Sunday, 24 March 2013

चर्चामंच, वटवृक्ष, ब्लाग4वार्ता पर चली कैंची !


सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत सरकार ने इस पर नकेल कसनी शुरू कर दी है, अगर सरकार की चली तो ब्लाग पर होने वाली अनियमितता तो खत्म होगी ही, साथ ही ब्लागर्स को उनका हक भी ईमानदारी से मिल सकेगा। फिलहाल सरकार ने इसकी शुरुआत चर्चामंच से की है। मंच के कर्ताधर्ता डा. रुपचंद्र शास्त्री पर तमाम गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें मंच के संरक्षक, संस्थापक पद से हटाने के साथ ही साफ कर दिया है कि अब 30 दिन तक उनकी कोई तस्वीर मंच पर नहीं प्रकाशित होगी। इसके अलावा उनकी कविता, कहानी को सप्ताह में सिर्फ एक बार ही मंच पर जगह दी जा सकती है। सरकार की टेढ़ी नजर वटवृक्ष में अहम भूमिका निभा रहीं रश्मि प्रभा पर भी है। पता चला है कि वटवृक्ष पर कविताओं के प्रकाशन में भेदभाव किया गया है, इसलिए जितने भी लोगों की रचनाएं यहां प्रकाशित हुई है, सभी पर आर्थिक दंड लगाया गया है। इसके लिए वटवृक्ष के प्रबंधकों और संपादक को महीने भर का समय दिया गया है। कहा गया है कि दंड की वसूली कर इस पैसे से ब्लागरों को लैपटाप बांटे, और इसकी जानकारी सूचना प्रसारण मंत्रालय को भी दें। सरकार के निशाने पर ब्लाग 4 वार्ता भी है, आदेश में कहा गया है कि वार्ता के रखरखाव को और दुरुस्त करने के साथ ही इसके प्रमोटर ललित शर्मा 15 दिन के भीतर अपनी मूंछे पतली करें और नई तस्वीर मंत्रालय को भेजने के साथ ही ब्लाग पर भी पोस्ट करें । और हां ये तो बताना ही भूल गया है कि पिछले साल बांटे गए "ब्लाग सम्मान" को भी सरकार ने खारिज कर दिया है और समारोह के मुख्य आयोजक रवीन्द्र प्रभात से कहा गया है कि वो सभी ब्लागर से सप्ताह भर के भीतर सम्मान पत्र वापस लेकर उस पर लिखे नाम को मिटाकर  खाली सम्मान पत्र मंत्रालय में जमा करें। जो लोग इस आयोजन में बाहर से आए थे, उन्हें आने-जाने का किराया भी प्रभात को देना होगा।


दरअसल पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में सोशल मीडिया का प्रभाव बढ़ रहा है। इस लिए दुनिया भर में सोशल मीडिया पर नकेल कसने की साजिश की जा रही है। देश में भी सरकार के तमाम नेताओं के बारे में टिप्पणी और कार्टून से सरकार की छवि पर धब्बा लगा है। इसी से नाराज सरकार ने महीने भर का खास अभियान चलाकर ब्लाग पर लगाई जा रही पोस्ट की गहन समीक्षा की है। समीक्षा में सबसे पहले उन ब्लाग्स को निशाने पर लिया गया है जिनके फालोवर की संख्या चार सौ से ज्यादा है। इस समीक्षा में कई बातों का ध्यान रखा गया है। मसलन तमाम महिला ब्लागरों के ब्लाग्स को देखा गया है, जिन पर कमेंट की संख्या बहुत ज्यादा हैं, जबकि उनके लेखन में कोई खास वजन नहीं है। छानबीन हुई तो पता चला कि इन महिलाओं ने अपने लेख, कविता, कहानी में उतना ध्यान नहीं है, जितना ध्यान अपनी तस्वीर को खूबसूरत बनाने में दिया है। इन महिलाओं को आदेश दिया गया है कि वो 10 दिन के भीतर अपने ब्लाग पर वो तस्वीर लगाएं जो तस्वीर उनके मतदाता पहचान पत्र में है। सरकार का मानना है कि महिलाएं अगर अपने लेख से फालोअर की संख्या बढाती हैं तो कोई हर्ज नहीं है, लेकिन तस्वीरों के जरिए उन्हें ऐसा नहीं करने दिया जा सकता। इससे अच्छे लेखकों में गलत संदेश जाता है और जो पुरुष सही तरह से हिंदी और साहित्य की सेवा कर रहे हैं, वो हतोत्साहित भी होते हैं। इस गलत प्रैक्टिस पर जरूर रोक लगेगी और महिलाओं को 10 दिन में मतदाता पहचान पत्र वाली तस्वीर को ब्लाग पर लगाना ही होगा।


