tag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post4905175942009842390..comments2024-03-10T14:15:31.124+05:30Comments on आधा सच...: तुम मुझे पंत कहो, मैं तुम्हें निराला.....महेन्द्र श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/18051207879771385090noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-82414598315465606222018-12-03T21:02:15.386+05:302018-12-03T21:02:15.386+05:30Ye kahawat tum mujhe panth kaho me tumhe nirala ga...Ye kahawat tum mujhe panth kaho me tumhe nirala gagar me sagar bharne jaisi hai<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13634419098249446810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-11310796601618709122012-05-23T22:13:10.141+05:302012-05-23T22:13:10.141+05:30एकला चलो रे...एकला चलो रे...Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-4152616922431374542012-03-23T22:17:55.432+05:302012-03-23T22:17:55.432+05:30रजनी मल्होत्रा अय्यर जी से सहमत हूँरजनी मल्होत्रा अय्यर जी से सहमत हूँ Bhawna Kukretihttps://www.blogger.com/profile/01524665656092886448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-55852661459604789142012-03-23T22:17:37.823+05:302012-03-23T22:17:37.823+05:30रजनी मल्होत्रा अय्यर जी से सहमत हूँरजनी मल्होत्रा अय्यर जी से सहमत हूँ Bhawna Kukretihttps://www.blogger.com/profile/01524665656092886448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-43781399549599502812011-09-21T14:55:28.987+05:302011-09-21T14:55:28.987+05:30सही कह रहे हैं आप सहमत हूँसही कह रहे हैं आप सहमत हूँसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-91631048050814159232011-09-15T07:39:40.666+05:302011-09-15T07:39:40.666+05:30महेंद्र जी, ब्लॉग जगत भी शायद हमारे हिन्दुस्तानी प...महेंद्र जी, ब्लॉग जगत भी शायद हमारे हिन्दुस्तानी परम्परा का निर्वाह कर रहा है ... इसलिए ५-६ साल हो गए ... ३०००० से ऊपर हिंदी ब्लॉग हो गए पर जात-पात, धर्म-मज़हब, प्रांतीयता से ऊपर नहीं उठ पाए ... हर जगह गुटबाजी दिखती है, चाहे उसका आधार कुछ भी हो ...आपका लेख बढ़िया है ... आपकी सभी बातों से सहमत हूँ ... खासकर चर्चाकारों के बारे में आपका राय सही है ... अपने गुट के लोगों के लिंक जोड़ना कोई चर्चा नहीं है ... ब्लॉग और पोस्ट की गुणबत्ता सबसे ज्यादा महत्व रखती है ...Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-52535674299029913412011-09-10T15:24:00.002+05:302011-09-10T15:24:00.002+05:30सहमत हूँ आपके सवालातों से, पर कुछ प्रश्न मेरे भी ...सहमत हूँ आपके सवालातों से, पर कुछ प्रश्न मेरे भी मन में आ रहे ......जैसे बहुत से ब्लोगर्स अपनी व्यस्तम ज़िन्दगी से समय निकालकर किसी के पोस्ट पढ़ते हैं पर वो पोस्ट लिखनेवाले को सही या गलत विचार हैं उस पोस्ट में नहीं अवगत करा पाते शायद उनका डर की वो ऐसा बोल कर किसी बवाल में ना पड़ जाएँ क्योंकि बहुत से स्थानों में ऐसा हो जाता है लोग पड़ना नहीं चाहते झमेलों में, दूसरी बात ये भी हो सकती है की लिखनेवाले को ही ख़ुद बुरा ना लगे उसके पोस्ट को वाहवाही की जगह खामियां गिनानेवाले मिले,क्योंकि आज के दौर में बहुत कम लोग अपनी प्रशंशा की जगह अपनी कमियां सुनना चहते हैं. .और जहाँ तक कॉपी पेस्ट की बात है तो जहाँ बड़े बड़े गुरुजनों के कमेंट्स जब अच्छे होते हैं तो लोग अनुकरण कर लेते हैं अपनी समय बचा कर या अनुभव की कमी की वजह हो सकती है ऐसे में.. मेरे विचार आहात करनेवाले उदेश्य से नहीं ये मेरा अपना मानना है ...डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-10459778178132383232011-09-09T16:59:35.196+05:302011-09-09T16:59:35.196+05:30Hi I really liked your blog.
