वैसे तो मेरा हमेशा से मानना है कि इंडियन प्रीमियर लीग यानि आईपीएल की बुनियाद ही चोरी, बेईमानी, भ्रष्टाचार, अश्लीलता पर टिकी हुई है, लेकिन इससे भला हमें या आपको क्या लेना देना। हम तो आज की भागमभाग जीवनचर्या से बिल्कुल थक गए हैं, इसीलिए इस छोटे फार्मेट का क्रिकेट मैंच पसंद करते हैं। ये मैच हमारी थकान को खत्म भले ना पाएं, लेकिन कम तो जरूर करता है। मैं तो इस टूर्नामेंट का ऐसा दीवाना हूं कि देर रात तक मैच तो देखता ही हूं, सुबह जल्दी उठकर अखबार का इंतजार भी करता हूं कि मैच की रिपोर्टिंग कैसे की गई है। मुंबई इंडियन हमारी फेवरिट टीम है, बुधवार की रात हुए एक नीरस मैच में उसने राजस्थान रायल्स को हराया और अंक तालिका में सबसे ऊपर पहुंच गई। ऐसे में थोड़ा शुकून महसूस किया और चैन की नींद सोया, लेकिन सुबह टीवी की एक खबर ने मैच का मजा किरकिरा कर दिया। खबर ये कि स्पाँट फिक्सिंग के मामले में पूर्व टेस्ट क्रिकेटर श्रीसंत समेत दो और खिलाड़ी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। हालांकि इस खबर से कोई हैरानी नहीं हुई क्योंकि क्रिकेट में अब स्पाँट फिक्सिंग कोई नई बात नहीं रह गई है। इसीलिए अगर आईपीएल को "इंडियन पाप लीग" कहा जाए तो मैं समझता हूं इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
बहरहाल दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े फिक्सर क्रिकेटर श्रीसंत, अंकित चह्वाण और अजित चंडिला को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने निलंबित कर दिया और ऐलान किया कि ये तीनों जांच पूरी होने तक निलंबित ही रहेंगे। वैसे बीसीसीआई के इस कदम से थोड़ी हैरानी हुई। मसलन उसने केवल तीन खिलाड़ियों को निलंबित कर इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया। सफाई में रटारटाया बयान आया कि कुछ खिलाड़ियों की वजह से पूरे आईपीएल पर उंगली उठाना सही नहीं होगा। मेरा तो मानना है कि बीसीसीआई को और सख्त कदम उठाना चाहिए था, मसलन तीनों खिलाड़ी एक ही टीम यानि राजस्थान रायल्स से जुड़े हैं, ऐसे में क्यों नही राजस्थान रायल्स को इस टूर्नामेंट से बाहर किया गया ? पुरानी बात नहीं है, रेलमंत्री पवन कुमार बंसल का भांजा रेलवे में ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए घूस लेते पकड़ा गया तो देश भर से मांग उठी कि नैतिकता के आधार पर रेलमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। ऐसे में नैतिकता का तकाजा तो यही है कि राजस्थान रायल्स को भी नैतिकता के आधार पर इस टूर्नामेंट में अयोग्य घोषित करते हुए बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। इसकी नैतिक जिम्मेदारी क्यों नहीं शिल्पा सेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा को लेनी चाहिए ?
देश में आज क्रिकेट एक धर्म बन गया है, करोड़ों भारतीय आज क्रिकेट को अपना धर्म मानते हुए क्रिकेटरों को पूजने तक लगे हैं । आप देखिए ना सचिन तेंदुलकर को हम सब क्रिकेट का भगवान कहते हैं। ऐसे में अगर धर्म पर हमला हो तो भला इसे हम कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं ? बहरहाल आज क्रिकेट में जितना पैसा इन्वाल्व है, हम आसानी से इसकी कल्पना तक नहीं कर सकते। छोटा सा उदाहरण ले लेते हैं, मैच के दौरान क्रिकेटर जो जर्सी पहनते हैं, उसका कोना-कोना बिका होता है। मतलब वो मैदान में जो जर्सी पहनते हैं, वो साधारण जर्सी भर नहीं है। इसमे दारू, बिल्डर, हवाई जहाज, फोन, जूते, कोल्ड ड्रिंक्स, बैंकिग भर ही नहीं कच्छा बनियान तक के विज्ञापन देखे जा सकते हैं। इसके बाद भी इन खिलाडि़यों में पैसे की भूख बनी हुई है। मैने देखा कि जब तीन खिलाडि़यों को आज पुलिस ने गिरफ्तार किया तो तमाम क्रिकेट प्रेमी हैरान थे, कुछ ने मुझे भी फोन किया और पूछा कि क्या ये सब सही है, या दिल्ली पुलिस अपने ऊपर लगे आरोपों से जनता का ध्यान बांटने के लिए साजिश कर रही है। अब ये सही है या गलत, ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि दिल्ली पुलिस अपनी छवि सुधारने के लिए कम से कम ये काम तो नहीं ही कर सकती।