सरकार के इस आदेश के बाद महिला ब्लागर्स में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। इस आदेश के बाद तमाम महिलाओं ने अपने  ब्लाग को ही ब्लाक कर दिया है। उनका कहना है कि सरकार की ऐसी कार्रवाई महिला अधिकारों का हनन है। तस्वीरों को बदलने का ये मुद्दा दिल्ली में गरमाता जा रहा है, पता चला है कि कुछ महिला ब्लागरों ने सुश्री मायावती से मुलाकात की और कहाकि वो इस मामले को संसद मे उठाएं और ब्लाग पर महिलाएं कौन सी तस्वीर लगाएं, ये अधिकार महिलाओं के पास ही रहना चाहिए। हालाकि पता चला है कि मायावती ने महिलाओं को वापस भेज दिया और कहाकि वो सरकार के फैसले के साथ हैं। नाराज महिलाएं अब इस मसले को महिला आयोग में ले जाने की तैयारी कर रही हैं। सूत्र बताते हैं कि सरकार ने ये कार्रवाई कुछ पुरुष ब्लागर्स की शिकायत पर की है। पुरूषों की शिकायत थी कि वो इतने दिनों से लिख रहे हैं लेकिन उनके फालोअर की संख्या नहीं बढ़ रही है, जबकि महिलाएं कमेंट और फालोअर की संख्या दोनों में बाजी मार ले जा रही हैं। शिकायत तो ये भी की गई है कि कई महिलाओं ने स्कूल कालेज के समय की तस्वीर ब्लाग पर लगा रखीं है। इन्हीं शिकायतों के आधार पर मंत्रालय ने ये सख्त कार्रवाई की है। मंत्रालय इस पर भी विचार कर रहा है कि महिलाओं की तस्वीर में "ड्रेसकोड" बना दिया जाए, यानि ब्लाग पर  रंगबिरंगे कपड़ों के बजाए नीली साड़ी वाली तस्वीर ही डाली जा सकेगी। वैसे अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। सरकार का एक और फैसला महिलाओं के गले नहीं उतर रहा है। जिसमें कहा गया है कि अब महिलाओं को अपने नाम के साथ ही अपना स्टे्टस भी साफ-साफ लिखना जरूरी होगा। उदाहरण के लिए अब प्रोफाइल पर नाम ऐसे लिखा जाएगा। मीरा कुमारी ( शादीशुदा, दो बच्चे ) । महिलाएं इस फैसले से तो बहुत ज्यादा ही नाराज हैं, उनका मानना है कि ये उनका निजी मामला है, इसे सार्वजनिक करने की बाध्यता नहीं होनी चाहिए।


एक और बड़े फैसले से महिलाएं खफा हैं। महिला ब्लागरों के किताब लिखने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इसकी वजह घरेलू हिंसा बताई गई है। सरकार की जानकारी में कुछ  पीड़ित पतियों के जरिए एक बात सामने लाई गई है। जिसमें महंगाई का हवाला देते हुए कहा गया है कि पतियों की इतनी कमाई नहीं है कि वो अपनी पत्नी की तीन चार कविताएं किसी पुस्तक में छपवाने के एवज में दो से तीन हजार रुपये चंदे में दे सकें। इसे लेकर घर में झगड़े शुरू हो गए हैं। इस मामले में कुछ प्रकाशकों का नाम सामने आया है, जो बेचारी सीधी साधी महिलाओं को बहला फुसलाकर संपादक बनाने के लिए अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। महिलाओं को समझाया जाता है कि संपादक के नाम की जगह आपका नाम प्रकाशित होगा, आपको महज अपनी 25-30 सहेलियों से तीन तीन हजार रुपये और उनकी कुछ कविताओं का जुगाड़ करना होगा। बस महिलाएं इसी बहकावे में आ जाती हैं और घर में झगड़े शुरू हो जाते हैं। वैसे भी जो किताबें छापी जा रही हैं, उसे कोई पूछ नहीं रहा है। ऐसे में अब तय हुआ है कि आगे से  वही किताबें प्रकाशित हो सकेंगी, जिसके लिए लेखक पहले खरीददारों की सूची सरकार को सौंपेगे। सभी खरीददारों से एक प्रमाणपत्र भी लेना होगा कि वो अपनी मर्जी से ये किताब खरीद रहे हैं, उनके किताब खरीदने से उनके घर के बजट पर कोई प्रभाव नहीं पडेगा। इस प्रमाणपत्र में पूरे परिवार का हस्ताक्षर जरूरी होगा।


