बाबा रामदेव योग गुरु के रुप में देश दुनिया में जाने जाते हैं, पर इन दिनों वो योग को छोड़ कई दूसरे मामलों में अपनी टांग फंसा चुके हैं। इसलिए वह आए दिन किसी न किसी विवाद में उलझे ही रहते हैं। वो कालेधन का विरोध करते और स्वदेशी की बात भर करते तो किसी को कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन स्वदेशी की आड़ में वो अपने खुद के उत्पादों की मार्केटिंग कर रहे हैं। अच्छा रामदेव नियम कायदे से इन कंपनियों का संचालन करते तो शायद इतना ज्यादा विरोध नहीं होता, लेकिन वो भी बाजार की उसी गोरखधंधे का हिस्सा है जो दूसरे लोग कर रहे हैं। यानि अधिक धन की लालसा में टैक्स की चोरी समेत तमाम गैरकानूनी हथकंडे अपनाने के आरोप उनकी कंपनियों पर लगते रहे हैं। बाबा दूसरी कंपनियों के उत्पादों को घटिया और अपने उत्पादों को शुद्ध बताने के साथ सस्ता भी कहते हैं, पर इसमें उतनी सच्चाई बिल्कुल नहीं, जितना दावा किया जा रहा है।
कुछ समय पहले मेरे एक लेख पर बाबा के कुछ समर्थकों ने यहां अभद्र टिप्पणी से वातावरण को दूषित किया। लेकिन मेरा मानना है कि सच को दबाने का ये तरीका सही नहीं है। इसलिए मैने कोशिश की है कुछ और प्रमाणिक तथ्यों के साथ आप सबके पास आऊं। 11 हजार करोड़ से अधिक कारोबारी साम्राज्य के ‘मालिक’ रामकिशन यादव उर्फ बाबा रामदेव आज विवादों में हैं। केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनकी संस्थाओं द्वारा विदेशी लेन-देन की जांच कर रही है, तो उत्तराखंड का बिक्रीकर विभाग उनके विभिन्न ट्रस्टों के खिलाफ टैक्स चोरी की तहकीकात कर रहा है। अब आए दिन दवाओं से लदे उनके ट्रक पकड़े जा रहे हैं। जब इसकी जांच की जाती है तो, भारी टैक्स चोरी का पता चलता है। सबको पता है कि उनका महर्षि पतंजलि आश्रम भी कई तरह के विवादों में घिरा रहा है। बाबा की व्यावसायिकता से परेशान हो उनके तमाम पुराने सहयोगियों ने यहां से किनारा कर लिया है।
हंसी आती है, जब हम बाबा की पुरानी बातों को सुनते हैं। वो कैंसर व एड्स जैसी जानलेवा बीमारियों को जड़ी-बूटियों से ठीक कर दिए जाने के ‘उल्टे-सीधे’ दावे किया करते थे। इसके खिलाफ मेडिकल काउंसिल भी बाबा रामदेव को कठघरे में खड़ा करने के लिए एकजुट होने लगा था। इसके संभावित खतरे को बाबा भी भांप गए। इसलिए अपने बचाव में उन्होंने हाथ-पांव मारना शुरू कर दिया है। वे कभी अखिलेश यादव-मुलायम सिंह यादव के दरबार में मत्था टेक रहे हैं। यदि वे अखिलेश सरकार के साथ ही उत्तराखंड सरकार का भी गुणगान करते नजर आएं, तो हैरानी की बात नहीं होगी। सवाल भी तो हजारों करोड़ के साम्राज्य को बचाने का है। वैसे इस बात में कोई दो राय नहीं कि योग को व्यावहारिक बनाने और जन-जन तक पहुंचाने में रामदेव का परिश्रम बेजोड़ है। लेकिन काले धन के सवाल पर केंद्र सरकार को मुश्किल में डालने वाला योग गुरु बाबा रामदेव खुद भी बड़ी मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। उनके खिलाफ जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी गोपनीय रिपोर्ट में रामदेव की ट्रस्ट की ओर से संचालित कंपनियों के विदेशी लेन देन में गड़बड़झाले की बू सूंघ ली है।
सूत्रों के मुताबिक ईडी ने कुछ ऐसे लेन देन पकड़े हैं, जिनमें उसे घपले-घोटाले का अंदेशा है। रिपोर्ट में ये भी बताया जा रहा है कि बाबा की कई सस्थाएं कालेधन के खेल में शामिल हो सकती हैं। इतना ही नहीं, उत्तराखंड के बिक्री कर विभाग ने भी बाबा की कंपनियों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं। बाबा की कहानी शुरू करने से पहले यहां यह बताना जरूरी है कि कुल 34 कंपनियों के किसी भी निदेशक मंडल में बाबा रामदेव नहीं हैं। इसी तकनीकी पहलू का लाभ उठाते हुए वे छाती ठोक कर कहते हैं कि उनके पास ब्लैकमनी का एक भी पैसा नहीं है। जो भी जांच चल रही है, उसे बाबा और उनके समर्थक राजनीति से प्रेरित बताते हैं। पिछले दिनों कुछ ब्लाग को पढने के दौरान मेरी नजर पड़ी "हमवतन" पर। यहां मुझे इसी विषय पर कई तथ्यपरक जानकारी मिली। लीजिए आप भी देखिए।
ईडी का कसता शिकंजा