वैसे आईपीएल में गंदगी के लिए काफी हद तक फ्रैंचाइजी और हमारी मीडिया भी कम जिम्मेदार नहीं है। मीडिया में जिस तरह से इस आईपीएल की कवरेज हो रही है, मुझे लगता है कि ये ज्यादा नहीं बल्कि बहुत ज्यादा है। हैरानी तब होती है जब इन खिलाड़ियों के नीलामी के लिए बकायदा मंडी सजती है और मीडिया इनकी नीलामी को भी पूरे दिन बड़े ही शिद्दत से कवर करती है। अब गौतम गंभीर 12 करोड़ में बिके या फिर दो करोड़ में इससे भला आम आदमी को क्या लेना देना है ? लेकिन मीडिया ने आज हर खिलाड़ी की कीमत तक सार्वजनिक कर दी है। हमें पता है कि नीलामी में कुछ लोग खिलाड़ी के नाम पर कीमत लगाते हैं, कुछ खिलाड़ी के खेल के आधार पर कीमत लगाते हैं। ईमानदारी से देखा जाए तो हैदराबाद की टीम में एक दो को छोड़ दें तो कोई बड़ा चेहरा नहीं है, लेकिन टीम का प्रदर्शन शाहरुख खान की टीम केकेआर से कहीं बेहतर है। आज की तारीख में सचिन तेंदुलकर क्रिकेट में बहुत बड़ा नाम भर है, अगर उनका प्रदर्शन आईपीएल 6 में देखा जाए तो टाप 10 में भी वो कहीं नहीं टिकते। यहां तक कि अपनी टीम में ही उनका प्रदर्शन छठें सातवें नंबर पर भी नहीं है। लेकिन वो क्रिकेट के बड़े आदमी हैं, लिहाजा देश के सबसे बड़े उद्योगपति की टीम में वो शामिल रहेंगे ही, ये तो अंबानी बंधुओं के भी नाक का सवाल बन जाता है।
एक बहुत गंदा काम जो आईपीएल में हो रहा है, जिसके लिए सभी टीमों के फ्रैंचाइजी जिम्मेदार है, ये मसला आज भले नहीं लेकिन कल देश में एक बड़ा मुद्दा बनने वाला है। आपको याद होगा कि आईपीएल की शुरुआत में चीयर गर्ल्स को लेकर बहुत विवाद हुआ। कुछ राजनैतिक दलों के साथ ही सामाजिक संगठनों ने इनके डांस क्या इनकी मौजूदगी पर ही सवाल खड़े किए। लेकिन पैसे की ताकत के आगे किसी की एक नहीं चली और आज भी मैच के दौरान इन चीयर गर्ल्स का फूहड डांस बेरोक टोक जारी है। हमें याद है कि कुछ चीयर गर्ल्स शारीरिक शोषक का भी आरोप लगा चुकी हैं, फिर भी ये रास लीला बंद नहीं हुई। मैं आईपीएल कमिश्नर से एक सवाल पूछता हूं। चेन्नई में माहौल ठीक ना होने की वजह से श्रीलंका के खिलाड़़ियों को चेन्नई में खेलने से रोकने में किसी को कोई तकलीफ नहीं हुई, ना आईपीएल कमिश्नर को, ना बीसीसीआई को और ना ही टीम की फ्रैंचाइजी को। लेकिन तमाम विरोध के बाद भी 10 ग्राम कपड़ों में इन चीयर गर्ल्स के नाचने पर कहीं रोक नहीं लगाया गया। मतलब माहौल ठीक ना होने पर खिलाड़ी तो बाहर हो सकते हैं, पर ये चीयर गर्ल्स नहीं ! अब आईपीएल का सबसे बड़ा पाप बताऊं ? विदेशी खिलाड़ियों ने जान लिया कि ये तो क्लब मैच है, यहां मजे लो और रंगरेलिया मनाओ। देश की एक अपनी सभ्यता और संस्कृति है, लेकिन इन सबको हम ताक पर रखकर विदेशी खिलाडियों को यहां रंगरेलिया मनाने की सुविधा दे रहे हैं। हालत ये है कि दर्जनों विदेशी खिलाड़ी यहां अपनी पत्नी के बजाए "गर्ल फ्रैंड" यानि महिला मित्र को साथ लेकर भारत आए हैं और फ्रैंचाइजी उन्हें अय्याशी के लिए उचित सुविधा दे रहे हैं।