सरकार ने अगर अपने रुख को नरम नहीं किया तो सबसे मुश्किल "चर्चा मंच"  और उसके संस्थापक डा. रुपचंद्र शास्त्री को होने वाली है। दरअसल एक हजार से भी ज्यादा फालोवर देख सरकार की नींद उड़ गई । सरकार को लग रहा है कि अगर मंच पर कब्जा जमा लिया जाए तो सोशल मीडिया को आसानी से कब्जे में किया जा सकता है। मंच की छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि हजार फालोवर में कई तो ऐसे हैं जो ब्लागिंग छोड़कर अब दूसरे काम में लग गए हैं। कई साल से उनके ब्लाग पर कुछ लिखा ही नहीं गया है। माफ कीजिएगा पर जांच में ये भी निकल कर आया है कि कुछ ब्लागर तो अब दुनिया में भी नहीं रहे। लेकिन मंच पर सभी फालोवर के तौर पर बरकरार हैं। सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। इसीलिए मंच के कामकाज पर उंगली उठाते हुए कहाकि आज इलेक्ट्रानिक मीडिया में जो हाल दूरदर्शन का हो गया है, कुछ वैसा ही ब्लाग की दुनिया में चर्चामंच का होता जा रहा है। मंच पर कहने को तो एक हजार फालोवर है, लेकिन कमेंट 20-25 पर सिमट जाते हैं। इस बारे में सरकार के सर्वे के नतीजे चौंकाने वाले हैं। कहा गया है कि बेचारे चर्चाकारों को किसी तरह की सुविधा नहीं दी जा रही है, इससे मंच की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।

अब फैसला लिया गया है कि जितने चर्चाकार है, सभी को दिल्ली में तीन-तीन कमरों का सरकारी आवाज आवंटित किया जाएगा, इसके अलावा उन्हें एक मोटर भी दी जाएगी, जिससे उन्हें कहीं भी आने जाने में दिक्कत ना हो। पांच करोड की लागत से मंच का एक कार्यालय भी दिल्ली में बनाया जाएगा, जिसमें दफ्तर के साथ ही गेस्ट हाउस की भी सुविधा होगी। बाहर से आने वाले ब्लागर यहां बिना पैसे दिए रुक सकेंगे। चर्चाकारों को दिल्ली में आवास की सुविधा मिलने से अब मंच से जुड़ने के लिए लोगों की दौड़ शुरू हो गई है। मंत्रालय में चर्चाकारों की ढेर सारी शिकायतें मिल रही हैं। ज्यादातर शिकायतों में चर्चाकारों की समझ पर ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं, कहा जा रहा है कि उनकी समझ काफी कम है, अब मंत्रालय की मुश्किल ये है कि यहां समझ नापने का कोई पैमाना तो है नहीं। ऐसे में लगता नहीं कि किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई हो सकेगी। बहरहाल चर्चामंच पर लिंक लगाने के लिए एक "माडल कोड आफ कंडक्ट" बनाया जा रहा है. जिसमें चर्चाकारों को आरक्षित वर्ग का खास ध्यान रखना होगा। मसलन हर चर्चा में ध्यान दिया जाएगा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सीनयर सिटिजन, महिलाएं, खिलाड़ी सभी का जो कोटा है वो जरूर पूरा किया जाए। मकसद ये है कि मंच पर सभी का प्रतिनिधित्व हो सके, जबकि अभी तक चर्चाकार आरक्षित वर्ग की अनदेखी कर रहे थे। अब अनदेखी पर उन्हें सजा भी हो सकती है। बहरहाल पता चला है कि चर्चाकारों ने दिल्ली में मकान लेने के लिए आवेदन मंत्रालय में जमा कर दिए हैं।