प्रवर्तन निदेशालय की एक ताजा गोपनीय रिपोर्ट में रामदेव के विदेशों में किए गए करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन का खुलासा किया गया है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक जांच के दायरे में 64.49 करोड़ की राशि है। बाबा के लगभग 11,000 करोड़ रुपये के साम्राज्य में पांच ट्रस्ट हैं। इनमें तीन ट्रस्ट भारत में हैं, जबकि एक-एक अमेरिका व ब्रिटेन में हैं। कंपनियों की जांच के दौरान ईडी को इतने सारे संदिग्ध लेन-देन की जानकारी मिली है कि जांच एजेंसी को अपनी जांच का दायरा बढ़ाना पड़ा है। जांच के दायरे में रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की अनेक सहायक कंपनियों के जरिए किए गए निर्यात शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि सहायक कंपनियों का इस्तेमाल भी शक के दायरे में है। इन सहायक कंपनियों में दिव्य फार्मेसी, दिव्य योग साधना और दिव्य प्रकाशन शामिल हैं। ये सभी दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के तहत काम करती हैं। आरंभिक जांच में यह भी पता चला है कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने 2009 से 2011 के बीच 20 करोड़ का सामान आयात किया था। जांच के दायरे में दो और लेन-देन हैं। इनमें ओवरसीज डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट के रूप में एक लाख 50,000 अमेरिकी डॉलर (74.98 लाख रु .) और 2 लाख 42,000 ब्रिटिश पाउंड (1.9 करोड़ रु .) रेमिटेंस शामिल है। निदेशालय के नोट में पांच ऐसे संदिग्ध लेन-देन का खुलासा हुआ है। सभी में फेमा के उल्लंघन की जांच की जा रही है।
जांच में यह भी पता चला है कि पतंजलि आयुर्वेद ने भारतीय निवेश परामर्श और पंजीयन शुल्क नाम से अमेरिका में 6 लाख 10,000 डॉलर (3.04 करोड़ रुपये) भेजे थे। यही नहीं, ‘आस्था’ नाम के चैनल का संचालन करने वाली कंपनी वैदिक ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड ने भी करीब 2 लाख 75000 पाउंड (2.15 करोड़) और 3 लाख 79000 डॉलर (1.89 करोड़ रुपये) विदेश भेजे थे। यह सारी राशि पेशेवर तकनीकी शुल्क के नाम से भेजी गई थी। वैदिक ब्रॉडकास्टिंग उन 34 कंपनियों में शामिल है, जिनका संचालन रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण करते हैं।
पिछले साल अप्रैल माह में रामदेव ने घोषणा की थी कि पतंजलि एक अमेरिकी फर्म को खरीदने वाली है। इसके बाद रांची के निकट बनने जा रहे झारखंड मेगा फूड पार्क की 107 करोड़ रुपये की लागत वाली एक परियोजना में पतंजलि ने 25 फीसदी निवेश किया है। बालकृष्ण और बाबा के एक अन्य सहयोगी स्वामी मुक्तानंद को इस पार्क का निदेशक बनाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय के नोट में इस बात का भी जिक्र है कि कंपनी को इक्विटी के रूप में दुबई से भी भारी भरकम निवेश हासिल हुआ था।
ट्रस्ट द्वारा संचालित 34 कंपनियों में से रामदेव खुद किसी भी कंपनी के बोर्ड में शामिल नहीं हैं। वे सीधे तौर पर लाभान्वितों में भी नहीं हैं। सभी कंपनियों में बालकृष्ण का दखल है। वे या तो उनमें प्रबंध निदेशक हैं या फिर निदेशक की हैसियत से हैं, जबकि मुक्तानंद 11 फर्मों में निदेशक हैं। सूत्र बताते हैं कि योग गुरु का सारा कारोबार उनके सहयोगी चला रहे हैं, इसलिए निदेशालय ने अब तक एक बार भी रामदेव को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है।
करोड़ों की सेल्स टैक्स चोरी
ताजा मामला गत 27 मार्च का है। राज्य बिक्री कर विभाग ने बाबा रामदेव की लक्जर स्थित पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से दवाओं से भरे ट्रक पकड़े जिन पर तेरह लाख रुपये मूल्य की दवाएं लदी थीं। बगैर टैक्स चुकाए ये दवाएं ले जाई जा रही थीं। पकड़े जाने पर कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि दवाएं गरीबों में बांटने के लिए ले जाई जा रही थीं। इससे पहले भी बाबा रामदेव के कई ट्रस्टों पर सेल्स टैक्स चोरी के आरोप लग चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि दिव्य फार्मेसी पर पांच करोड़ रुपये के टैक्स चोरी का आरोप है। जांच के दौरान उत्तराखंड के बिक्री कर विभाग ने बाबा के दिव्य फार्मेसी पर छापा भी मारा था। छापामार टीम का नेतृत्व विभाग के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर जगदीश राणा ने किया था। सूत्र बताते हैं कि छापे के बाद सरकार में हड़कंप मच गया था। उत्तराखंड के तत्कालीन राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल बेहद खफा हो गए थे। उन्होंने इस संबंध में सरकार से पूरी रिपोर्ट तलब की थी। अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन प्रिंसिपल सेक्रेटरी इंदु कुमार पांडे ने छापे की कार्रवाई को सही व निष्पक्ष करार दिया था। गौर करने योग्य तथ्य यह भी है कि छापा मारने वाले डिप्टी कमिश्नर जगदीश राणा पर दबाव इस कदर पड़ा कि उन्हें चार साल पहले ही रिटायरमेंट लेना पड़ा था।
