tag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post5068039451892902248..comments2024-03-10T14:15:31.124+05:30Comments on आधा सच...: सम्मान समारोह : ब्लागिंग का ब्लैक डे !महेन्द्र श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/18051207879771385090noreply@blogger.comBlogger137125tag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-36477452128404537562018-02-04T12:56:33.737+05:302018-02-04T12:56:33.737+05:30achhi ladai
https://raijeee.blogspot.inachhi ladai<br />https://raijeee.blogspot.inRohit raihttps://www.blogger.com/profile/14897870500385294675noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-33105606083515411742013-05-27T08:58:43.173+05:302013-05-27T08:58:43.173+05:30बढियाबढियामहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-8026115288820362992013-05-27T08:58:10.107+05:302013-05-27T08:58:10.107+05:30ये पोस्ट पिछले साल एक सितंबर को लगाई गई है और नौ म...ये पोस्ट पिछले साल एक सितंबर को लगाई गई है और नौ महीने बाद आप तक पहुंच पाई। <br />इन नौ महीनों में तो बहुत सारे चेहरों की असलियत मेरे सामने है। रही बात शास्त्री जी और शिखा जी का मामला, ये कोई मुद्दा नहीं था। कुछ चंपू टाइप के ब्लागर्स ने इसे तूल दे दिया। <br />मैने तो सिर्फ इतना कहा कि शास्त्री जी एक उम्रदराज, अनुभवी ऐसे ब्लागर हैं जिनका हम सब सम्मान करते हैं। शिखा उनसे बहुत छोटी हैं, अगर वो उन्हें सम्मान देती तो उनका कद और बढ़ जाता। इसमें मैने शिखा को कैसे अपमानित कर दिया। खैर अब ये बात बहुत पुरानी हो गई है। <br />लेकिन आप मेरी बातों से सहमत हैं, ये मेरे लिए अच्छी बात है। आपका बहुत बहुत आभार..महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-56328171747435154462013-05-26T22:08:12.648+05:302013-05-26T22:08:12.648+05:30hahaha
पढ़कर बहुत मजा आया और याद आ गया मुझे भी एक ...hahaha<br />पढ़कर बहुत मजा आया और याद आ गया मुझे भी एक इसी तरह के टॉपिक पर लिखना था समय के आभाव के कारण नहीं लिख पाई एक और सम्मान समारोह जिसमें मुझे शामिल होने का मौका मिला जल्दी ही पहुंचाती हूँ आप सब तक <br />आपकी post के बारे में इतने सारे comments पढ़कर यही समझ आया कि आपने एक सही मुद्दा उठाया ,चाहे आधा ही सच सामने लाये ,बाकि मेरा यही कहना है कि हरेक की अपनी राय है जो बखूबी हरेक ने आप तक पहुंचाई ,इसमें शास्त्री जी को या शिखा जी को मुद्दा न बना कर सही बात कह दी जाती तो बहुत बढ़िया होता Guzarishhttps://www.blogger.com/profile/11205127840621066197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-31778135466889609832012-12-02T00:41:43.573+05:302012-12-02T00:41:43.573+05:30पता नही किस ब्लॉग के कौन से लिंक को क्लिक करक्र यह...पता नही किस ब्लॉग के कौन से लिंक को क्लिक करक्र यहा तक पहुंच गया , जो भी हो मगर आप सब के कॉमेंट्स को पढ कर लगता है बड़ी जोरदार कॉमेडी का सा सीन क्रियेट हो रहा है .... कुछ पुरानी कहावते याद आ रही है पेश-ए-खिदमत है ...नोश फरमाइये <br />1) मुद्दई सुस्त गवाह चुस्त :)) जिन रूपचन्द्र शास्त्री जी के सम्मान को लेकर मुद्दा उठाया गया है ...काश आयोजन के विरोध मे उनका एक (फकत एक) कॉमेंट भी कही दिख जाता तो कलेजे को ठंडक पड जाती :))<br />2) सूट ना कपास जुलाहो मे लट्ठम लट्ठा :)) ...