लांच करने का कार्यक्रम रद्द करना पडा़। बंगलौर में भी किताब को लांच नहीं किया जा सका।
अब शोएब बौखलाए हुए हैं। इतना ही नहीं अपना आपा भी खो चुके हैं, या यूं कहें कि पूरी तरह नंगई पर उतारू हैं तो गलत नहीं होगा। आईबीएन 7 चैनल के मैनेजिंग एडीटर आशुतोष के साथ खास बातचीत में उन्होंने जो कुछ कहा वो हैरान करने वाला है। चलिए आप तेज गेंदबाज रहे हैं, आप ये कहते कि सचिन मेरी गेंदबाजी से डरते थे, तो एक बार मान लिया जाता। हालाकि ये कहना कि वो डरते थे, ये गलत है, हम भी सचिन को देख रहे हैं। मैं ये कह सकता हूं कि सचिन शुएब और ब्रैटली की गेंद पर खुद को कुछ असहज महसूस जरूर करते थे। लेकिन अगले सवाल का उन्होंने जो जवाब दिया, उससे लगा कि शुएब की विश्वकप के दौरान जिस तरह से सचिन ने धुनाई की थी, इसलिए अब वो उनके खिलाफ जहर उगल रहे हैं।
शुएब से पूछा गया कि आज दुनिया के पांच बल्लेबाजों में वो सचिन को किस नंबर पर रखते हैं, शुएब का कहना है कि सचिन दुनिया के पांच खिलाडियों में शामिल ही नहीं हैं। तब लगता है कि आप सिर्फ किताब को विवादित नहीं बना रहे हैं, बल्कि व्यक्तिगत खुंदस भी निकाल रहे हैं। मेरा मानना है सचिन तेंदुलकर, रिकी पोटिंग और सनथ जयसूर्या का कोई जवाब नहीं है। सभी अपनी बल्लेबाजी से खेल प्रेमियों को अपना जौहर दिखा चुके हैं।
शुएब यहीं नहीं रुके उन्होंने सचिन के साथ ही राहुल द्रविण को भी निशाने पर लिया और कहा कि ये दोनों बल्लेबाज कभी भारत के लिए मैच जिताऊ नहीं रहे हैं। खैर ये प्रमाण पत्र भारत के खेल प्रेमियों को शुएब से नहीं लेना है। आज देश के लोग सचिन को भगवान कहते हैं, तो इसलिए नहीं कि वो एक अच्छे खिलाड़ी हैं, इसलिए भी कि वो एक अच्छे इंसान भी हैं। सिर्फ बेहतर खिलाडी होने से आपको लोग भगवान का दर्जा नहीं दे सकते, इंसानियत होने पर ही ये दर्जा मिल सकता है, जो सचिन में है। अब शुएब ने पूर्व तेज गेंदबाज कपिल देव को भी निशाने पर लिया और कहा कि वो क्या गेंद फैंकते हैं। बेटा शुएब कपिल वो शख्स हैं जिन्होंने टीम के बल पर नहीं अपने बूते पर भारत के लिए विश्वकप जीता। भारत ने विश्वकप जीता तो एशियाई देशों को लगा कि ये काम हम भी कर सकते हैं। उसके बाद ही पाकिस्तान और श्रीलंका का विश्वकप जीतने का ख्वाब पूरा हो सका।
खैर शुएब तुम भारतीय खिला़डियों को क्या सम्मान दोगे, जब अपने ही देश के महान कोच इंतखाब आलम को बुरा भला कह रहे हो, तो तुम्हारी सभी बातों का जवाब देने का कोई मतलब नहीं है। शुएब का कहना है कि इंतखाब आलम तब से कोच हैं जब वो पढ रहे थे और जब खेलने को मैदान पर उतरे तो भी वही कोच हैं। भाई अगर ऐसा है तो इसमें बुराई क्या है, ये तो उनकी काबिलियत है। शुएब का कहना है कि सचिन के लिए जो कुछ उन्होंने कहा है, उस पर वो कायम हैं और किसी से माफी मांगने का सवाल ही नहीं पैदा होता। तब हम कहते हैं कि सचिन या द्रविण तुम्हारी गेंदबाजी से भले ना डरते हों, पर तुम्हारी नंगई से जरूर डरते हैं। दोस्त नंगई से ये दोनों खिलाडी ही क्या दुनिया डरती है।
बहरहाल एक बात जरूर कहना चाहता हूं कि अगर तुम किसी की तारीफ नहीं कर सकते, तो एक बार अपने को देखो, जरूर तुम्हारे भीतर कुछ खामियां होगी। तुम्हारा व्यक्तिगत जीवन कैसा रहा है, सिर्फ वही दुरुस्त कर लो तो भारत के किसी भी खिलाडी के आंख में आंख डालकर बात करने के काबिल हो सकते हो।
हम भी डर गये।
ReplyDeleteउसका नोटिस ही क्यों लिया जाय? कपडे पहनाएंगे तो भी वो नंगा हो जाएगा :)
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteएक और सच के साथ आप फिर से सबके सामने है .....महेंद्र जी ...ऐसे ही सच से सबको अवगत करवाते रहे ....अच्छा लगता है ...आपके लेख सच में कमाल के होते है .....आभार
ReplyDeleteशोएब अख्तर की ये सब बयानबाजी असल में अपनी किताब को बेचने की जुगत है...
ReplyDeleteसच के रेशे रेशे निकाल देते हैं आप ....
ReplyDeleteआपके विश्लेषण का जवाब नहीं !
ReplyDeleteसार्थक लेख ......
♥
ReplyDeleteबेशर्म के मुंह कौन लगे ? :)
ब्लॉग पर पठनीय सामग्री के लिए आभार !
आपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत ख़ूबसूरत ! शानदार प्रस्तुती!
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को नवरात्रि पर्व की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteयही होता है किसी बेभाव के आदमी को भाव देने पर....
ReplyDeleteपाकिस्तान में बेचारे (शोएब अख्तर ) की जमकर भद पिटी...टीम से बाहर हुआ...ड्रग लेने का आरोप लगा |
भारत में लोगों ने इज्ज़त दी , सेलेब्रेटी बनाया....भगाया नहीं | बस यही गड़बड़ हो गयी | आस्तीन का सांप
किसे डंसता है भाई ? सिरफिरे ने हिमालय की ऊंचाई ही कम करने की ठान ली ....भगवान् ही भला करें |
अरे, इसे भगाओ ...पकिस्तान या अमेरिका में जाकर अपनी किताब बेंचे...किसी तरह पेट तो पालना ही है ?
यही होता है किसी बेभाव के आदमी को भाव देने पर....
ReplyDeleteपाकिस्तान में बेचारे (शोएब अख्तर ) की जमकर भद पिटी...टीम से बाहर हुआ...ड्रग लेने का आरोप लगा |
भारत में लोगों ने इज्ज़त दी , सेलेब्रेटी बनाया....भगाया नहीं | बस यही गड़बड़ हो गयी | आस्तीन का सांप
किसे डंसता है भाई ? सिरफिरे ने हिमालय की ऊंचाई ही कम करने की ठान ली ....भगवान् ही भला करें |
अरे, इसे भगाओ ...पकिस्तान या अमेरिका में जाकर अपनी किताब बेंचे...किसी तरह पेट तो पालना ही है ?
आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
ReplyDeleteकृपया पधारें
चर्चा मंच-652 , चर्चाकार-दिलबाग विर्क
बहुत खूब।
ReplyDeleteअच्छा लिखा है। सच लिखा है।
Beautifully written .
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