बाबा स्वदेशी, मदद विदेशी
रामदेव ने अपनी छवि मल्टीनेशनल कंपनियों के विरोधी, स्वदेशी अभियान के कट्टर समर्थक और विकास के देशी रोडमैप तैयार करने वाले के रूप में बनाई है। वे कहते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए मैं स्वदेशीकरण का हिमायती हूं। शायद यह काफी कम लोग जानते होंगे कि स्वदेशीकरण के हिमायती बाबा रामदेव ने अपने रेडी-टू-ड्रिंक सॉफ्ट ड्रिंक्स बेचने के लिए अमेरिकी मल्टीनेशनल पैकेजिंग कंपनी टेट्रा से हाथ मिलाया है। आने वाले समय में पतंजलि फलों के करीब 30 नए पेय पदार्थ ऐसी ही पैकिंग में पेश करने की योजना बना रहा है। पहले जूस पूरी तरह कांच व प्लास्टिक की बोतलों में बेचा जाता था। धीरे-धीरे इसकी जगह टेट्रा पैक ले रहा है। इतना ही नहीं बाबा के ट्रस्ट ने अमेरिका में आयुर्वेदिक उत्पाद बनाने वाली कंपनी हर्बों बेद का अधिग्रहण कर लिया है। कितने में, यह एक रहस्य है। कुछ साल पहले दिव्य फार्मेसी के 113 मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी के लिए आंदोलन छेड़ने पर हमेशा के लिए नौकरी से निकाल दिया गया था। रामदेव के कारोबारी कदम बहुराष्टÑीय कंपनियों के विरोध में उनके बयानों का समर्थन करते प्रतीत नहीं होते हैं।
रहस्यमय है पतंजलि योगपीठ
पतंजलि योगपीठ शुरू से ही संदेह व सवालों के घेरे में रही है। खोजबीन बताती है कि वर्ष 2006 में इस योगपीठ की स्थापना रामदेव, शंकरदेव, कमला साध्वी, स्वामी कर्मवीर, भूपेंद्र सिंह ठक्कर, जीव राज पटेल और बालकृष्ण ने मिलकर की थी। सपना था पतंजलि को जन-जन तक पहुंचाना और लक्ष्य था, योग को घर-घर तक पहुंचाना। हरिद्वार के आश्रम की पूरी संपत्ति आचार्य शंकरदेव की थी। वर्षों से यह आश्रम गरीब-बेसहारा लोगों का सहारा था। रामदेव ने येन-केन-प्रकारेण यह जगह खाली करवाई थी। मामला कोर्ट तक गया था। लेकिन गरीबों की किसी ने नहीं सुनी। पतंजलि ने और भी बहुत सी जमीनें हासिल कीं और साम्राज्य फैल गया। इन्हीं दिनों रामदेव के भाई रामभरत व बहनोई यशदेव शास्त्री जो शंकरदेव के चेले थे, ने भी पतंजलि में घुसपैठ कर ली थी। इस तरह योगपीठ परिवारवाद से अछूता नहीं रह सका। रामदेव इसके मुखिया बन बैठे।
बाबा के कई साथी लापता
मुखिया बनने व नाम फैलने के साथ ही रामदेव बाबा के व्यवहार में भी बदलाव आया। उनके इस बदलते आचरण से ट्रस्ट के सदस्यों में गुटबाजी शुरू हो गई थी और वे अलग-अलग खेमों में बंट गए। रामदेव की कथित दादागीरी से क्षुब्ध होकर उनके परम मित्र पीठ के उपाध्यक्ष आचार्य कर्मवीर ने त्यागपत्र दे दिया था। ट्रस्ट के सबसे पुराने सदस्यों में से एक साध्वी कमला, जिन्हें आश्रम वाले माता कहकर बुलाते थे, को जबरन आश्रम से निकाल दिया गया था। रहस्यमय तरीके से गायब हुए बाबा रामदेव के गुरु शंकरदेव का आज तक पता नहीं चला है। इसी तरह कई पुराने लोगों ने भी बाबा रामदेव व बालकृष्ण जैसे उनके सहयोगियों के व्यवहार से खफा हो आश्रम से अपना नाता तोड़ लिया। भ्रष्टाचार के कई आरोपों से घिरे आजादी बचाओ आंदोलन के पूर्व संचालक राजीव राधेश्याम दीक्षित पर भी बाबा रामदेव की मेहरबानी हुई थी। काफी कम समय में बाबा ने दीक्षित को भारत स्वाभिमान का राष्टÑीय सचिव व ट्रस्टी बना दिया था, जबकि राजीव दीक्षित को कार्यकर्ताओं के विरोधस्वरूप आजादी बचाओ आंदोलन नामक संस्था छोड़नी पड़ी थी। 30 नवंबर 2010 को रहस्यमय परिस्थितियों में भिलाई में राजीव दीक्षित की मौत हो गई थी। उनकी मौत आज भी एक रहस्य है। क्या देश भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले बाबा रामदेव स्वयं भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं? क्या योग गुरु की तस्वीर कॉरपोरेट बाबा के रूप में तब्दील नहीं हो गई है? यहां सवाल खड़ा होता है कि क्या बाबा रामदेव की मुहिम के बाद स्विस बैंकों में जमा काला धन स्वदेश लौट आया? क्या मल्टीनेशनल कंपनियों पर किसी तरह की कोई लगाम लगाई जा सकी? देश विदेश में लगातार महंगी संपत्तियों की खरीद फरोख्त, आश्रम के पुराने व अनुभवी लोगों के साथ दुर्व्यवहार, बालकृष्ण जैसे विवादास्पद व्यक्ति को अपनी छत्रछाया में पालना, योग शिविरों के महंगे पैकेज, परिजनों को लाभान्वित कर व्यावसायिक साम्राज्य का विस्तार जैसी घटनाएं साफ संकेत कर रही हैं कि बाबा रामदेव भी पूंजीवाद व बाजारवाद की गिरफ्त में आ गए हैं।
कौन हैं बाबा रामदेव ?