भाई आप लोग तो ऐसे तलवारे भांज रहे हो मानो मामला ऑस्कर अवॉर्ड का हो :))<br />3) जंगल मे जब आग लगती है तो सबसे पहले चूहे भागते है (जो जमीन के भीतर बिल मे रहते है :)) .... ब्लॉग जगत की जितनी भी कशमकश वाली खबरे देखने मे आई उसमे "अनिवार्य रूप से" सालीम-जमाल ब्रदर्स के मालिकाना हक वाली लखनौ ब्लॉगर्स असोसियेशन के दीदार जरूर हुए :))<br />4-चलते-2 अपनी राय ....पहला आयोजन तमाम खूबीयो-खामियो के बावजूद हमेशा आगे के सफल आयोजनो की बुनियाद होहा है आगे से ऐसा कोई भी आयोजन कीजिये तो सम्मानित होनेवाले ब्लॉगर को चुनने के नियमो मे स्पष्टता लायेंगे तो सभी के लिये बेहतर होगा...आप सब हिन्दी ब्लॉग्गिंग के क्षेत्र मे बिना कोई पैसा लिये अपना समय और एनर्जी देते है जो काबिले तारीफ है इसे आपसी टू-टू मे-मे मे खर्च मत कीजिये.:)<br />5-अंत मे मोरल ऑफ दा स्टोरी ....हमारा नाम शरद् है और आप सब के मधुर वचनो को पढ कर हमे अत्यंत प्रसन्नता हुई है कि आज तक अपना खुद का एक भी ब्लॉग ना लिख कर हमने कोई गलती नही की है :)) फिलहाल नवभारत टाईमेस पर शरद ओन एन बी टी के नाम से आप सरीखे ब्लॉगर्स बुढ़िजीवीयो के दिल बहलाव की अवेटनिक सेवाये दे रहे है ...सभी को शुभकामनाये Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-45065937822650213412012-09-20T18:18:09.016+05:302012-09-20T18:18:09.016+05:30हाहाहहाहाहाह
सही कहा आपने, ऐसा भी होता हैहाहाहहाहाहाह<br />सही कहा आपने, ऐसा भी होता हैमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-88177985706049296672012-09-20T17:07:44.693+05:302012-09-20T17:07:44.693+05:30कभी ये लखनऊ ब्लॉगर एसोशियेशन के कंधे पर बन्दुक रख ...कभी ये लखनऊ ब्लॉगर एसोशियेशन के कंधे पर बन्दुक रख कर अपना उल्लू शीधा करते रहे हैं, अब उनकी समस्या है कैसे भी वो ब्लॉग के बेताज बने रहे... जनाब ब्लॉग किसी की बपौती नहीं... <br />इतना बड़ा सम्मान हुआ... हा हा हा ! उसे अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सामान टाईप का नाम दिया गया अखबार (अभी कहो तो मैं भी कल अपने ऑफिस में चन्द ब्लोगर जोड़ के "अन्तराष्ट्रीय की अम्माँ ब्लोगर सम्मान" नाम दे दूं और खबर में छपवा दूं) में अपने नज़दीकी लोग से ये खबर छपवा दूं... सलीम के बिना लखनऊ में ब्लोगर सम्मान !!! और वोही लोग इसमें हैं जो मेरे अभिन्न साथी थे... शर्म आती है...!Saleem Khanhttps://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-8646474214242241992012-09-16T23:15:04.584+05:302012-09-16T23:15:04.584+05:30हां बात तो आपकी भी सही है,
लेकिन ये बात कुछ दूसरों...हां बात तो आपकी भी सही है,<br />लेकिन ये बात कुछ दूसरों की भी समझ में आ जाए तो क्या कहनेमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-12845126231815848672012-09-16T23:14:13.381+05:302012-09-16T23:14:13.381+05:30होती रहती है बड़े बडे लोगों में छोटी छोटी बातें..
...होती रहती है बड़े बडे लोगों में छोटी छोटी बातें..<br />महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-20039477627211492122012-09-16T23:13:26.815+05:302012-09-16T23:13:26.815+05:30आपको भी बहुत बहुत मुबारक हो सरआपको भी बहुत बहुत मुबारक हो सरमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-23761962291408827312012-09-16T23:13:04.041+05:302012-09-16T23:13:04.041+05:30आप जो भी कहिए..
बहुत वरिष्ठ ब्लागर है आप, कुछ नहीं...आप जो भी कहिए..<br />बहुत वरिष्ठ ब्लागर है आप, कुछ नहीं कहना मुझे<br />आपकी बात को मैं हू ब हू स्वीकर कर लेता हूंमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-60580995734438102782012-09-16T23:11:47.628+05:302012-09-16T23:11:47.628+05:30ओके डाक्टर साहब..