I own a website. Wh...Hi I really liked your blog.<br /> <br />I own a website. Which is a global platform for all the artists, whether they are poets, writers, or painters etc.<br />We publish the best Content, under the writers name. <br />I really liked the quality of your content. and we would love to publish your content as well. All of your content would be published under your name, so that you can get all the credit <br /><br />for the content. This is totally free of cost, and all the copy rights will remain with you. For better understanding,<br />You can Check the Hindi Corner, literature and editorial section of our website and the content shared by different writers and poets. Kindly Reply if you are intersted in it. <br /><br />http://www.catchmypost.com<br /><br />and kindly reply on mypost@catchmypost.comOjaswi Kaushalhttp://www.catchmypost.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-32556858462559901842011-09-09T12:09:23.906+05:302011-09-09T12:09:23.906+05:30सर जी,
कुछ सहमत हूँ और कुछ असहमत हूँ! वैसे पोस्ट ...सर जी, <br />कुछ सहमत हूँ और कुछ असहमत हूँ! वैसे पोस्ट का शीर्षक बेहद पसंद आया! आपने जो आईना दिखाने की कोशिश की है<br />उसके लिए आपका आभार!वीरेंद्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05613141957184614737noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-18942089717567050892011-09-08T16:31:01.254+05:302011-09-08T16:31:01.254+05:30badiya hai :-)badiya hai :-)farheenhttps://www.blogger.com/profile/15184023682708394467noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-69546481900177725322011-09-08T15:14:39.741+05:302011-09-08T15:14:39.741+05:30मित्रों,
इस विचार को यहां दर्ज कराने के दौरान मुझे...मित्रों,<br />इस विचार को यहां दर्ज कराने के दौरान मुझे लगा था कि इस पर मुझे लोगों की तीखी प्रतिक्रिया का सामना करना होगा। लेकिन जिस तरह से आप सभी ने समर्थन दिया है, उससे लगता है कि सब लोग ब्लाग परिवार को बेहतर करना चाहते हैं। <br />उन्हें भी लगता है कि हां सभी के साथ सामान व्यवहार होना चाहिए। तो सबसे पहले चर्चाकारों ब्लाग की चर्चा के दौरान भेदभाव बंद कर दें।महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-5602438777432830652011-09-07T18:04:49.667+05:302011-09-07T18:04:49.667+05:30aap koi mudda khojiyae aur us par likhna shuru kij...aap koi mudda khojiyae aur us par likhna shuru kijiyae <br />tippniyon aur charcha ki chinta naa karey <br /><br />aap ke paas blog kae rup me ek maadhyam haen jo aap ki baat ko jagah jagah pahuchaa saktaa haen <br /><br />yae aabhasi duniya haen yahaan parivaar jo log banaa rahey haen wo galat kar rahae haen <br /><br />blog parivaar banaanae sae hi samsyaa haen kyuki is ki vajah sae riyal duniya ki tarah sabka jhukaav apnae gut ki taraf hi hotaa haen <br /><br />aur jyadaa padhiyae shuru mae taaki aap ko pataa chalae ki ab tak kehaa kyaa kehaa jaa chukaa haen aur kahin aap usko mehaj repeat hi to nahin kar rahey haenरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-61816829454112190752011-09-07T12:54:17.938+05:302011-09-07T12:54:17.938+05:30महेंद्र जी.