बाबा रामदेव का जन्म हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के गांव नारनौल में हुआ था। बचपन में उनका नाम रामकिशन यादव था। उन्होंने केवल 8वीं कक्षा तक पढ़ाई की और बाद में घर से भाग गए थे। घर से भागने से लेकर ‘बाबा रामदेव’ बनने तक के उनके सफर के बारे में सिवाय उनके और कोई भी यकीन से कुछ नहीं कह सकता। बताया जाता है कि घर से भागने के बाद वे काफी दिनों तक हरिद्वार के आसपास साइकिल में पंक्चर लगाया करते थे। कोेई कहता है कि 1990 के दशक में वे साइकिल पर आंवला, अदरख आदि बेचा करते थे। उसी दौरान उनकी मुलाकात किसी ऐसे व्यक्ति से हुई, जो उन्हें गुरुकुल में ले गया। वहीं उन्होंने योग आदि की शिक्षा ली और एक दिन दुनिया के सामने ‘बाबा रामदेव’ बन कर अवतरित हुए।
जांच के दायरे में संदिग्ध लेन-देन
झारखंड मेगा फूड पार्क में निवेश 26.75 करोड़
विदेशों में प्रत्यक्ष निवेश 2.64 करोड़
2009-11 के बीच सामानों का आयात 20.00 करोड़
अमेरिका की एक कंपनी में निवेश 8.04 करोड़
विदेश से प्राप्त धन 7.06 करोड़
कुल 64.49 करोड़
बाबा पर आरोप
कथित टैक्स चोरी में बाबा रामदेव के कई ट्रस्ट लिप्त।
कई प्रतिबंधित जड़ी-बूटियों का प्रयोग दवा बनाने में।
डोनेशन के तौर पर कालाधन लेना।
सहयोगी बालकृष्ण का पासपोर्ट फर्जी।
बालकृष्ण है नेपाली भगोड़ा।
बालकृष्ण ने किया है अस्त्र-शस्त्र नियमों का उल्लंघन।
फैक्ट्रियों में लेबर लॉ का उल्लंघन।
एड्स व कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को ठीक करने का झूठा दावा।
कारोबारी साम्राज्य
सालाना अनुमानित टर्नओवर 1,100 करोड़
योग कैंप से सालाना 50 करोड़ से अधिक की आमदनी
दवा बिक्री से सालाना 50 करोड़ की आमदनी
पुस्तक व सीडी बिक्री से 2.3 करोड़ सालाना आय
निवेश व अचल संपत्ति
17 करोड़ : विदेश में आइलैंड की कीमत (गिफ्टेड)
1,115 करोड़ : हरिद्वार में एक हजार एकड़ जमीन की कीमत
500 करोड़ : फूड पार्क, हरिद्वार में निवेश
44 करोड़ : झारखंड के फूड पार्क में 40 प्रतिशत स्टेक
100 करोड़ : पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार
90 करोड़ : सोलन, हिमाचल प्रदेश में 38 एकड़ जमीन
(कीमत अनुमानित है, हमवतन से साभार)
निवेश व अचल संपत्ति ने तो अवाक ही कर दिया ..आँखे फट रही है..बाप रे !
ReplyDeleteशुक्रिया अमृता
Deleteढूंढ कर लाते हो
ReplyDeleteसब दिखा देते हो
कहाँ से लाये
सब बता देते हो
डरते भी नहीं
बस मुस्कुरा देते हो !
थैक्स सुशील जी
Deleteरामदेव से "कामदेव" की और अग्रसर ......हो रहा भारत निर्माण और बेबकूफ बन रही है भारत की जनता ......!
ReplyDeleteजी, शुक्रिया केवल भाई
Deleteअर्धनारीश्वर बाबा का स्वास्थ्यवर्धक दलिया बहुत ही उम्दा है। बकिया सरकार जाने, हम का जानी :))
ReplyDeleteशुक्रिया ललित जी
Deleteबाबा दूध के धूले तो हैं नहीं ..... यह काफी लोगों को पता है
ReplyDeleteदेखते हैं आगे क्या होता है ...
सुंदर प्रस्तुति !!
साभार !!
आँकड़े देने के लिए आभार!
ReplyDeleteशुक्रिया सर
Deleteमुझमें अपनी आलोचना सहने की हिम्मत है और मैं आलोचनाओं को सहर्ष स्वीकार भी करता हूं। पर आप सब जानते हैं कि ये ब्लाग घर परिवार मे पढ़ा जाता है, और बड़ी संख्या में महिलाएं भी ब्लाग की पाठक है।
ReplyDeleteऐसे मे मैं ब्लाग पर अभद्र भाषा की इजाजत किसी को नहीं दे सकता, मुझे मजबूर होकर 23 लोगों के कमेंट को पब्लिश होने से रोकना पड़ा है। आप कितनी भी कड़ी टिप्पडी करें, मुझे उसे पब्लिश करने मे कोई हिचक नहीं, बस भाषा मर्यादित होनी चाहिए।
अब इतनी अपेक्षा तो मैं बाबा के समर्थकों से कर ही सकता हूं....
महेंद्र जी,,,,"हम वतन" की लिंक नही मिल पा रही है,ठीक कर दे,,,,,
ReplyDeleteकोशिश करता हूं
Deleteसही कहा.. .संपत्ति के आँकड़े देख कर तो आँखे फट गई..
ReplyDeleteजी शुक्रिया
Deleteबहुत ख़ूब!