शुक्रियाओके डाक्टर साहब..<br />शुक्रियामहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-32196272615156043062012-09-16T23:11:16.376+05:302012-09-16T23:11:16.376+05:30हाहाहहाहाहहा
चलिए अच्छा है, आपने भी अपने कर्ज और ...हाहाहहाहाहहा<br /><br />चलिए अच्छा है, आपने भी अपने कर्ज और फर्ज की अदायगी कर दी। वरना एक 18 दिन बाद पोस्ट पर आने का क्या मतलब था.. भेजा गया है ना आपको... लेकिन स्वागत है...महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-53981271287008270412012-09-16T22:55:22.949+05:302012-09-16T22:55:22.949+05:30आधा सच या आधा झूठ और दूसरी बात सिर्फ़ ये कि ब्लॉगिं...आधा सच या आधा झूठ और दूसरी बात सिर्फ़ ये कि ब्लॉगिंग का ब्लैक डे रहा या नहीं ये तो खुद वक्त तय कर देगा मगर बेनामी सुनामी टिप्पणियों के बाद इसे ब्लैक पोस्ट के रूप में जरूर याद रखा जाएगा । शेष समय साक्षी रहा है यहां सबके शब्दों और विचारों का । सम्मान...... ब्लैक डे तो यकीनन किसी दिन अपमान से इसे व्हाइट डे में जरूर तब्दील किया जाएगा ।अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-37952209992288305242012-09-14T13:08:43.194+05:302012-09-14T13:08:43.194+05:30121 कमेंट्स मिलना एक ऐसी ख़बर बन गई है जिसका चर्चा...121 कमेंट्स मिलना एक ऐसी ख़बर बन गई है जिसका चर्चा ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ पर आ चुका है।<br />देखें-<br />http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/09/121-comments.htmlDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-25998413383885674762012-09-14T07:08:56.629+05:302012-09-14T07:08:56.629+05:30 हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ...हिन्दी में ही... हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ...हिन्दी में ही!! :) Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-69612838967632152322012-09-13T06:21:04.839+05:302012-09-13T06:21:04.839+05:30जी चाहता है तोड़ दूं शीशा फरेब का......
-सबःइ का ...जी चाहता है तोड़ दूं शीशा फरेब का......<br /><br />-सबःइ का यही जी चाहता है मगर एक समाजिक बंधन और मर्यादा नाम की चीज होती है सो कोई तोड़ता नहीं....<br /><br /><br />कितनी महीन और बारीक रेखा है...तर्क और कुतर्क के बीच....लगभग अदृष्य!!<br /><br />है न!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-62448344770748965672012-09-09T09:18:05.452+05:302012-09-09T09:18:05.452+05:30संतोष जी मैने आपके लिए ऐसा नहीं कहा...क्यों हर जगह...संतोष जी मैने आपके लिए ऐसा नहीं कहा...क्यों हर जगह खुद को फिट करने की कोशिश करते हैं। महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-48839754369108465602012-09-09T07:23:14.327+05:302012-09-09T07:23:14.327+05:30वाह,महेंद्र भाई !क्या हमारी क़ीमत लगाई है...दो कौड़ी...वाह,महेंद्र भाई !क्या हमारी क़ीमत लगाई है...दो कौड़ी ! क्या इसी से आपका बड़प्पन पता नहीं चलता ?संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-14496616268797134972012-09-08T13:06:27.710+05:302012-09-08T13:06:27.710+05:30I believe Bloggers either of Hindi or English are ...I believe Bloggers either of Hindi or English are intellectuals who keep an eye on the happenings around themselves. Spirit of competition is always there as it is a part of humane nature, but when recognition is added to competition , it tends to turn in a dirty game. As far as organisers are concerned they have to put their moral at bay to make their programme success or they have to lighten their pockets and the easier one is the ultimate choice. Who cares of people after the show !!!! (Sorry for my comment in English as I am still in a learning stage of Hindi typing.) Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01271447153891551333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-3002072885589477492012-09-08T10:46:48.326+05:302012-09-08T10:46:48.326+05:30आदरणीय महेंद्र श्रीवास्तव जी और पक्षी-विपक्षी सभी ...आदरणीय महेंद्र श्रीवास्तव जी और पक्षी-विपक्षी सभी अन्य कमेंटकारी ब्लॉगर्स से विनती है कि काफ़ी सारी बोझिल बातों के बाद हमें थोड़ी हल्की फुल्की बातें भी कर लेनी चाहिएं ताकि हम सबका मन भी बहल जाए और वह उपाय भी सामने आ जाए, जिसके ज़रिये विश्वासहीनता के इस दौर में भी बड़े ब्लॉगर आपसी विश्वास को क़ायम रखे हुए हैं।<br /><br />कृप्या देखिए हमारी नई पोस्ट और कमेंट अवश्य दें-<br /><b>‘लंगोटिया ब्लॉगिंग‘: परिभाषा, उपयोग और सावधानियां Hindi Blogging</b><br />http://tobeabigblogger.blogspot.in/2012/09/hindi-blogging.htmlDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-73568170994219486142012-09-08T00:55:41.568+05:302012-09-08T00:55:41.568+05:30जी बात बेनामी के तौर पर की गई है, इसलिए इसका मतलब ...जी बात बेनामी के तौर पर की गई है, इसलिए इसका मतलब ये नहीं कि इस पर भरोसा ना किया जाए..<br />पर बात में दम हैं, लगता तो यही है कि बेनामी के तौर पर जो भी सज्जन ये हैं, उनके पास अच्छी जानकारी है,पर ये दो कौडी के लोगों के साथ बहस में नहीं पड़ना चाहते...महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-6302036924428620992012-09-08T00:53:24.416+05:302012-09-08T00:53:24.416+05:30ओह ऐसा भी होता है....