मैं तो इस ब्लांग की दुनिया में नई हूँ.....महेंद्र जी.मैं तो इस ब्लांग की दुनिया में नई हूँ..यहाँ तो बहुत अनुभवी विद्वान और गुणीजन बैठे हैं.मै तो आप सब को देख और पढ़ कर सीख रही हूँ. मेरी तो यही पाठ्शाला है इस हिसाब से मै अभी सिर्फ पहली कक्षा की विद्यार्थी हूँ.....जैसा पाठ मिलेगा वही सीखूँगी...इसमें बुरा मानने वाली कोई बात नही...वैसे मै प्रवीण पाण्डे जी की बात से सहमत हूँ.'धीरे धीरे गुणवत्ता भी छन कर आयेगी।'...वैसे आप सच कह कर सब की आँखे खोल रहे हैं....Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-9848542853646109882011-09-07T12:07:44.604+05:302011-09-07T12:07:44.604+05:30आजकल ब्लॉग लेखन एक फैशन की तरह है जिसमें गंभीरता औ...आजकल ब्लॉग लेखन एक फैशन की तरह है जिसमें गंभीरता और जिम्मेदारी कम ही देखने को मिलती है। अक्सर ये देखा गया है कि लोग कहते हैं कि आपको पता है कि मैंने फलाना विषय पर एक बढ़िया लेख लिखा है अपने ब्लॉग पर। आप उसे जरूर पढ़ें। इसमें कोई बुराई नहीं। लिखना सबका हक है। लेकिन कम से कम लिखने के दौरान इस बात का खास ख्याल जरूर रखा जाना चाहिए कि जिस भी विषय से संबिधित लेख लिखा जा रहा है उसमें गंभीरता हो स्थूलता नहीं। और जो लोग उस ब्लॉग पर टिप्पणी कर रहें हैं अगर वो टिप्पणी लेख से संबधित हो तो चर्चा आगो बढ़ाने में मदद मिलती है और चर्चा भी एक सार्थक नतीजे पर पहुंचती है।Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/11554181871447936478noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-77734840330448585222011-09-06T23:36:21.017+05:302011-09-06T23:36:21.017+05:30बिलकुल सही कह रहे हैं आप ये तो होना ही चाहिए...बिलकुल सही कह रहे हैं आप ये तो होना ही चाहिए टिपण्णी तो आलेख या कविता पर ही होनी चाहिए.Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-5392333023182848752011-09-06T22:53:20.997+05:302011-09-06T22:53:20.997+05:30तुम मुझे पंत कहो, मैं तुम्हें निराला.....
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:)...तुम मुझे पंत कहो, मैं तुम्हें निराला.....<br />----<br /><br />:) आपने तो पूरा का पूरा सच कह डाला आज ..... हाँ यही स्थिति है जो दुखद भी है :( डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-37010318084779513622011-09-06T19:28:53.769+05:302011-09-06T19:28:53.769+05:30धीरे धीरे गुणवत्ता भी छन कर आयेगी।धीरे धीरे गुणवत्ता भी छन कर आयेगी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-90048598163901251852011-09-06T18:37:09.863+05:302011-09-06T18:37:09.863+05:30और हां यहां भी मैने तमाम बुजुर्गों को अन्ना के साथ...और हां यहां भी मैने तमाम बुजुर्गों को अन्ना के साथ खडे़ देखा है। ब्लाग पर भी खूब नारे लगे हैं, मैं भी अन्ना, तू भी अन्ना, अब तो सारा देश है अन्ना। अन्ना को समर्थन देंने से बेहतर है कि लोग ईमानदारी का शपथ लें। चलिए मित्रों बंद करता हूं हम सभी घर बनाने की कोशिश करेंगे गिरोह नहीं। <br /><br />आपको अन्ना से इतनी एलर्जी क्यूँ है ?<br /><br />क्या अन्ना को समर्थन करना बेईमानी है ?<br /><br />मैं आपकी इन बातों से सहमत हूँ कि लोग ईमानदार की शपथ लें और ईमानदारी का अनुकरण करने की कोशिश भी करें.तथा <br />हम सब घर बंनाने की कोशिश करें ,गिरोह नहीं.<br /><br />आपका विवेचन सार्थक और विचारणीय है.