एग्रीगेटर्स पर सरकार की खास नजर है। दो नामचीन एग्रीगेटर्स ब्लाग बुलेटिन और ब्लाग 4 वार्ता की भी समीक्षा की जा रही है। हालाकि अभी इनकी समीक्षा पूरी तरह नहीं की जा सकी है, लेकिन फौरी तौर पर वार्ता के प्रमोटर ललित शर्मा को स्पीड़ पोस्ट से एक पत्र भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि पत्र मिलते ही वो अपनी मूंछे पतली कराएं। नई तस्वीर पहले मंत्रालय को भेजें, उसे यहां एक टीम के सामने रखा जाएगा, अगर वो तस्वीर पास हो गई, तभी वो उसे ब्लाग पर लगा सकेंगे। वैसे तो बुलेटिन को अभी ज्यादा ठीक से देखा नहीं गया है, लेकिन मंत्रालय ने कहा है कि "ऊंचे लोग ऊंची पसंद" से बचें और ब्लागर्स के साथ हैलो-हाय सही रखें। बुलेटिन में एक ऐसी तस्वीर लगाने की बात भी हो रही है, जिसमें बुलेटिन के सभी रिपोर्टर एक साथ हों और सबके हाथ जुड़े होने चाहिए। अगर महीने भर में ऐसा नहीं हुआ तो माना जाएगा कि ये लोग अपने बर्ताव मे बदलाव लाने के तैयार नहीं हैं। सरकार के नए प्रावधान से सबसे बड़ा झटका ब्लागर्स को लगा है, अब ब्लागरों को रोजाना कम से कम सौ ब्लागों पर कमेंट करना जरूरी कर दिया गया है, ऐसा ना करने पर उनके ब्लाग पर आने वाले कमेंट स्पैम में चले  जाएंगे, जिन्हें पब्लिश ही नहीं किया जा सकेगा।


एक बड़े फैसले के तहत पिछले साल बाटे गए ब्लाग सम्मान को भी खारिज कर दिया गया है। ये फैसला भी बड़ी संख्या में मिली शिकायतों पर लिया गया है। सम्मान को महज खारिज ही नहीं किया गया है, बल्कि रवींद्र प्रभात से कहा गया है कि उनके द्वारा जिन्हें भी सम्मान पत्र दिया गया है, उनके यहां किसी को भेजकर ये प्रमाण पत्र वापस मगाएं। इतना ही नहीं वापस आए सम्मान पत्र पर लिखे नाम को प्रभात खुद मिटाएंगे और सभी सम्मान पत्र दिल्ली में जमां करें। जिससे इसका दुरुपयोग ना हो सके। कई ब्लागरों का कहना था कि वो इस आयोजन में शामिल होने के लिए वहां गए थे, जिसमें उनका काफी पैसा खर्च हुआ है। ऐसे में अगर ब्लागर जरूरी बिल प्रभात के पास जमा करते हैं तो उन्हें इसका भुगतान करना होगा।