खैर बाकी बातें बाद में करेंगे, आज क्रिकेट के कलंक पर ही थोड़ी और चर्चा कर लें। हम सब जब टीवी के सामने होते हैं तो गेंदबाजी और बल्लेबाजी देखते हैं। हमने तो आज तक ये नहीं सोचा था कि क्रिकेटर अगर अपने गले में पहने लाकेट को बाहर करता है तो वो बुकी बोले तो दलाल को कुछ संदेश दे रहा है। अगर हाथ में पहने घड़ी को घुमाता है तो वो कोई इशारा कर रहा है। अगर अपनी जर्सी से मुंह पोछता है तो ये उसका कोड वर्ड है। अगर वो तौलिये के साथ गेंदबाजी करता है तो इसका मतलब कुछ है और तौलिया हटा देता है तो इसका मतलब कुछ और हो जाता है। इशारों में होने वाली बात का खुलासा आज दिल्ली पुलिस ने किया तो सच कहूं मैं तो दंग रह गया। मैदान में होने वाली इन हरकतों पर ये खिलाड़ी करोडों का वारा न्यारा करते हैं और हम सोचते हैं कि बेचारा कितना मेहनत कर रहा है कि पसीने-पसीने हो गया। जबकि वो पसीना बहाने का पैसा फ्रैंचाइजी से और पसीना पोछने का पैसा देश के बाहर बैठे दल्लों से वसूलता है।
दो बातें क्रिकेटर श्रीसंत की। केरल के क्रिकेट खिलाड़ी और तेज़ गेंदबाज़ श्रीसंत की गणना उन खिलाड़ियों में होती है जो हमेशा विवादों में रहता है। सच तो यही है कि अपने व्यवहार की वजह से ही वो भारतीय टीम से बाहर है। कहा जा रहा है कि उसके इसी गंदे व्यवहार के कारण ही कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से संबंध बहुत मधुर नहीं है। श्रीसंत के गिरफ्तार होने के बाद उसके परिवार वालों ने धोनी और भज्जी पर आरोप लगाया कि इसके पीछे उनकी साजिश है। मुझे हैरानी ये जानकर भी हुई कि उसे खेल के मैदान में भज्जी ने थप्पड़ मारा भी या नहीं, ये थप्पड़ भी फिक्स बताया जा रहा है। श्रीसंत ने खुद ही एक ट्विट के जरिए अपने थप्पड़ पर विवाद खड़ा कर दिया। क्रिकेट प्रेमियों को याद होगा कि 2008 में एक आईपीएल मैच के दौरान हरभजन सिंह के कथित चाँटे के बाद वो कैमरे पर फूट-फूट कर रोता दिखाई दिया और बाद में उसने एक ट्विट करके कहा कि वो सब योजनाबद्ध था और उन्हें चाँटा मारा ही नहीं गया। बहरहाल श्रीसंत तो हमेशा विवादित रहा है, सच कहूं तो अब उसकी बातों को ज्यादा गंभीरता से लेने की जरूरत भी नहीं है। मेरा मन कहता है कि वो पैसे के लिए अब कुछ भी कर सकता है।
वैसे मुझे इन दो खिलाडि़यों से जरूर सहानभूति है। मैं नहीं जानता कि स्पाँट फिक्सिंग में ये शामिल हैं या नहीं। लेकिन अंकित अनिल चव्हाण और अजीत चंडीला दोनों ही रणजी खिलाड़ी हैं । बाएँ हाथ के बल्लेबाज़ अंकित मुंबई के लिए खेलते हैं जबकि अजीत चंडीला हरियाणा के लिए मैदान में उतरता है। अभी इनका क्रिकेट में इनका बहुत कैरियर है, ऐसे में ये खेल पर ध्यान देने के बजाए पैसे की ओर भागेंगे, मुझे तो नही लगता, पर अब तो क्रिकेट मैदान में नहीं सट्टेबाजों की टेबिल पर खेली जाती है। कहा जा रहा है कि आईपीएल में 40 हजार करोड़ का सट्टा दांव पर लगा है। सट्टेबाज आईपीएल 6 का चैंपियन अभी से मुंबई इंडियन को बता रहे हैं, अगर कुछ ऐसा होता है तो मुझे भी लगेगा कि हां ये खेल मैदान में नहीं होता है बल्कि ये सट्टेबाजों की टेबिल पर होता है। चलिए हम सब इंतजार करते हैं, अब तो आईपीएल आखिरी दौर में पहुंच ही चुका है।
.पूर्णतया सहमत बिल्कुल सही कहा है आपने .सार्थक जानकारी.आभार . ये गाँधी के सपनों का भारत नहीं .
ReplyDeleteआभार शालिनी जी
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शुक्रवार (17-05-2013) के राजनितिक वंशवाद की फलती फूलती वंशबेल : चर्चा मंच-...1247 में मयंक का कोना पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत बहुत आभार शास्त्री जी
Deleteसदमें में हूँ इस खबर से..