ReplyDeleteआपकी यह सुन्दर प्रवृष्टि कल दिनांक 16-07-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-942 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
बहुत बहुत आभार गाफिल जी
Delete'चौंक गए' जैसी टिप्पणियाँ करने वालों की नादानी पर खूब तरस आया। जब आप ढ़ोंगी-पाखंडी-आडंबरी' को साधू-सन्यासी मानने की गलती करेंगे तो तभी 'चौंकने' का सवाल उठेगा। मनुष्य हो 'मनन' करो और अपने बुद्धि,ज्ञान,विवेक को जाग्रत रखो एवं ठगों-फ़रेबियों को मुंह न लगाओ तो कभी हैरानी न होगी।
ReplyDeleteसहमत हूं आपकी बात से
Deleteबहुत बहुत आभार
Arre baap re ' kahan se laate hain aap itni saari baaten ? Sach ko samne lana bahut badi baat hai . Aur itne details kaise collect karte hain SIR ji ? Hats off to you ...........
ReplyDeleteथैक्स उर्मिल
Deleteआपने इस लेख को सराहा.
आप सबका समर्थन और बेहतर करने की ताकत देता है
जितनी छानबीन बाबा के बारे में कर रही है सरकार
ReplyDeleteवह सब उनका सरकार के खिलाफ बोलने का ही नतीजा है.
वरना सरकार में ही कितने ऐसे हैं जिनके बड़े बड़े घोटालों को
सरकार द्वारा ही बखूबी दबा दिया जा रहा है.
यदि मीठा मीठा बोलते रहते तो सब गप गप ही तो था.
यह सब अच्छी तरह से जानते हैं
'सब ठाठ पड़ा रह जाएगा, जब लाद चलेगा बंजारा'
मेरे ब्लॉग पर आपके न आने का कारण मैं नही समझ पा रहा हूँ,महेंद्र भाई.
ब्लाग तक न पहुंच पाने की और कोई वजह नहीं, बस कुछ व्यस्तता कह सकते हैं।
Deleteदरअसल बाबा ने जब कालेधन का मामला उठाया उसके बाद से ही जनता उनके बारे में जानने उत्सुक लगी। वरना मैने खुद तीन साल पहले बालकृष्ण के फर्जी पासपोर्ट का मामला टीवी पर दिखाया था।
उनके और मामले भी अखबारों में छपते रहे, पर तब कोई ध्यान नहीं देता था। जमीन कब्जे के मामले में वहां कई बार लोगों ने आवाज उठाई, पर लोगों ने और जानने की कोशिश ही नहीं की।
अपनी झोली भर रहा, लेकिन करता काम।
ReplyDeleteकरता है कल्याण को, कमा रहा है नाम।।
जी आपके इस नजरिए का भी स्वागत है।
Deleteये बात तो लेख में भी स्पष्ट है..
कोई आदमी रात में डाका डाले और सुबह उसमें से कुछ पैसे दान करने लगे तो उसे तब तक तो दानी कहा जा सकता है, जब तक लोगों को डाके के बारे में जानकारी ना हो, लेकिन जब डाका डालने की जानकारी हो जाती है, तब तो दानी कहना गलत होगा।
राम देव का विदेश से काले धन लाने का ही नहीं मैं तो स्वदेश में भी काले धन की जब्ज करने का पक्षधर हूँ। बाबा से अनुरोध है कि वह यह बताने की परम कृपा करें की काला धन क्या होता है? और यह कैसे उपजता है? क्या काला धन को निर्मूल करने का कोई सूत्र है? तो बतायें बाबा रामदेव! बरना वह तो वैसा ही होगा कि अरजे कोई और खाये कोई!
ReplyDeleteसहमत हूं आपसे
Deleteराम देव का विदेश से काले धन लाने का ही नहीं मैं तो स्वदेश में भी काले धन की जब्ज करने का पक्षधर हूँ। बाबा से अनुरोध है कि वह यह बताने की परम कृपा करें की काला धन क्या होता है? और यह कैसे उपजता है? क्या काला धन को निर्मूल करने का कोई सूत्र है? तो बतायें बाबा रामदेव! बरना वह तो वैसा ही होगा कि अरजे कोई और खाये कोई!
ReplyDeleteराम देव का विदेश से काले धन लाने का ही नहीं मैं तो स्वदेश में भी काले धन की जब्ज करने का पक्षधर हूँ। बाबा से अनुरोध है कि वह यह बताने की परम कृपा करें की काला धन क्या होता है? और यह कैसे उपजता है? क्या काला धन को निर्मूल करने का कोई सूत्र है? तो बतायें बाबा रामदेव! बरना वह तो वैसा ही होगा कि अरजे कोई और खाये कोई!
ReplyDeleteबाबा रे बाबा... सन्यासी होकर भी धन का इतना लोभ... आखिर इसका क्या करेंगे? खाली हाथ आए थे खाली हाथ जाना है...
ReplyDeleteजी ये तो संत वाणी है, और संतों की ही समझ में नहीं आ रहा है।
Deleteबहुत बहुत आभार
बाबा रामदेव जी की ओनरशिप , बैंक अकाउंट की जानकारी भी तो दो क्या कहना है उस बारे में ?
Deleteआपके इस साहसिक प्रयाश में पूरा समर्थन.कोई तो हो जनता की आँखे खोलने वाला.बधाई.