नए प्रावधान के तहत अब "प्रेम" पर कविताएं नहीं लिखी जा सकेंगी। समीक्षा में पाया गया है कि वो लोग भी प्रेम पर लिखना शुरू कर दिए, जिससे इसका कोई सरोकार ही नहीं है। यही वजह है कि अब यहां प्रेम के नाम पर घटिया रचनाएं आ रही हैं। इतना ही नहीं "बोल्ड रचनाएं" लिखने वालों के लिए भी कुछ अहम फैसले लिए गए हैं। तय हुआ है कि ऐसे ब्लाग को "ए" सर्टिफिकेट दिया जाएगा और ये ब्लाग रात को 11 बजे के बाद ही खोला जा सकेगा और तीन बजे इसे बंद करना जरूरी होगा। एक  बार जो ब्लाग ए सर्टिफिकेट पा जाएगा, उसे इस कटेगरी से फिर नहीं हटाया जाएगा। कमेंट करने के नियम भी सख्त किए जा रहे हैं। अक्सर देखा जा रहा है कि कुछ बड़े ब्लाग "तुम मुझे पंत कहो मैं तुम्हें निराला " के पैटर्न पर चलते हुए गलत परंपरा को जन्म दे रहे हैं। मसलन एक दूसरे को कमेंट का आदान प्रदान करते हैं। मंत्रालय ने इसे कमेंट का सौदा माना है। इस पर रोक लगाने की तैयारी हो रही है। फिलहाल तो अब बड़े ब्लागर को रोजाना 20 नए ब्लाग पर जाकर कमेंट करना होगा। कमेंट मे सिर्फ "अच्छी प्रस्तुति" लिखकर आप कोरम पूरा नहीं कर पाएंगे, बल्कि आपको नए ब्लागर को बकायदा उसकी रचनाओं की समीक्षा के साथ और अच्छा लिखने का मंत्र भी देना होगा। ऐसा नहीं करने पर हो सकता है कि आप पर अलग से जुर्माना लगाया जाए।


आखिर में कुछ पुरुष ब्लागरों के नाम भी मंत्रालय में आएं हैं, इनके बारे में भी पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। इन पर आरोप है कि अपनी महिला दोस्तों को गलत ढंग से ब्लाग पर बढावा दे रहे हैं। ये लोग लिखते खुद हैं और उसे अपने महिला दोस्त के नाम से उसके ब्लाग पर प्रकाशित करते हैं। ये शिकायत लगातार बढ रही है, ऐसे में इस पर भी जल्दी ही कोई सख्त निर्णय मंत्रालय ले सकता है। सरकार ने एक टीम का गठन किया है जो ब्लाग के नाम को लेकर समीक्षा कर रही है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि ब्लाग के नाम के पीछे ब्लागर की मंशा क्या है ? जैसे किलर झपाटा, चला बिहारी ब्लागर बनने, रामपुरिया, उडनतस्तरी, ख्वाब  बंजारे, दुनाली, तन्हाई के खजाने से, बक-बक, ख्वाबों का तसव्वुफ, तन्हाई के तहखाने से, ओढना-बिछौना, टिप टिप, तमंचा और तमाचा, नाटो, चाकू छुरी समेत कई और ब्लाग हैं जिनके लेख पढ़े जा रहे हैं। बाद में तय होगा कि इन पर क्या कार्रवाई हो।
(बुरा ना मानो होली हैं)



   

62 comments:

  1. सचमुच होली है भाई होली है ,बुरा न मानो होली है

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार राजेश जी
      होली मुबारक

      Delete
  2. बुरा न मनो होली है...खूब रही मैंने तो एक चैप्टर बहुत ही सीरियस होकर पढता गया.होली की शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete
    Replies
    1. हाहाहहा, बहुत बहुत आभार
      होली मुबारक

      Delete
  3. बड़ी सख्‍त कार्यवाही हुई है ओर महिलाओं को तो खाप पंचायत की तरह फरमान सुना दिया गया है। लग रहा है कि इस सरकार को ही बदलना पड़ेगा। हम सब आंदोलन की राह पकड़ रहे हैं।

    ReplyDelete
  4. वाह! महेन्द्र भाई वाह...मज़ा आ गया ...आखिर उम्दा रिपोर्टर की उम्दा रिपोर्टिंग की कला दिखा दी आपने ...बुरा न मानो होली है ....का भरपूर फ़ायदा उठाकर अच्छे-अच्छे को अच्छी नसीहत दे डाली ...बुरा न मानो होली है ...व्यंग की चाशनी में लपेट कर गुजिया बना दी ,,,देखें अब आप की ये मीठी गुजिया कौन-कौन पचा पाता है इसके लिए आपको शुभकामनायें !बुरा न मानो होली है :-)) होली की शुभकामनायें !
    ( संजू बाबा पे आप की रिपोर्ट का इंतज़ार रहेगा )

    खुश रहें,स्वस्थ रहें!

    ReplyDelete
    Replies
    1. सर प्रणाम..
      बहुत बहुत आभार। आप इतना ध्यान से पढ़ते हैं, सच कहूं तो मुझे आपके के कमेंट का इंतजार रहता है।
      बहुत बहुत मुबारक हो होली..