चलिए जी और ब्लागर तो जान लें...ओह ऐसा भी होता है....<br />चलिए जी और ब्लागर तो जान लें असल सच्चाईमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-84579212315769678342012-09-07T21:45:30.268+05:302012-09-07T21:45:30.268+05:30सम्मान बांटने की होल-सोल एजेंसी वाले तो इस तरह खौर...<b>सम्मान बांटने की होल-सोल एजेंसी वाले तो इस तरह खौरिया रहे हैं जैसे किसी ने इनकी दुम पर पैर रख दिया हो. ये लोग क्यूँ नहीं सोच पा रहे हैं कि अगर दस-बीस लोग मुखर विरोध कर रहे हैं तो पचासों ऐसे ब्लॉगर भी हैं जो रिश्ते बिगड़ने के डर से मौन हैं. वैसे भी आम जन मानस चुप ही रहना बेहतर समझता है लेकिन जो गलत है वो गलत ही रहेगा. <br />फुरसतिया जी ने जिन मुद्दों को उठाया था, उसका जवाब किसी भी मठाधीश ने आज तक क्यों नहीं दिया? मैं तो कहता हूँ कि अभी भी क्या देर हुयी है? जो सामान्य प्रश्न हैं कम से कम उनके जवाब तो प्रस्तुत किये जाएँ :<br />१- इस सम्मान समारोह में कितने रुपये खर्च हुए?<br />२- जो रुपये खर्च हुए उनका स्रोत क्या था?<br />३- एवार्ड के लिए कितने ब्लागों का आकलन किया गया था?<br />४- एवार्ड तय करने वाले निर्णायक कौन-कौन थे?<br />५- किस ब्लॉगर को कितने वोट मिले ? <br />६- पुरस्कार चयन के मामले में पारदर्शिता क्यों नहीं रखी गई? <br />७- अचानक ही 'परिकल्पना सम्मान' से 'तस्लीम परिकल्पना सम्मान' होने का कारण क्या था?<br />८- स्वयं आयोजक होते हुए भी स्वयं को ही सम्मान देने का भोंडा मजाक क्यों?<br />९- सम्मान के लिए अपने ही ख़ास लोग क्यों चुने गए? <br />१०- कुछ अपने लोगों के विशेष केटेगरी क्यों बनायी गई? <br />११- सम्मान समारोह में ब्लॉगर की प्रतिष्ठा, योग्यता, अनुभव, उम्र जैसी बातों का <br /> ख्याल क्यों नहीं रखा गया?<br />१२- आप अंतर्राष्ट्रीय समारोह कर रहे हैं लेकिन व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं? <br /> दूर-दराज से ब्लॉगर आयेंगे वो कहाँ रुकेंगे, कहाँ-क्या खायेंगे-पियेंगे? इसके बारे <br /> में क्यों नहीं सोचा गया? </b> Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2239931836978162266.post-43033129071966958092012-09-07T18:38:20.085+05:302012-09-07T18:38:20.085+05:30अच्छा हुआ जो आपने सच आधा ही लिखा और आपको पूरा सच प...अच्छा हुआ जो आपने सच आधा ही लिखा और आपको पूरा सच पता भी नहीं है कि इस आयोजन में हिंदी की सेवा में लगे हुए कुछ सरकारी अधिकारी भी थे। जो कि हिंदी की सेवा के लिए सरकारी धन आवंटित करने के लिए जाने जाते हैं।<br />अन्ना भी एनजीओ की टोह लेने के खिलाफ हैं। परंतु यह स्पष्ट है कि जब तक पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट एनजीओ मिलकर काम नहीं करेंगे तब तक हिंदी का ढंग से भला नहीं हो पाएगा। अपने पैसे को विदेश जाने से रोकने का तरीका यही है कि किसी भी बहाने सरकारी पैसे को सरकारी खजाने से निकाल कर देश के बाजार में चलता कर दो।<br />इससे रामदेव बाबा की परेशानी कम हो जाएगी। <br />सम्मान समारोह के आयोजक हिंदी के साथ देश की सेवा कर रहे हैं। उनके प्रयास प्रशंसनीय हैं।Anti Virushttps://www.blogger.com/profile/08834888437483699520noreply@blogger.com