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया
Deleteशाबाश भाई.... सारा चिटठा खोल दिया
ReplyDeleteप्रणाम दी
Deleteबहुत बहुत आभार
हमेशा की तरह आधे की जगह पूरा सच लिख डाला .... आभार सहित शुभकामनाएं
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया
Deleteमित्रों ये बात मुझे दोबारा दुहरानी पड़ रही है, क्योंकि बड़ी संख्या मे लोग अभद्र भाषा में टिप्पणी कर रह हैं। मैने आपको बताया कि
ReplyDeleteमुझमें अपनी आलोचना सहने की हिम्मत है और मैं आलोचनाओं को सहर्ष स्वीकार भी करता हूं। पर आप सब जानते हैं कि ये ब्लाग घर परिवार मे पढ़ा जाता है, और बड़ी संख्या में महिलाएं भी ब्लाग की पाठक है।
ऐसे मे मैं ब्लाग पर अभद्र भाषा की इजाजत किसी को नहीं दे सकता, मुझे मजबूर होकर अब तक 49 लोगों के कमेंट को पब्लिश होने से रोकना पड़ा है। आप कितनी भी कड़ी टिप्पडी करें, मुझे उसे पब्लिश करने मे कोई हिचक नहीं, बस भाषा मर्यादित होनी चाहिए।
अब इतनी अपेक्षा तो मैं बाबा के समर्थकों से कर ही सकता हूं....
महेंद्र जी ....आपके लेख लोगो की रातों की नींद उड़ा देते होंगे ...ये आपके हर लेख को पढ़ने के बाद बहुत अच्छे से समझ सकते हैं हम सब लोग ....अभद्र भाषा वाली टिपण्णी को यहाँ पोस्ट ना करना ...ये बहुत अच्छा निर्णय हैं आपका
ReplyDeleteहर आधे सच को पूरे सच में लिखने के लिए जितनी हिम्मत की जरुरत हैं ...उस से कहीं अधिक हिम्मत और सच आपके हर लेख में पढ़ने को मिलती हैं .....
आज की पोस्ट पढ़ने के बाद ये ही समझ आत हैं कि ...पैसे का लोभ हम आम इंसानों से ज्यादा साधुओं को हैं ....मोह माया ...और हर किस्म के काम जो आम जनता नहीं जानती या करती ...ये लोग उतने ही इन सब कामों में डूबे हुए हैं ....
बहुत बहुत आभार अंजू जी
Deleteआप सब की ऐसी टिप्पणी मुझे सच लिखने की ताकत देती है
शुक्रिया
करोडों का टेक्स चोरी करे, कालाधन की करे पुकार
ReplyDeleteवाह रे बाबा राम देव, लोग करे तेरी जैय जैय कार
स्वदेशीकरण के हिमायती बाबा,विदेशी मदद है लेते
विदेशियों से हाथ मिला,आयुर्वेदिक उत्पाद है बेचते
आलोचना वाले करते रहते, हिम्मत रखो महेंद्र
आधासच के साथ पूरे खड़े, साथ दे रहा धीरेन्द्र,,,,
बहुत बहुत आभार धीरेंद्र जी
Deletesamjh me nahin ata ki inke shiviron me jaane wale logon ko ye sab kyun nahin dikhata...
ReplyDeleteजी यही बड़ा सवाल है
Delete
ReplyDeleteआप जैसे निर्भीक लेखकों की आवश्यकता है देश को !
बाबा रामदेव की सबसे बड़ी विशेषता साधारण भाषा में पेट का व्यायाम लोगों को सिखाना रहा है, निस्संदेह टीवी कैमरे का लगातार बना फोकस, उन्हें जनप्रिय बना गया !
व्यापारी बने बाबा, मुझे खराब नहीं लगे ! धन की आवश्यकता उन्हें भी रही होगी मगर राजनीति में आते बाबा को देख अब उन्हें सुनना अच्छा नहीं लगता !
अफ़सोस देश में ईमानदारी नहीं मिलती ...
बहुत बहुत आभार सतीश जी
Deleteउत्तम प्रयास सत्य कहने का
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार स्वामी जी
Deleteआपने इस पोस्ट में तथ्यों को बड़े सलीके से प्रस्तुत किया है । बहुत अच्छा लगा। मेरे नए पेस्ट 'अतीत से वर्तमान तक का सफर' पर आपका हार्दिक अभिनंदन। धन्यवाद।
ReplyDeleteशुक्रिया प्रेम भाई
Deleteपूरा सच लिख डाला महेंद्र जी
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteआज आपके ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आना हुआ अल्प कालीन व्यस्तता के चलते मैं चाह कर भी आपकी पोस्ट नहीं पढ़ पाया. व्यस्तता अभी बनी हुई है लेकिन मात्रा कम हो गयी है...:-)
ReplyDeleteशुक्रिया संजय जी
Deleteक्या आप गोपनीय विभाग के कर्मचारी है क्या ? आप ने तो सारे अकड़े दे दिया ,लेकिन एक अकड़े नहीं दिया ,सायद आपके पास नहीं है ,कियो की आप आधा सच है ...............
ReplyDeleteKangresh, kaladhan jama karne balo aur bhrasta chariyo ke agent h. Mahendraji
Deleteक्या आप गोपनीय विभाग के कर्मचारी है क्या ? आप ने तो सारे अकड़े दे दिया ,लेकिन एक अकड़े नहीं दिया ,सायद आपके पास नहीं है ,कियो की आप आधा सच है
ReplyDeleteहो गई आपकी नौकरी पक्की... बाबा को दिखाइयेगा कि मैने ब्लाग पर ऐसा कमेंट किया है। फायदा होगा आपको
Deleteभाई जी इसमें से बाबा जी की ओनरशिप क्या क्या है ये भी तो बताओ ?