ReplyDeleteशुक्रिया अमृता जी
Deleteआईपीएल तो असल में इंडियन फिक्सिंग लीग हि है जिसमें हर कोई पैसा कमा रहा है लेकिन दोष बीसीसीआई को देनें से पहले जनता कि मूर्खता को देना चाहिए जो तड़क भड़क वाले इस फार्मेट पर बेमतलब का पैसा लुटा रही है और बीसीसीआई नें तो इसको शुरू हि पैसा कमाने के लिए हि किया था अगर इसके पीछे क्रिकेट हि होता तो आईसीएल क्या बुरा था !
ReplyDeleteहां, बात तो आपकी सही है,
Deleteलेकिन हम तो मनोरंजन के लिए जाते हैं...
श्रीसंत विवादित खिलाडी था पर इतना नीचे गिर जाएगा ये न सोचे थे सदमें में हूँ....
ReplyDeleteजी, बिल्कुल सहमत हूं
Deleteआभार
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार(18-5-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
ReplyDeleteसूचनार्थ!
बहुत बहुत आभार...
Deleteसच कहा महेन्द्र जी ..अब तो आईपीएल आखिरी दौर में पहुंच ही चुका है। कोई शक नहीं...
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार..
Deleteशर्मनाक घटना....
ReplyDeleteबिल्कुल, ये तो है।
Deleteab samy aa gaya hai ki is khel me laga karoodo rupaya desh ki arthvyavastha sudharne me lagana chahiye aur kuchh salon ke liye ye sharmnaak tamasha prayshchit ke liye band karna chahiye ...rochak report..
ReplyDeleteमुझे लगता है कि क्रिकेट को देशवासी बहुत ज्यादा पसंद करते हैं।इसलिए इस पर रोक तो ठीक नहीं, लेकिन पकड़े गए खिलाड़ियों को सख्त सजा होनी ही चाहिए।
Deletekriket ke is tamashe ke madari ke aage sabhi naachne ko majbur hain aage aage dekhiye hota hai kya............
ReplyDeleteजी बात तो सही है,
Deleteआभार
जब सबसे बड़े सट्टेबाज इस खेल के साथ जुड़े हुए हैं (में खिलाड़ियों की बात नहीं कर रहा) तो इन छोटी मछलियों को पकड़ने का क्या फायदा ... दरअसल आई वाश के सिवा कुछ नहीं है ये ... इमानदारी कहीं नहीं है ...
ReplyDeleteसहमत हूं मैं, इसकी बहुत बारीकी से जांच होनी चाहिए..
Deleteआभार
खेल भावना नहीं रही इस खेल में सिर्फ पैसा - पैसा और सिर्फ पैसा
ReplyDeleteजी, सहमत हूं।
Deleteआभार
वाकई पाप लीग है भाई
ReplyDeleteइंडियन पापी लोग----I P L
बेहतरीन रपट
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई
बहुत बहुत आभार
Deleteमै भी हैरान हूँ खबर देख पढ़कर, एक अच्छी विस्तृत रिपोर्ट
ReplyDeleteपेश की है आपने ...आभार !
क्रिकेट प्रेमियों के लिए IPL वैसे भी किसी बड़े तमाशे के अतिरिक्त और कुछ नहीं है ....और इस तरह के मैच फिक्सिंग हम पहले भी सुनते आए हैं पर इस बार खिलाड़ी रंगे हाथों पकड़ लिए गए हैं
ReplyDeleteबिल्कुल सही, सिर्फ तमाशा है।
Deleteलेकिन अब तमाशा कई जगह होने लगा है,
ब्लाग पर भी, ब्लागर्स में भी
आभार
आईपीएल सिर्फ पैसे वालों ke लिए ek धंधा है और कुछ नहीं, जो खिलाड़ी पहले hi बिक जाते है। उन पर भरोसा कैसे kiya जाए। मेरा मानना है की आईपीएल मे सत्ते को कानूनी मान्यता दे देनी चाहिए। भारत मे फूहड़ता और अंग प्रदर्शन तथा भ्रस्टाचार का इससे बड़ा उदाहरण कुछ नहीं है।
ReplyDeleteआईपीएल सिर्फ पैसे वालों ke लिए ek धंधा है और कुछ नहीं, जो खिलाड़ी पहले hi बिक जाते है। उन पर भरोसा कैसे kiya जाए। मेरा मानना है की आईपीएल मे सत्ते को कानूनी मान्यता दे देनी चाहिए। भारत मे फूहड़ता और अंग प्रदर्शन तथा भ्रस्टाचार का इससे बड़ा उदाहरण कुछ नहीं है।
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