<br /><br />आभार.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-32668382677669189122011-09-06T18:25:54.611+05:302011-09-06T18:25:54.611+05:30हमे अगर कोई रचना अच्छी लगती है तो बगैर बदले के उस ...हमे अगर कोई रचना अच्छी लगती है तो बगैर बदले के उस पर टिप्पणी कर देते हैं अन्यथा नहीं करते हैं ,थोथी तारीफ पसंद नहीं करते हैं। वैसे आपका लिखना तथ्यपरक है ,यही अनुभव मे आ रहा है। रचना पर टिप्पणी करने का मतलब है उसे पूरा पढ़ना और समझना पड़ेगा। लोग भागमभाग मे रहते हैं ,दिमाग खर्च ही नहीं करना चाहते। मेरे राय मे आपके सुझावों पर अमल किया जाना चाहिए।vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-77595278620513134942011-09-06T17:45:24.623+05:302011-09-06T17:45:24.623+05:30जरुर महेंद्र भाई ||
लगा रहता हूँ
हमेशा सु...जरुर महेंद्र भाई ||<br /><br /> <br /><br />लगा रहता हूँ <br /><br /> <br /><br />हमेशा सुधार करने की कोशिश में ||<br /><br /><br />बधाई |<br /><br /><br />सत्य <br /><br /> <br /><br />बिना लाग-लपेट के |रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-48278285797999534722011-09-06T17:31:48.035+05:302011-09-06T17:31:48.035+05:30आपकी कलम को द्रोणाचार्य ने वाण में तब्दील कर दिया ...आपकी कलम को द्रोणाचार्य ने वाण में तब्दील कर दिया है ... जाने कितनी मछलियों के आँख भेद डाले ....रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-87311381900285281162011-09-06T17:30:59.441+05:302011-09-06T17:30:59.441+05:30हम सभी घर बनाने की कोशिश करेंगे गिरोह नहीं।|
आँख ...हम सभी घर बनाने की कोशिश करेंगे गिरोह नहीं।|<br /><br />आँख खोलने वाला लेख ||<br /> <br />एक-एक पंक्ति आग<br />जाग चर्चाकर जाग |<br /><br />नए ब्लोगर्स को जोड़ -<br />मत छोड़ मत भाग ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-49507112819985214552011-09-06T17:30:38.254+05:302011-09-06T17:30:38.254+05:30महेंद्र जी आपकी इस पोस्ट को पढने के बाद के बाद मै ...महेंद्र जी आपकी इस पोस्ट को पढने के बाद के बाद मै खुद को भी इस का हिस्सा मानती हूँ ....बहुत हद तक आपकी बात में सच्चाई है ....इस आदान प्रदान की प्रक्रिया से हम सभी ब्लोगर झूझ रहे हैं ...पर कोई कुछ कहें नहीं सकता ....ऐसा लगता है की आवाज़ उठाने पर ....हमको ब्लोगर परिवार से निष्काषित कर दिया जायेगा ....आप बता सकते है कि...इस का सीधा सा कोई रास्ता है ...Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-29163568744961001522011-09-06T17:30:06.424+05:302011-09-06T17:30:06.424+05:30महेंद्र जी..यह सब कुछ इस ब्लॉग जगत के लिए सालों से...महेंद्र जी..यह सब कुछ इस ब्लॉग जगत के लिए सालों से सुनते आ रहे हैं,२००७ से देख रही हूँ....कुछ बदला नहीं ..हाँ ,गुट ज़रूर टूटे बनते रहते हैं.<br />बहुत सी पोस्ट /झगड़े/बहसें इस विषय पर यहाँ हो चुकी हैं.टिप्पणी का कट- पेस्ट ..एक दूसरे की पीठ थपथपाना ..बिना पढ़े पोस्ट पर टिपिया देना..किसी की मृत्यु की खबर पर 'बहुत सुन्दर'लिख देना आदि -आदि सब कुछ 'ब्लोगिया पुरातन काल' से चला आ रहा है.<br />आप को शायद मालूम नहीं होगा इसी गुटबाजी आदि के चलते परेशान हो कर दो बहुत अच्छे अग्रीग्रेटर 'ब्लोगवाणी और चिट्ठाजगत 'बंद हो चुके हैं.<br />नए ब्लोगर इन सब से आहत होते हैं इसमें कोई दो राय नहीं.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.com