ReplyDeleteऔर इसमें ये भी जोड़ो की बाबा ने लाखों लोगों को रोज़गार उपलब्ध करवाया स्वदेशी आयुर्वेद के क्षेत्र में
बाबा 1 करोड़ रोज़गार उपलब्ध करा रहे हैं जल्द ही 2012 में ही वैसे कलमाड़ी ने 70 हज़ार करोड़ का घोटाला किया क्या वो इतना कुछ दे पाया जो स्वामी रामदेव जी ने बिना घोटाला करे दाने के पैसे से कर दिखाया ?
रात में चोरी करके कोई आदमी दिन में दान दक्षिणा करे तो उसके चोरी को जायज नहीं ठहराया जा सकता है।
Deleteमहेन्द्र श्रीवास्तवभाई जी ,
ReplyDeleteक्या आप को साप सुघा लिया क्या ?
और डाटा कहा है
पत्रकार भाई आप बता सकते है की भारत में कितने जिला है ,
क्या आप बता सकते है की भारत में कितने तहशील है
क्या आप बता सकते है की भारत में कितने ग्राम है
क्या आप बता सकते है की भारत में कितने समाचार पत्र और न्यूज चैनल है
क्या आप बता सकते है की भारत में कितने पत्रकार भाई-बहन है
हाहाहहाहाहहााहहाह
Deleteजो सवाल मैने उठाए हैं, उस पर बात कीजिए
bahut afsos hua Baba ke baare mein jaankar!
ReplyDeleteEk katu satya ko sabke saamne nirbhikta se prastuti karne ke liye aabhar!
बहुत बहुत आभार कविता मेम
Deleteswami ramdev ji ne na 2g spectrum becha,na koyla becha, na reliance kg besin becha.unhone jo kada kiya mere jaise 14455300 logon ki khoon pashine ki kamai ke daan aur vishvash se. aur kisi bhi daankarta ko kabhi sikayat nahi rahi ki unake dhan ka durupyog hua hai. par sabse jyada pet me dard unko hota hai jinhone ish abhiyan me ek paisa bhi daan nahi kiya. par hume dukh ishliye hota koyla ghotale me jo 18600000000000 loota gaya har bhartiya ka 153719 hissa tha par use mila kya? 2g me jitna loota gayausme har bhartiya ka 146666 ka hissa banta hai .in do ghotalon ka paisa hi desh ke logon me barabar bant diya jata to koi garib rahta kya.par aap digvijay ke vanshaj apana dharam nibhate rahiye.
Deleteहाहहाहाहहाहाहा
Deleteआज कल तो बाबा का हिसाब चल रहा है,
पहले बाबा जी अपना खाता दुरुस्त करें।
कहते है ना बेईमानी की बुनियाद में ईमानदारी की इमारत मत खड़ी करो..बिल्कुल नहीं टिक सकती..
600 जिला में चिकित्सालय 700 है, लगभग 3000 भाई - बहन को रोजगार दिया गया है ,
ReplyDeleteउप चिकित्सालय 5000 है लगभग 8000 भाई - बहन को रोजगार दिया गया है ,
स्वदेशी केंद्र की मदद से हर ग्राम एक भाई को रोजगार दिया गया है ,
हर जिला में 10 से 100 योग केम्प से प्रति दिन 1000 भाई - बहन लाभ मिलता है
पतंजलि से दिव्य हरिद्वार 20000 भाई - बहन को रोजगार दिया गया है ,
लगभग एक लाख भाई - बहन को रोजगार दिया गया है , पुरे भारत में
और भी डाटा है भाई जब जरुरत परे लेलेना ठीक है भाई
(ये तो रोजगार की बात है ) सेवा की बात आगे बताउगा,
आप ने क्या दिया है कभी तो जमीन पर काम कर के देखो ! नेट और न्यूज़ पर बहुत हो गया है ,
600 जिला में चिकित्सालय 700 है, लगभग 3000 भाई - बहन को रोजगार दिया गया है ,
ReplyDeleteउप चिकित्सालय 5000 है लगभग 8000 भाई - बहन को रोजगार दिया गया है ,
स्वदेशी केंद्र की मदद से हर ग्राम एक भाई को रोजगार दिया गया है ,
हर जिला में 10 से 100 योग केम्प से प्रति दिन 1000 भाई - बहन लाभ मिलता है
पतंजलि से दिव्य हरिद्वार 20000 भाई - बहन को रोजगार दिया गया है ,
लगभग एक लाख भाई - बहन को रोजगार दिया गया है , पुरे भारत में
और भी डाटा है भाई जब जरुरत परे लेलेना ठीक है भाई
(ये तो रोजगार की बात है ) सेवा की बात आगे बताउगा,
आप ने क्या दिया है कभी तो जमीन पर काम कर के देखो ! नेट और न्यूज़ पर बहुत हो गया है ,
हाहहाहहाहाहहाहा
Deleteरात में चोरी करके कोई आदमी दिन में दान दक्षिणा करे तो उसके चोरी को जायज नहीं ठहराया जा सकता है।
रही बात मीडिया ने क्या दिया है, ये आप रामदेव से जानें तो ज्यादा अच्छा होगा और आपको भरोसा भी।
are bhai sahab, logo ko jo rojgaar diya hai wo bhi to apni jeb bharne ke liye diya hai. 3000 rs me ek aadmi rakha jo 30000 ki dawa bechta hai
Deletemujhe to waise har insaan dhongi lagta hai hai
ReplyDeletejiske naam me baba jud jata hai
jaise - ramdev baba, nirmal bada ityadi
bahut badhiya lekh. is lekh ke link ko kahin save karta hu
taki jarurat ho to dhundhane me jyada dikkat na ho
शुक्रिया भाई मनु जी
Deleteमिडिया भाई क्या बता सकते है की किसान भाई की सब्सिडी कियो हटाई जा रही है और बड़े कंपनी (बड़े कंपनी न्यूज़ चैनल & तेल कंपनी & विदेशी कंपनी ) को सब्सिडी दी जा रही है
ReplyDeleteविस्तार से जानकारी कीजिए और लिखिए। आपको किसी ने रोका है क्या ?