      Delete
  5. Replies
    1. शुक्रिया प्रवीण जी
      होली मुबारक

      Delete
  6. हा हा हा हा बहुत बढिया ...
    सरकार ने ब्‍लॉग जगत पर इतना ध्‍यान तो दिया ..
    इसका फायदा ब्‍लोगरों को मिलेगा तो फोटो चेंज करने में हर्ज क्‍या है ??
    होली की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!

    ReplyDelete
    Replies
    1. हाहाहाहहा, प्रणाम संगीता दी
      होली मुबारक

      Delete
  7. बहुत अच्छी माँगें हैं आपकी , पहली अप्रेल को पूरी कर दी जाएगी ...

    ReplyDelete
  8. तीखा तीखा ..... चलिये हलचल बची हुई है :):)

    होली की शुभकामनायें

    ReplyDelete
    Replies
    1. प्रणाम संगीता दी
      होली मुबारक

      Delete
  9. सुन्दर !!
    बुरा ना मानो होली है !!

    ReplyDelete
  10. kat kar juba jalim ,kah raha hai hale dil sunane ki,yah abhivykti ke swatantrta par gambhir prahar hai, har hal me birodh to karna chahiye

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी मैं आपके विरोध प्रदर्शन में शामिल हूं..
      मुबारक हो होली..

      Delete
  11. आज की ब्लॉग बुलेटिन होली आई रे कन्हाई पर संभल कर मेरे भाई - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    ReplyDelete
  12. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
    Replies
    1. नही, नहीं
      जी निशाने पर सच में कोई नहीं..
      होली मुबारक

      Delete
    2. किसी ने बुरा माना क्या, फिर तो मेरी ओर से सारी

      Delete
  13. बड़े सख्त कदम उठाये गए हैं..... बढ़िया है :)

    ReplyDelete
  14. आपकी यह प्रविष्टि कल दिनांक 25-03-2013 को सोमवारीय चर्चामंच पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ

    ReplyDelete
  15. देखिये तो हम बच्चा ब्लॉगर बच निकले ..... होली की शुभकामनायें

    ReplyDelete
    Replies
    1. हां बेटू, आप खूब मस्ती से होली खेलिए
      बहुत सारा प्यार

      Delete
  16. इससे बढ़िया होली नहीं हो सकती। उ0प्र0 सरकार तो मुझे लैपटाॅप देगी नहीं शायद इसी बहाने मुझे मिल जाए। रश्मि प्रभा जी ध्यान रखिएगा मैं भी हूं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. भाई यहां भी मिलना आसान नहीं है,
      क्योंकि पहले आरक्षित कोटे की बारी है।
      हाहाहाह
      होली मुबारक

      Delete
  17. भाई महेंद्र होली मुबारक हो |होली के बहाने ही सही बहुत कुछ आपकी कलम लिख गयी है |आपकी कलम की नोंक और अधिक धारदार और पानीदार हो |

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका बहुत बहुत आभार
      होली मुबारक

      Delete
  18. बहुत बढिया ...अब सरकार की नज़र ब्‍लॉग जगत पर ...:)
    होली की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं ....

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार
      होली की शुभकामनाएं

      Delete
  19. अभीए सुअरमार से लौटे हैं……॥ बढिया होली चल रही है। सुप्रभात

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार
      मुबारक हो होली...

      Delete
  20. विनम्र निवेदन..

    मेरे कुछ मित्रों ने मुझे मैसेज भेजा है, जिसमें कहा गया है कि मुझे चर्चामंच, ब्लाग बुलेटिन और ब्लाग4वार्ता के बारे में ऐसा कुछ नहीं लिखना चाहिए था।
    मुझे लगा रहा है कि शायद मेरे मित्रों ने केवल शीर्षक पढ कर मुझे मैसेज कर दिया है। होली का हुड़दंग है, मैं भी मजे ले रहा हूं और आप भी लीजिए।
    एक मित्र कह रहे हैं कि भाई श्रीवास्तव जी आपने होली को तो ढाल बनाया है, पर लिखा तो सही है। नहीं नहीं... बिल्कुल ऐसी बात नहीं है। इस पूरे लेख को हल्के फुल्के व्यंग में ही लेना चाहिए, जो मेरा मकसद है, वही आपका भी होना चाहिए। प्लीज...इसमें ज्यादा अर्थ निकालने की कोशिश बिल्कुल ना करें।

    ReplyDelete
  21. होली है भई होली है,
    बुरा न मानों होली है!
    रंगों के पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें!

    ReplyDelete
    Replies
    1. प्रणाम सर
      आपको भी होली की ढेर सारी शुभकामनाएं..

      Delete
  22. ये दिल मांगे मोर ………………हा हा हा ……………होली के रंगों ने खूब रंगे चेहरे

    ReplyDelete
    Replies
    1. हाहााहाह, बहुत बहुत आभार
      होली मुबारक

      Delete
  23. बहुत ही चुटीला व्यंग्य पर बहुत बहुत रोचक भी ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. रश्मि जी बहुत बहुत आभार
      होली मुबारक

      Delete
  24. क्‍या बात है ... बहुत ही सुन्‍दर रंगों की बौछार कर दी आपने
    होलिकोत्‍सव की अनंत शुभकामनाएं

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार..
      आपको होली की बहुत शुभकामनाएं

      Delete
  25. हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा .... इसे कहते हैं रंगों से सराबोर होना, मज़ा आ गया . मीडिया ने मुझपर,वटवृक्ष पर पैनी नज़र डाली - अब क्या !

    ReplyDelete
    Replies
    1. हाहाहहा.. प्रणाम दी
      हल्का रंग है, कोई बात नहीं
      आसानी से छूट जाएगा.

      Delete
  26. होली का स्नेहिल आशीष

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका स्नेह आशीष यूं बना रहे।
      आपको भी होली की ढेर सारी शुभकामनाएं..

      Delete
  27. हा हा हा हाहा .......महेंद्र जी आपने मेरे समते सबको इस रंग में रंग डाला ...किस पैनी धार से मेरी बोलती बंद कर दी है जी आपने.....वाह जी मजा आ गया


    ये हुई हम सबकी एक सच्ची होली ....होली मुबारक हो आपको

    ReplyDelete
    Replies
    1. अब ये क्या बात है, सब लोग खुद ही मेरे लेख में शामिल हो रहे हैं।
      हाहाहाहहा

      होली बहुत बहुत मुबारक हो

      Delete
    2. मुझे तो अब तक मज़ा आ रहा है पढ़ पढ़ कर .......आहा ..मज़ा आ गया

      Delete
  28. वाह क्या व्यंग्य किया है बिलकुल पत्रकार की अंदाज में
    जीतनी तारीफ करूँ कम है ....खास कर "इन महिलाओं को आदेश दिया गया है कि वो 10 दिन के भीतर अपने ब्लाग पर वो तस्वीर लगाएं जो तस्वीर उनके मतदाता पहचान पत्र में है। हा हा हा बड़ा मजेदार लगा ...बढ़िया रहा ..होली की हार्दिक शुभकामनायें :)

    ReplyDelete
    Replies
    1. हाहाहाहाहाहा...

      आपका बहुत बहुत आभार, देखिए फिर होली तो साल भर बाद आएगी, लेकिन अभी होली के बाद मेरा क्या होगा, ये सोच कर मैं घबरा गया हूं।.

      आपको होली की ढेर सारी शुभकामनाएं

      Delete
  29. pahle to me dar hi gai thi ki are ye kya fir laga achchha ye holi ka khel hai bahut khub ................
    aapko aur parivar me sabhi ko holi ki shubhkamnayen
    rachana

    ReplyDelete
    Replies
    1. हाहहाहा
      जी आपको भी होली की ढेर सारी शुभकामनाएं

      Delete
  30. सिर्फ एक शब्द , लाजवाब |
    शायद इसी पोस्ट को पढ़कर कुछ दिग्गज हम नए ब्लोगर्स पर नजर डालें , हाहा ... :D

    सादर

    ReplyDelete

जी, अब बारी है अपनी प्रतिक्रिया देने की। वैसे तो आप खुद इस बात को जानते हैं, लेकिन फिर भी निवेदन करना चाहता हूं कि प्रतिक्रिया संयत और मर्यादित भाषा में हो तो मुझे खुशी होगी।