Deleteswami ramdev ji ne na 2g spectrum becha,na koyla becha, na reliance kg besin becha.unhone jo kada kiya mere jaise 14455300 logon ki khoon pashine ki kamai ke daan aur vishvash se. aur kisi bhi daankarta ko kabhi sikayat nahi rahi ki unake dhan ka durupyog hua hai. par sabse jyada pet me dard unko hota hai jinhone ish abhiyan me ek paisa bhi daan nahi kiya. par hume dukh ishliye hota koyla ghotale me jo 18600000000000 loota gaya har bhartiya ka 153719 hissa tha par use mila kya? 2g me jitna loota gayausme har bhartiya ka 146666 ka hissa banta hai .in do ghotalon ka paisa hi desh ke logon me barabar bant diya jata to koi garib rahta kya.par aap digvijay ke vanshaj apana dharam nibhate rahiye.
ReplyDeleteलेख में कहीं लिखा है क्या कि रामदेव ने टू जी स्पेक्ट्रम बेच दिया, कोयला बेच दिया, बेसिन में हिस्सा लिया... ऐसा कुछ लिखा है तो गलत है।
Deleteमित्र मूल विषय पर आइये, जो बातें लेख में है उसमें बात कीजिए। इस पर बात बाबा नहीं कर पाते तो आप क्या कर पाएंगे।
are you agent of congress, MR.srivastav ji
ReplyDeleteहां मेरे लेख से तो ऐसा ही लग रहा है कि मैं कांग्रेस का एजेंट हूं।
Deleteहाहाहहाहाहहाहाह।
मित्रों आपको एक बात बताऊं, बाबा के कुछ चंपू ऐसे लेखों पर ऐसी ही अनर्गल बातें करते हैं, ये बाबा के फुल टाइम पेड कार्यकर्ता जैसे हैं।
हुज़ूर आपने आंकड़े तो खूब बताये और गिनवाए पर कोई भी सुबूत पेश नहीं कर पाए की ये बाबाजी के निजी खाते में जा रहे हैं | यदि लोक कल्याण का काम होगा तो पैसे का लेन देन भी होगा फ्री में तो कुछ करामत हो नहीं जाती | लोगो से सहयोग से ही वो आज जहाँ है वहां हैं | कांग्रेसी सरकार के आने से पहले भी वो योग सिखा रहे थे और जनता की मदद कर रहे थे | तब वो प्रकाश में और मुसीबतों में नहीं घिरे | किसी गलत सरकार के खिलाफ, घटिया उत्पाद बनाने वाली बड़ी कंपनियों के विरोध में और कुछ गलत व्यक्तियों की पोल खोलते ही उन पर गिद्धों का शिकंजा कसने लगा | उनके ट्रस्ट की संपत्ति क्या है, आय क्या है, बनता क्या है, छपता क्या है सब का लेखा जोखा होना शुरू हो गया क्योंकी इस घटिया और दो कौड़ी की फिरंगी बैरा सरकार को ये पसंद नहीं आया के कोई है जो उनके खिलाफ आन्दोलन चला कर आवाज़ बुलंद कर सकता है | आज जो खुद दुनिया के सबसे अमीर राजनेताओं के बीच बैठी है उससे पूछने वाला कोई नहीं के इतना पैसा कहाँ से आया | दामादों को पैसा दिलवाया जा रहा है घोटाले हो रहे हैं उनसे कोई नहीं सवाल करता या उनके आंकड़े कोई नहीं दर्शाता | एक अदना सी घटिया फिरंगी से सामने सब अपने देश और देश के वफादारों पर सवालिया निशाँ लगाने को उतारू हैं | उनके द्वारा दिया देश के लिए समर्पण कोई नहीं देख रहा | थू है ऐसी सोच पर | धिक्कार है | यदि कोई बाबाजी के निजी खाते में क्या है कितना है ये साबित कर दे और उसके आंकड़े दे दे तब मानूंगा के बाबाजी गलत है नहीं तो कोई कुछ भी बकता रहे अनाप शनाप यहाँ कोई फर्क नहीं पड़ता | हर हर महादेव | जय बजरंगबली महाराज | जय श्री राम | भारत माता की जय | उम्मीद करता हूँ यह टिपण्णी आपको डिलीट नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि इसमें कोई अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं है जिसे माताओं और बहनों को पढने में परहेज़ हो | ॐ साईं राम |
ReplyDeleteबाबा जी के प्रति आपके समर्पण को सलाम है..
Deleteबाबा और बाबा के शिष्यों में पूरी समानता है। जब बात बाबा की होती है तो वो सोनिया और उनके दामाद की करने लगते हैं, अरे भाई उनकी बात भी होगी, पहले जो आरोप आप पर लगे हैं, उनसे तो बाहर निकलिए। फिर आपको ईमानदारी पर भाषण देने का नैतिक अधिकार भी प्राप्त हो जाएगा। अभी तो आप ही दागदार है और जब ईमानदारी की बात करते हैं तो ये दाग उभर कर सामने आने लगते हैं।
बस आपसे ये पूछना चाहता हूं कि क्या कोई ऐसा लिंक आप दे सकते हैं जहां मुझे इन सबकी जानकारी पूरी तरह से प्राप्त हो जाए? मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं बस कुछ बाबा रामदेव पर बना रहा हूं उसमें शायद मेरी मदद हो जाए उन लिंक से।
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